संदर्भ:

हाल ही में, विश्व महासागर दिवस (8 जून) के अवसर पर, अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) के प्रमुख ने सदस्य देशों से खुला सागर हेतु जैव-विविधता संधि अर्थात जैव विविधता संधि के लिए प्रयास करने का आग्रह किया।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) ने सदस्य देशों से खुले सागर हेतु जैव विविधता संधि (High Seas Biodiversity Treaty) के अनुसमर्थन या पुष्टि के प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया, जो विशाल और व्यापक स्तर पर अनियमित खुले सागरों की रक्षा के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समझौता है।

खुले सागर हेतु जैव विविधता संधि (High Seas Biodiversity Treaty)

  • इसे औपचारिक रूप से राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे जैव विविधता (Biodiversity Beyond National Jurisdiction – BBNJ) के संरक्षण हेतु समझौते के रूप में जाना जाता है। इसे जून, 2023 में देशों के द्वारा अपनाया गया था।
  • संयुक्त राष्ट्र ने इस संधि को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून कन्वेंशन (UNCLOS) के तहत अपनाया है।
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से परे क्षेत्रों (Areas Beyond National Jurisdiction-ABNJ) में समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र का सरक्षण करना है।
  • अब तक, 90 देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। हालाँकि, यह तभी लागू होगी जब कम से कम 60 देश इस पर हस्ताक्षर और अनुसमर्थन या पुष्टि कर देंगे।
  • भारत ने न तो इस संधि पर हस्ताक्षर किया हैं और न ही इसका अनुसमर्थन किया है।
  • अब तक केवल सात देशों – बेलीज़ (Belize), चिली, मॉरीशस, संघीय राज्य माइक्रोनेशिया (Federated States of Micronesia, Monaco), मोनाको, पलाऊ और सेशेल्स – ने इस प्रक्रिया को पूरा किया है।
  • फोकस: यह विश्व के लगभग दो-तिहाई महासागरों को कवर करने वाले अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में समुद्री जैव-विविधता की सुरक्षा और स्थायी प्रबंधन करता है।
  • महत्व: ये क्षेत्र व्यापक स्तर पर अनियमित हैं और समुद्री जीवन को नुकसान पहुँचने की संभावना वाले कार्य जैसे कि अत्यधिक मछली पकड़ना, गहरे समुद्र में खनन और अन्य गतिविधियों के प्रति संवेदनशील हैं।

फ़ायदे: 

  • समुद्री संरक्षित क्षेत्रों (Marine Protected Areas-MPAs) का गठन: यह समुद्री जैव विविधता के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे के क्षेत्रों (एबीएनजे) में समुद्री संरक्षित क्षेत्रों (Marine Protected Areas-MPAs) के गठन को संभव बनाएगा।
  • गतिविधियों का विनियमन: इससे पर्यावरणीय नुकसान को रोकने के लिए मछली पकड़ने, शिपिंग और गहरे समुद्र में खनन जैसी गतिविधियों का निरीक्षण और विनियमन करने में मदद मिलेगी।
  • पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (Environmental Impact Assessments-EIAs): यह पर्यावरणीय महत्वों से संबंधित निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में संयोजित करने हेतु गतिविधियों को अधिकृत करने से पूर्व पर्यावरणीय प्रभाव आकलन को अनिवार्य बनाएगा।
  • समुचित एवं न्यायसंगत लाभ साझाकरण: यह समुद्री आनुवंशिक संसाधनों के उपभोग, क्षमता निर्माण और समुद्री प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से प्राप्त लाभों का न्यायसंगत वितरण में सक्षम बनाएगा। 

खुला सागर  

  • खुला सागर वैश्विक महासागर के वे क्षेत्र हैं जो राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।
  • वे विश्व के महासागरों का एक बड़ा हिस्सा हैं जो कि कई तरह की जैव-विविधता का घर हैं। इसके बावजूद, विश्व के दो प्रतिशत से भी कम खुले समुद्र किसी कानून द्वारा संरक्षित हैं।
  • खुले सागर में होने वाली गतिविधियाँ अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून कन्वेंशन (UNCLOS) द्वारा शासित होती हैं।

संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून कन्वेंशन (UNCLOS) खुले सागर पर सभी देशों के लिए कुछ स्वतंत्रता की गारंटी देता है, जिनमें शामिल हैं:

  • नौवहन – नौवहन की स्वतंत्रता जहाजों और विमानों को खुले समुद्र में स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति देती है।
  • मछली पकड़ना – इसमें मछली पकड़ने की अनुमति है, लेकिन स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को समुचित ढंग से लागू किया जा रहा है।      

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