संदर्भ: 

हाल ही में, प्रधानमंत्री ने स्वामित्व (SVAMITVA) योजना के तहत एक ही दिन में 65 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को संपत्ति कार्ड वितरित किया।  

अन्य संबंधित जानकारी  

  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस महत्वपूर्ण ई-वितरण समारोह में 10 राज्यों और 2 केंद्र-शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गाँवों को शामिल किया गया, जो ग्रामीण शासन और सशक्तिकरण में अभूतपूर्व उपलब्धि है।   
  • इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ ही स्वामित्व (SVAMITVA) योजना के तहत वितरित संपत्ति कार्डों की कुल संख्या 2.25 करोड़ हो गई है।  

स्वामित्व योजना के बारे में

  • प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर स्वामित्व (गाँवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) का शुभारंभ किया गया था। 
  • यह पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जो उन्नत ड्रोन और GIS प्रौद्योगिकी का उपयोग करके भूमि खंड (पार्सल) का मानचित्रण करके कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड/ नामयुक्त विलेख) जारी करने के साथ ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में घरों के मालिक को ‘अधिकारों वाला अभिलेख’ प्रदान करती है।  

उद्देश्य:

  • सटीक भूमि अभिलेखों को तैयार करना तथा संपत्ति संबंधी विवादों में कमी लाना।
  • भारत के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को ऋण लेने तथा अन्य वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी संपत्ति को वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में इस्तेमाल करने में सक्षम बनाकर वित्तीय स्थिरता लाना। 
  • संपत्ति कर का निर्धारण करना, यह उन राज्यों में सीधे ग्राम पंचायतों को प्राप्त होगा, जहाँ इसे हस्तांतरित किया गया है या फिर राज्य के राजकोष में शामिल किया जाएगा।
  • किसी भी विभाग द्वारा उपयोग किए जाने वाले सर्वेक्षण अवसंरचना और GIS मानचित्रों को तैयार करना।
  • GIS मानचित्रों का उपयोग करके बेहतर गुणवत्ता वाली ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) बनाने में मदद करना। 

क्रियान्वयन प्रक्रिया:

  • समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर: इसकी प्रक्रिया भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SoI) और राज्य सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद शुरू होता है।
  • सर्वेक्षण और मानचित्रण: इस प्रक्रिया में ड्रोन का इस्तेमाल करके ग्रामीण क्षेत्रों का मानचित्रण करना और ग्राम-स्तरीय GIS मानचित्र (1:500 स्केल) तैयार करना शामिल है।
  • वास्तविक स्थान पर सत्यापन: ड्रोन सर्वेक्षण के बाद वास्तविक स्थान पर सत्यापन किया जाता है, और यदि कोई सुधार होता है तो उसे किया जाता है।  
  • विवादों का समाधान: जाँच और आपत्ति प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी विवाद या संघर्ष का समाधान हो जाए।
  • संपत्ति कार्ड वितरण: अंतिम सत्यापन के बाद, भूमि मालिकों को संपत्ति कार्ड (जिन्हें संपत्ति पत्रक के रूप में जाना जाता है) जारी किए जाते हैं। 

चुनौतियाँ:  

  • कई राज्यों में आबादी भूमि स्वामित्व को अद्यतन करने और अभिलिखित करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली नहीं थी।
  • राजस्व कर्मचारियों को मानचित्रों को अद्यतन करने के लिए ऑनलाइन आवेदन का उपयोग करने हेतु प्रशिक्षण प्रदान नहीं किया गया है। 
  • नागरिकों को स्वामित्व योजना के लाभों की जानकारी नहीं है। 
  • जनजातीय क्षेत्रों में सामुदायिक भूमि के स्वामित्व और पारिवारिक विवादों के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों ने संपत्ति के अधिकारों के निपटान को कठिन बना दिया है।
  • तमिलनाडु, बिहार और ओडिशा ने इस योजना से बाहर रहने का विकल्प चुना है, क्योंकि उन्होंने पहले ही अपने ग्रामीण भूमि रिकॉर्ड को अद्यतन कर लिया है।

उपलब्धियाँ:

  • राष्ट्रीय स्तर पर, इस योजना के अंतर्गत कुल 3,46,187 गाँवों को अधिसूचित किया गया है, जिनमें से 3.17 लाख गाँवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्षित गाँवों के 92% कवरेज को प्रदर्शित करता है। 
  • राज्य को जाँच के लिए मानचित्र सौंपने के साथ-साथ 1.53 लाख गाँवों के लिए संपत्ति कार्ड को तैयार किया गया हैं। इसके परिणामस्वरूप लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड जारी किए गए हैं।
  • यह योजना पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूर्णतः कार्यशील है।
  • कुल 67,000 वर्ग किमी ग्रामीण आबादी का भूमि का सर्वेक्षण किया गया है, जिसकी कीमत 132 लाख करोड़ रुपये आँकी गई है, जो इस पहल के आर्थिक महत्व को रेखांकित करता है।
  • सभी गाँवों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, में संपत्ति कार्ड का वितरित करने से यहाँ 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक गतिविधियाँ शुरू होने की संभावना है।  
  • स्वामित्व योजना की सफलता ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबका ध्यान आकर्षित किया है। भारत के इस अभिनव भूमि प्रशासन मॉडल को मार्च, 2025 में इंटरनेशनल वर्कशॉप और मई, 2025 में विश्व बैंक के लैंड गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शित किया जाएगा।
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