संदर्भ:
हाल ही में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की सहायक कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) ने भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हेपेटाइटिस A वैक्सीन, हैविस्योर (0.5 ml) की बाल चिकित्सा खुराक लॉन्च की।
अन्य संबंधित जानकारी:
- इसका उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों, विशेषकर बच्चों को लाभ पहुंचाना है ।
- हैविस्योर दो खुराकों में उपलब्ध होगा: बच्चों के लिए 0.5 ml और वयस्कों के लिए 1 ml.
- यह “मेक इन इंडिया” पहल के अनुरूप है और बच्चों के स्वस्थ भविष्य का समर्थन करता है।
- IIL अब भारत में स्वदेशी हेपेटाइटिस A वैक्सीन विकसित करने वाली एकमात्र कंपनी है।
हैविस्योर के बारे में :
- हैविस्योर वैक्सीन की कीमत 2,150 रुपये प्रति खुराक है और इसे दो खुराक में दिया जाता है।
- पहली खुराक 12 महीने से अधिक आयु के बच्चों को दी जाती है , इसके कम से कम छह महीने बाद दूसरी खुराक दी जाती है।
- हेपेटाइटिस A के विरुद्ध प्रभावी प्रतिरक्षा स्थापित करने के लिए यह कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- यह टीका GSK के हैवरिक्स जैसे अग्रणी वैश्विक टीकों के बराबर है ।
हेपेटाइटिस A
- यह यकृत की सूजन होती है जो हल्की से लेकर गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है।
- यह तीव्र (अल्पकालिक) संक्रमण या दीर्घकालिक संक्रमण हो सकता है।
- संक्रमण – हेपेटाइटिस A वायरस (HAV) दूषित भोजन और पानी के सेवन या किसी संक्रामक व्यक्ति के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है।
- भौगोलिक वितरण: यह निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सामान्य है।
- लक्षण: बुखार, अस्वस्थता, भूख न लगना, दस्त, उल्टी, पेट में तकलीफ, गहरे रंग का मूत्र और पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना) और ऊष्मायन अवधि; 14-28 दिन।
- उपचार: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हेपेटाइटिस A के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। संक्रमण के बाद लक्षणों से उबरने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है तथा इसमें कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं।
- रोकथाम: बेहतर स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा और टीकाकरण।
वैक्सीन के लिए पात्रता :
- हैविस्योर की सिफारिश विभिन्न समूहों के लिए की जाती है, जिनमें नियमित टीकाकरण के तहत बच्चों , हेपेटाइटिस A के उच्च प्रसार वाले क्षेत्रों की यात्रा करने वाले व्यक्ति , तथा व्यावसायिक जोखिम वाले या दीर्घकालिक यकृत रोग वाले व्यक्ति शामिल हैं।
हेपेटाइटिस से निपटने हेतु भारत की पहल:
राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम: कार्यक्रम का उद्देश्य हेपेटाइटिस से लड़ना और 2030 तक देश भर में हेपेटाइटिस C का उन्मूलन करना है।
- हेपेटाइटिस A और E के कारण होने वाले जोखिम, रुग्णता और मृत्यु दर को कम करना।
- हेपेटाइटिस B और C से जुड़ी संक्रमित आबादी, रुग्णता और मृत्यु दर में महत्वपूर्ण कमी लाना।
भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) : हेपेटाइटिस B भारत के UIP में शामिल है, जो हेपेटाइटिस सहित 12 जानलेवा बीमारियों के विरुद्ध बच्चों को मुफ्त टीकाकरण प्रदान करता है ।
- UIP प्रतिवर्ष 26 मिलियन बच्चों को निःशुल्क टीके उपलब्ध कराता है ।
- भारत सरकार के पास एक इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) भी है जो सभी स्तरों पर टीकों के भंडारण और लॉजिस्टिक्स को ट्रैक करता है।