संदर्भ:
भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (ADB) ने मेघालय में जलवायु-अनुकूलन समुदाय-आधारित जल-संचयन प्रणाली के निर्माण हेतु 50 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
अन्य संबंधित जानकारी
इस ऋण का उद्देश्य मेघालय में जल की उपलब्धता बढ़ाना और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति सामुदायिक भेद्यता को कम करना है।
यह ऋण ADBके राज्य जल संरक्षण और विकास (SWCD) कार्यक्रम के तहत स्वीकृत किया गया है।
- SWCDपहल विशेष रूप से जल सुरक्षा और प्रबंधन पर केंद्रित है।
परियोजना के बारें में
- यह परियोजना मेघालय राज्य जल नीति (MSWP) 2019 के अनुरूप है, जो स्थायी जल संसाधन प्रबंधन, सुभेद्यता को कम करने और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा देने पर बल देती है।
- यह परियोजना गारो, जयंतिया और खासी क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा सूक्ष्म-जल विद्युत प्रणालियों का प्रारंभिक-परीक्षण भी करेगी।
- इसके अलावा, यह परियोजना किसानों, विशेष रूप से महिलाओं को बागवानी और मत्स्य पालन तकनीकों सहित सिंचित कृषि में उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित करेगी।
जल-संचयन प्रणाली(WHS) मास्टर प्लान के बारें में:
- यह परियोजना सूक्ष्म जलग्रहण क्षेत्रों और आपदा जोखिम प्रबंधन पर विचार करते हुए एक राज्यव्यापी WHS मास्टर प्लान विकसित करेगी।
- यह योजना ग्राम स्तर पर जल सुरक्षा रणनीतियों का मार्गदर्शन करेगी जिसे ग्राम परिषदों, जल-विभाजक समितियों और जल उपयोगकर्ता संघों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
जल-भंडारण सुविधाओं का निर्माण:
- मेघालय के 12 जिलों में 532 लघु जल-भंडारण सुविधाएं बनाई जाएंगी।
- ये जलवायु-लचीला सुविधाएं मानसून के दौरान भारी वर्षा और अकस्मिक बाढ़ को नियंत्रित करेंगी, जिससे शुष्क मौसम के दौरान जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सिंचाई और जलवायु आकड़ों का संग्रह:
- परियोजना किसानों के लिए विश्वसनीय सिंचाई क्षेत्र प्रदान करने के लिए 3,000 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र विकसित करेगी।
- यह गारो, जयंतिया और खासी क्षेत्रों में जलवायु आँकड़ा संग्रह, निगरानी तथा लघु सिंचाई प्रणालियों के लिए 50 मौसम केंद्र स्थापित करेगा।
परियोजना में ADB की भूमिका
- ADB जल प्रबंधन में मेघालय राज्य जलग्रहण एवं बंजर भूमि विकास एजेंसी तथा मृदा और जल संरक्षण विभाग की क्षमता को मजबूत करने में मदद करेगा।
- एशियाई विकास बैंक MSWP को लागू करने और जल सुरक्षा योजनाओं में जलवायु अनुकूलन उपायों को एकीकृत करने में राज्य की सहायता करेगा। यह कृषि, मत्स्य पालन, बागवानी, जल आपूर्ति और अन्य उत्पादक आजीविका की सहायता करने के लिए जल संचयन प्रणाली (WHS) को डिजाइन करने पर मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।