हाल ही में, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने अक्टूबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि का आंकड़ा जारी किया है।
यह प्रगति भारत की स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो ‘पंचामृत‘ लक्ष्यों के अनुरूप है।
कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता: भारत ने 24.2 GW अक्षय ऊर्जा जोड़ी, जिससे अक्टूबर 2024 तक कुल क्षमता 203.18 GW (13.5%) पहुंच गई, जो कि अक्टूबर 2023 में 178.98 GW थी। जब परमाणु ऊर्जा को भी शामिल किया जाता है, तो कुल गैर-जीवाश्म ईंधनक्षमता 211.36 GW तक पहुंचगई, जो 2023 में 186.46 GW थी।
- सौर ऊर्जा: सौर क्षमता में 20.1 GW (27.9%) की वृद्धि हुई, जिससे यह अक्टूबर 2024 तक 92.12 GW तक पहुंच गई। विकासाधीन परियोजनाओं सहित कुल सौर क्षमता 250.57 GW तक पहुंच गई, जो पिछले साल 166.49 GW थी।
- पवन ऊर्जा: पवन ऊर्जा में 7.8% की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर 2023 में 44.29 GW से बढ़कर अक्टूबर 2024 में 47.72 GW हो गई। पवन परियोजनाओं का विकासाधीन कुल क्षमता अब 72.35 GW तक पहुंच गई।
- जल और परमाणु ऊर्जा: बड़े जल परियोजनाओं ने 46.93 GW का योगदान दिया, और परमाणु ऊर्जा ने 8.18 GW की वृद्धि की, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा पोर्टफोलियो में विविधता आई।
- क्षमता वृद्धि: अप्रैल से अक्टूबर 2024 तक भारत ने 12.6 GW अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी। अक्टूबर 2024 में अकेले 1.72 GW जोड़ा गया। विकासाधीन और निविदा में कुल क्षमता 233.63 GW तक पहुंच गई, जो 2023 में 154.21 GW से अधिक है।
भारत की वैश्विक रैंकिंग अक्षय ऊर्जा में (REN21 रिन्यूएबल्स 2024 ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार):
- 3rd – तीसरी सबसे बड़ी ऊर्जा उपभोक्ता देश के रूप में।
- 4th – अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता में (बड़े जलविद्युत को शामिल करते हुए) ।
- 4th – पवन ऊर्जा क्षमता में।
- 5th – सौर ऊर्जा क्षमता में।
यह वृद्धि भारत की अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता और एक स्वच्छ, हरित ऊर्जा भविष्य की ओर इसके संक्रमण को दर्शाती है।