संदर्भ: 

हाल ही में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए राष्ट्रव्यापी कैशलेस उपचार योजना शुरू करने की घोषणा की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह योजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मार्च 2024 में चंडीगढ़ में शुरू की गई पायलट परियोजना पर आधारित है, जिसे बाद में असम, पंजाब, हरियाणा और पुडुचेरी सहित 6 अन्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेश में विस्तारित किया गया था।
  • पायलट परियोजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए एक फ्रेमवर्क स्थापित करना था, विशेष रूप से दुर्घटना के बाद महत्वपूर्ण “गोल्डन ऑवर” के दौरान।
  • अब जब यह योजना पूरे देश में लागू हो गई है, तो सरकार आपातकालीन चिकित्सा प्रतिक्रिया में सुधार और दुर्घटना से उबरने में सहायता के लिए मार्च 2025 तक एक संशोधित योजना लेकर आएगी।
  • इसके अतिरिक्त, सरकार ने अखिल भारतीय स्तर पर चालक प्रशिक्षण संस्थान (DTI) की स्थापना के लिए योजना भी शुरू की है, जो DTI की स्थापना के लिए प्रोत्साहन और स्वचालित परीक्षण स्टेशनों (ATS) और DTI के एकीकृत बुनियादी ढाँचे के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान करती है।

कैशलेस उपचार योजना की मुख्य विशेषताएँ 

  • इस योजना के तहत, सरकार सात दिनों के लिए 1.5 लाख रुपये तक के उपचार का खर्च वहन करेगी, बशर्ते पुलिस को दुर्घटना के बारे में 24 घंटे के भीतर सूचित कर दिया जाए।
  • यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर हुई मोटर वाहन से संबंधित सड़क दुर्घटनाओं के सभी पीड़ितों पर लागू होती है।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा के लिए दिए जाने वाले पैकेजों को भी इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के समन्वय से इस कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी होगी।
  • NHA  वर्ष 2019 में स्थापित सर्वोच्च निकाय है। यह भारत की प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा/आश्वासन योजना “आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
  • इसके अतिरिक्त, हिट-एंड-रन मामलों में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने “स्कीम फॉर गुड समैरिटन” भी शुरू की है। इसके तहत, हर घटना के लिए 5000 रुपये का नकद पुरस्कार उस गुड समैरिटन को दिया जाएगा जो आपातकालीन सहायता प्रदान करता है और दुर्घटना के समय सबसे कम समय में पीड़ित को उपचार देने और उसकी जान बचाने के लिए अस्पताल या ट्रॉमा केयर सेंटर पहुंचता है।

भारत में सड़क दुर्घटना के आंकड़े

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार 2024 में लगभग 1.80 लाख लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई, जिसमें 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं।
  • इनमें से 66% दुर्घटनाओं में 18 से 34 वर्ष की आयु के लोग शामिल थे।
  • शैक्षणिक संस्थानों के पास प्रवेश और निकास बिंदुओं पर अपर्याप्त व्यवस्था के कारण लगभग 10,000 बच्चे सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हुए।

सड़क सुरक्षा के लिए सरकारी उपाय

  • मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019: इसने उल्लंघनों के लिए दंड बढ़ा दिया तथा सड़क सुरक्षा के लिए प्रावधान शुरू किए, जिनमें हेलमेट और सीट बेल्ट न पहनने पर जुर्माना भी शामिल है।
  • इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (e-DAR) पोर्टल: इसने देश भर में सड़क दुर्घटना के आंकड़ों की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक सेंट्रल रिपॉजिटरी स्थापित किया। यह दुर्घटना मुआवजे के दावों के शीघ्रता से निपटान मे सहायता करता है, जिससे पीड़ित परिवारों को राहत मिलती है।
  • गुड समैरिटन कानून: मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 मे एक नई धारा 134A शामिल की गई , जिसे “गुड समैरिटन को संरक्षण” नाम दिया गया, इसमे यह प्रावधान है कि दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले लोग दुर्घटना के पीड़ित की किसी भी चोट या मृत्यु के लिए किसी भी सिविल या आपराधिक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।
  • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति 2010: यह देश में सड़क सुरक्षा गतिविधियों में सुधार के लिए सभी स्तरों पर सरकार द्वारा तैयार/शुरू की जाने वाली नीतिगत पहलों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
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