संदर्भ

पहली बार अष्टलक्ष्मी महोत्सव 6 से 8 दिसंबर, 2024 तक दिल्ली में स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में मनाया जाएगा।

विवरण:

  • माननीय प्रधानमंत्री 6 दिसंबर को इस भव्य महोत्सव का उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों- असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम की सुंदरता, विविधता और क्षमता को उजागर करना है।
  • ‘अष्टलक्ष्मी’ के रूप में जाने जाने वाले ये राज्य देवी लक्ष्मी द्वारा सन्निहित समृद्धि के आठ रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं: समृद्धि, ऐश्वर्य, पवित्रता, धन, ज्ञान, कर्तव्य, कृषि और पशुपालन।

उद्देश्य और महत्व:

  • पहली बार अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के जीवंत वस्त्र, पर्यटन, पारंपरिक शिल्प और अद्वितीय भौगोलिक संकेत (GI) उत्पादों को उजागर करना है।
  • महोत्सव में पूर्वोत्तर भारत में बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व और इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर भी जोर दिया जाएगा।

महोत्सव का शुभंकर:

कार्यक्रम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव की शुभंकर पूर्वी को पेश किया गया। पूर्वी, एक छोटी लड़की है जो पूर्वोत्तर भारत के सभी आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है और एकता और विविधता का प्रतीक है।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:

  • अष्टलक्ष्मी महोत्सव में 250 से अधिक कारीगर अद्वितीय हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि-बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें 34 GI-टैग वाली वस्तुएँ शामिल हैं, जो पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि को उजागर करती हैं।
  • मुख्य आकर्षणों में PANGPARI बैंड, सूफ़ीयम, प्रसाद बिदापा का फैशन शो और अंतिम दिनों में भावपूर्ण बसाव, फेदरहेड्स हाओकुई और ताई खामती नृत्य का प्रदर्शन भी शामिल है।
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