14वाँ अंतर्राष्ट्रीय सरकारी संचार मंच

संदर्भ: हाल ही में, 14वां अंतर्राष्ट्रीय सरकारी संचार मंच (IGCF 2025) शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित किया गया।

14वेंअंतर्राष्ट्रीय सरकारी संचार मंच  के बारे में 

• यह कार्यक्रम शारजाह सरकारी मीडिया ब्यूरो द्वारा आयोजित किया गया था और 9-11 सितंबर 2025 तक एक्सपो सेंटर शारजाह में आयोजित किया गया।

• IGCF 2025 का विषय “जीवन की गुणवत्ता के लिए संचार” है।

• इसकी चर्चाओं में खाद्य सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता और हरित अर्थव्यवस्था सहित वैश्विक प्राथमिकताओं की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा की गई।

• इस मंच में भाषण, पैनल चर्चाएँ, कार्यशालाएँ और इंटरैक्टिव प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं जिनका उद्देश्य जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने वाली नीतियों को आकार देना है।

• मंच का समापन शारजाह सरकार संचार पुरस्कार के साथ हुआ जिसे उत्कृष्टता और नवाचार को के लिए प्रदान किया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय सरकारी संचार मंच (IGCF)

• IGCF को पहली बार 2012 में शारजाह सरकारी मीडिया ब्यूरो द्वारा लॉन्च किया गया था और तब से इसे हर साल आयोजित किया जाता है।

• IGCF इस क्षेत्र का अपनी तरह का पहला मंच है जो वैश्विक सरकारी संचार विशेषज्ञों को इस क्षेत्र में सर्वोत्तम अभ्यासों पर जानकारी जुटाने के लिए एक साथ एक मंच पर लाता है।

फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP)

संदर्भ: हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री ने यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर पांच अन्य हवाई अड्डों पर फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम (FTI-TTP) का उद्घाटन किया।

FTI-TTP के बारे में 

• FTI-TTP पूर्व-सत्यापित भारतीय नागरिकों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारकों के लिए निर्बाध और त्वरित आव्रजन प्रक्रिया प्रदान करता है, जिससे उन्हें लंबी कतारों में लगे बिना लगभग 30 सेकंड में प्रक्रिया पूरी करने में मदद मिलती है।

• यह e-गेट्स पर बायोमेट्रिक सत्यापन का उपयोग करके तेज़, सुचारू और अधिक सुरक्षित अंतर्राष्ट्रीय आवागमन की सुविधा प्रदान करता है।

• इसे सबसे पहले 2024 में दिल्ली हवाई अड्डे पर लॉन्च किया गया था, बाद में इसे मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, कोच्चि और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों में विस्तारित किया गया और अब इसका लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, त्रिची, कोझीकोड और अमृतसर सहित पांच और हवाई अड्डों तक विस्तार किया गया है। इस प्रकार, अब यह 13 हवाई अड्डों पर परिचालन में है।

• यह कार्यक्रम प्रवेश और निकास के लिए e-गेट पर बायोमेट्रिक सत्यापन का उपयोग करके यात्रियों की सुविधा और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को बढ़ाता है।

• FTI-TTP को अंततः देश के 21 प्रमुख हवाई अड्डों पर लॉन्च किया जाएगा।

FTI-TTP  की कार्यप्रणाली 

• FTI-TTP को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से क्रियान्वित किया गया है।

• आवेदकों को FTI-TTP पोर्टल पर विवरण और दस्तावेज़ जमा करके ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।

• पंजीकरण के बाद, यात्री e-गेट्स पर अपने बोर्डिंग पास और पासपोर्ट को स्कैन कर सकते हैं, जहाँ बायोमेट्रिक सत्यापन से तत्काल आव्रजन मंज़ूरी मिल जाती है।

• अब तक लगभग 3 लाख लोगों ने इसमें पंजीकरण कराया है और 2.65 लाख लोग पहले से ही इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं।

• सरकार का लक्ष्य इस प्रणाली को नवी मुंबई और जेवर जैसे आगामी हवाई अड्डों के साथ एकीकृत करना है ताकि भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारकों दोनों को इसका लाभ मिल सके।

INS अरावली 

संदर्भ: हाल ही में, भारतीय नौसेना ने गुरुग्राम में अपने नवीनतम नौसैनिक बेस (Naval Base), आईएनएस अरावली को शुरू किया जो इसकी सूचना और संचार अवसंरचना को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण है।

INS अरावली के बारे में 

• भारतीय नौसेना के नवीनतम नौसैनिक बेस आईएनएस अरावली को 12 सितंबर 2025 को नौसेना प्रमुख की उपस्थिति में गुरुग्राम में कमीशन किया गया।

  • नौसैनिक बेस एक सैन्य सुविधा है जहाँ जहाज खड़े होते हैं, उनका रखरखाव किया जाता है। यहाँ नौसेना के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।

• अडिग अरावली पर्वतमाला के नाम पर स्थापित यह बेस कमान, नियंत्रण और समुद्री क्षेत्र जागरूकता (MDA) संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

