संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन|
संदर्भ:
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में आतिशबाजी पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध में छूट देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अस्थायी तौर पर हरित पटाखों की बिक्री करने और उपयोग की अनुमति दे दी है।
अन्य संबंधित जानकारी
- अर्जुन गोपाल बनाम भारत संघ (2018) मामले के फैसले का उल्लेख करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विनियमन अपेक्षित तंत्र है न कि निषेध।
- पीठ ने इस छूट को “परीक्षण का मामला” कहा, जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयासों के साथ एक विनियमित ढांचा सह-अस्तित्व में रह सकता है।
- न्यायालय ने उन निर्माताओं को हरित पटाखे बनाने और अपना परिचालन जारी रखने की अनुमति दे दी है, जिन्हें NEERI और PESO द्वारा प्रमाणित किया गया हो।
- न्यायालय ने पटाखा उद्योग के खिलाफ “कठोर और अधिनायकवादी दृष्टिकोण” के बजाय पटाखा उद्योग में आजीविका और स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त पर्यावरण के अधिकार की रक्षा के लिए “संतुलित दृष्टिकोण” अपनाने पर जोर दिया।
हरित पटाखे
हरित पटाखों को सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) द्वारा विकसित किया गया है। इसके लिए पटाखों के खोल का आकार छोटा किया जाता है, राख को हटाया जाता है, कम कच्चे माल का उपयोग किया जाता है, तथा इसमें धूल को दबाने वाले योजक मिलाए जाते हैं।
हरित पटाखों के प्रकार:
- SWAS (सेफ वॉटर रिलीज़र): धूल और कण पदार्थों को कम करने के लिए इसमें पानी के अणु मिले होते हैं।
- STAR (सेफ थर्माइट क्रैकर): दहन के दौरान कम उष्मीय ऊर्जा और प्रदूषक उत्सर्जित हो, इसे ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है।
- SAFAL (सेफ मिनिमल एल्युमीनियम): धातु उत्सर्जन को सीमित करने के लिए इसमें एल्युमीनियम की कम मात्रा मिलाई जाती है।
हरित पटाखों के प्रमुख लाभ:
- कम उत्सर्जन: वे 30-35% कम पार्टिकुलेट मैटर और सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) जैसी हानिकारक गैसें उत्सर्जित करते हैं।
- शोर में कमी: पारंपरिक पटाखों की 160+ डेसिबल की ध्वनि की तुलना में इनका ध्वनि स्तर अधिकतम 110-125 डेसिबल तक होता है।
- सुरक्षित रसायन: इनमें बेरियम नाइट्रेट, आर्सेनिक और पारा जैसे विषैले पदार्थों का उपयोग नहीं होता बल्कि पोटेशियम नाइट्रेट और न्यूनतम एल्युमीनियम जैसे सुरक्षित यौगिकों का उपयोग होता है।
- स्मार्ट डिज़ाइन: छोटे खोल, धूल को दबाने की क्षमता और राख-मुक्त संरचना के कारण प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ: प्रदूषण कम होने से श्वसन संबंधी बीमारियों, सिरदर्द और आंखों में जलन का खतरा कम हो जाता है जैसा कि आमतौर पर त्योहारों के दौरान प्रदूषण से होता है।
हरित पटाखों की कमियाँ
- मृदा संदूषण: पटाखे जलाने के बाद मृदा का विश्लेषण करने से इस बात की पुष्टि हुई कि एल्युमीनियम, तांबा और स्ट्रोंटियम जैसे अवशिष्ट धातु कण अभी भी मौजूद हैं।
- अति सूक्ष्म कणों (UFPs) में वृद्धि: ये नैनोकण उत्सर्जन फेफड़ों और रक्तप्रवाह में गहराई तक जा सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: दहन के दौरान उत्पन्न घुलनशील बेरियम ऑक्साइड और एल्यूमीनियम कणों जैसे धातु-समृद्ध PM के संपर्क में आने से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय अतालता (Cardiac Arrhythmia) हो सकती है।
- कार्यान्वयन की चुनौतियां: नकली उत्पादों के प्रसार के कारण उपभोक्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करना कठिन हो जाता है कि वे प्रमाणित कम उत्सर्जन वाला पटाखा खरीद रहे हैं।
