संदर्भ:
हाल ही में, उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs) ने विधिक माप विज्ञान (भारतीय मानक समय) नियम, 2025 के मसौदे को अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्य “एक राष्ट्र, एक समय” के लिए पूरे देश में समय को मानकीकृत करना है।
अन्य संबंधित जानकारी
- मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड की सटीकता के साथ IST प्रसारित करने के लिए उपभोक्ता मामले विभाग, राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस पहल में सहयोग करेंगे।
- इस परियोजना का उद्देश्य पूरे भारत में पाँच विधिक मापविज्ञान प्रयोगशालाओं से IST के प्रसार के लिए प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है।
- वर्तमान समस्या यह है कि सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSPs) और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) द्वारा IST को अनिवार्य रूप से नहीं अपनाया गया है, जिनमें से कई GPS जैसे विदेशी समय स्रोतों पर निर्भर हैं।
- विधिक मापविज्ञान अधिनियम, 2009 के अंतर्गत IST को अपनाने के लिए नीतिगत ढाँचा, विनियमन और कानून तैयार करने हेतु एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की गई थी।
मसौदा नियमों के प्रमुख प्रावधान
- सभी क्षेत्रों में भारतीय मानक समय (IST) के उपयोग को मानकीकृत और अनिवार्य बनाना।
- IST के साथ कानूनी, प्रशासनिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का समन्वय करना।
- नेटवर्क टाइम प्रोटोकॉल (NTP) या प्रिसिजन टाइम प्रोटोकॉल (PTP) जैसे विश्वसनीय सिंक्रोनाइजेशन प्रोटोकॉल का उपयोग करना।
- साइबर सुरक्षा उपाय और लचीलेपन के लिए वैकल्पिक संदर्भ तंत्र तैयार करना।
- वैज्ञानिक, खगोलीय और नेविगेशन संबंधी अपवाद पूर्व सरकारी अनुमोदन से दिए जा सकते हैं।
- समय-समय पर निगरानी और गैर-अनुपालन के लिए दंड का प्रावधान करना।
- क्रियान्वयन और सटीकता मानकों के लिए दिशानिर्देश तैयार करना।
नियमों का महत्व
- नेविगेशन, दूरसंचार, पावर ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन, बैंकिंग, डिजिटल गवर्नेंस तथा डीप स्पेस नेविगेशन और गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने सहित अत्याधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इस परिशुद्धता की आवश्यकता महत्वपूर्ण है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा, वास्तविक समय अनुप्रयोगों और महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं के सुचारू संचालन के लिए सभी नेटवर्क और प्रणालियों को IST के अनुरूप समन्वयित करना आवश्यक है।
- इससे आर्थिक दक्षता बढ़ेगी तथा उद्योगों और सार्वजनिक सेवाओं के बीच निर्बाध संपर्क संभव होगा।