• इसे सुदृढ़ प्रशासनिक और सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे सुचारू और कुशल नौसैनिक संचालन सुनिश्चित होगा।

• यह बेस प्रौद्योगिकी और सहयोग के केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जो महासागरों के पार प्लेटफार्मों और साझेदारों को जोड़ेगा।

• इसका आदर्श वाक्य, “सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा”, नौसेना के टीम वर्क और साझेदारी को दर्शाता है।

• आईएनएस अरावली, महासागर (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) के दृष्टिकोण का प्रतीक है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में एक विश्वसनीय सुरक्षा साझेदार के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति

संदर्भ: हाल ही में, श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में शपथ ली।

भारत का उपराष्ट्रपति

• उपराष्ट्रपति भारत में दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी होता है और वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।

• उसका निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से होता है।

• इस निर्वाचन का आयोजन एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सभी सदस्य शामिल होते हैं।

• उपराष्ट्रपति पदभार ग्रहण की तिथि से पाँच वर्षों की अवधि के लिए पद पर रहता है।

• वह कभी भी राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र देकर अपने पद से इस्तीफा दे सकता है।

श्री सी. पी. राधाकृष्णन

• श्री सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तिरुप्पूर (तमिलनाडु) में हुआ था। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

• वर्ष 1998 में वे कोयंबटूर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और उनकी लोकप्रियता के चलते 1999 में पुनः निर्वाचित हुए।

• वर्ष 2004 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संबोधित किया और ताइवान भेजे गए प्रथम संसदीय प्रतिनिधिमंडल में भी भाग लिया।

• वर्ष 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित नारियल बोर्ड (Coir Board) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

• इसके पश्चात वर्ष 2020 से 2022 तक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के केरल राज्य प्रभारी के रूप में कार्य किया और संगठनात्मक दायित्वों का विस्तार किया।

• वर्ष 2023 में उन्हें झारखंड के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया। साथ ही, उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुदुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी अतिरिक्त कार्यभार संभाला।

• भारत के उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने से पूर्व, श्री राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में लगभग एक वर्ष से अधिक की अवधि तक कार्य किया।

नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री

संदर्भ: हाल ही में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।

अन्य संबंधित जानकारी 

• नेपाल के राष्ट्रपति श्री रामचंद्र पौडेल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्रीमती सुशीला कार्की को देश की संक्रमणकालीन सरकार की प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

• 12 सितंबर, 2025 को नेपाल के राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया, क्योंकि कई दिनों से जारी राजनीतिक अस्थिरता में कुछ शांति के संकेत मिलने लगे थे। साथ ही, उन्होंने 5 मार्च, 2026 को नए आम चुनाव कराने की घोषणा भी की।

• सुशीला कार्की का चयन एक विशिष्ट सार्वजनिक मतदान प्रक्रिया के माध्यम से हुआ, जिसका संचालन नेपाल के Gen-Z आंदोलनकारी युवाओं द्वारा Discord प्लेटफॉर्म पर किया गया। इस प्रक्रिया में वे युवा नेतृत्व तथा पारंपरिक राजनीतिक शक्तियों, दोनों के लिए सर्वाधिक स्वीकार्य व्यक्तित्व के रूप में उभरीं।

• प्रधानमंत्री कार्की का उद्देश्य व्यवस्था की पुनर्स्थापना, चुनावों का आयोजन तथा नेपाल के सतत विकास को सुनिश्चित करना है।

श्रीमती सुशीला कार्की

• श्रीमती सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को शंकरपुर, विराटनगर (नेपाल) में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विराटनगर में ही प्राप्त की।

• उन्होंने भारत के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की तथा वर्ष 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (Bachelor of Laws) की डिग्री अर्जित की।

• उन्होंने वर्ष 1979 में अपने विधिक जीवन की शुरुआत की और शीघ्र ही सम्मानित अधिवक्ता के रूप में प्रतिष्ठित हुईं। वे कोशी अंचल बार एसोसिएशन तथा विराटनगर अपीलीय बार संघ की अध्यक्ष भी रहीं।

• उनकी न्यायिक यात्रा वर्ष 2009 में प्रारंभ हुई, जब उन्हें नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वहाँ उन्होंने अपनी स्वतंत्रता और निडरता के लिए विशेष ख्याति प्राप्त की।

• जुलाई 2016 में उन्हें नेपाल की प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। उनके पीठ ने कई महत्वपूर्ण एवं उच्च-प्रोफ़ाइल भ्रष्टाचार मामलों में ऐतिहासिक निर्णय सुनाए।

• यद्यपि उन्हें नेपाली कांग्रेस के कोटा के अंतर्गत नामित किया गया था, तथापि उनके सहकर्मियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी राजनीतिक दबाव के आगे झुकाव नहीं दिखाया तथा सदैव न्यायिक मर्यादा और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी।

• उनका मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यकाल जून 2017 में समाप्त हुआ।

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