संदर्भ:
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगभग 102 टन स्वर्ण पुन: प्राप्त किया है जिसे बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में सुरक्षित रखा गया था।
अन्य संबंधित जानकारी:
- आरबीआई द्वारा स्वर्ण प्रत्यावर्तन: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में बैंक ऑफ इंग्लैंड सहित विदेशी भंडारण सुविधाओं से 130 मीट्रिक टन स्वर्ण पुन: प्राप्त किया है।
- रणनीतिक बदलाव: यह प्रत्यावर्तन एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है क्योंकि आरबीआई घरेलू स्तर पर अपने स्वर्ण भंडार को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है जो आर्थिक आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
- आर्थिक आत्मविश्वास का संकेत: ये कदम भारत की बढ़ती आर्थिक लचीलापन और दीर्घकालिक स्थिरता में विश्वास को उजागर करते हैं।
आरबीआई में स्वर्ण भंडार के बारे में:
- घरेलू स्वर्ण भंडार में वृद्धि: RBI की घरेलू स्वर्ण परिसंपत्तियाँ अब 854.73 मीट्रिक टन तक पहुँच गई हैं जिसमें से 510.5 टन केंद्रीय बैंक की विभिन्न तिजोरियों में सुरक्षित रखा गया है। यह घरेलू स्तर पर मार्च 2022 में 295.82 मीट्रिक टन स्वर्ण की तुलना में 60% की वृद्धि दर्शाता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में स्वर्ण की भूमिका: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में स्वर्ण की हिस्सेदारी बढ़कर सितंबर 2024 में 9.32% हो गई जो मार्च 2024 में 8.15% थी। यह विविधीकरण आरबीआई के विदेशी भंडार पोर्टफोलियो में एक स्थिर कारक के रूप में स्वर्ण की भूमिका को उजागर करता है।
- उन्नत घरेलू भंडारण क्षमता: भंडारण क्षमता में वृद्धि भारत को घरेलू स्तर पर पर्याप्त स्वर्ण भंडार रखने में सक्षम बनाती है। RBI गवर्नर के अनुसार , भारत की स्वर्ण को संग्रहीत करने और प्रबंधित करने की बेहतर क्षमता देश की वित्तीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा की दिशा में एक कदम है ।
स्वर्ण प्रत्यावर्तन के लिए आरबीआई की रणनीति:
- भंडार का विविधीकरण: स्वर्ण का प्रत्यावर्तन भारत की अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने और किसी एक परिसंपत्ति या मुद्रा पर निर्भरता कम करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। देश के भंडार में स्वर्ण के अनुपात में वृद्धि के साथ भारत आर्थिक मंदी, मुद्रा अवमूल्यन या वित्तीय अनियमितताओं के प्रति अधिक लचीला हो गया है।
- आर्थिक लचीलापन: आर्थिक रूप से कमजोर माना जाने वाला भारत अब स्वर्ण वापस लाने और विदेशी संरक्षकों पर निर्भरता कम करने के कारण आर्थिक रूप से अधिक सशक्त दिखाई देता है।
- भारत के लिए सोने का रणनीतिक महत्व: स्वर्णभारत के रणनीतिक भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो वैश्विक मुद्रा अस्थिरता और पण्य कीमतों में उतार-चढ़ाव के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। हाल के समय में भारत ने अपनी स्वर्ण की खरीदारी में वृद्धि की है जिससे वह रूस और चीन दोनों से आगे निकल गया है।
- विदेशी संरक्षकों पर निर्भरता में कमी : स्वर्ण को नियंत्रण में लाकर भारत विदेशी संरक्षकों पर अपनी निर्भरता कम करता है, भू-राजनीतिक जोखिम को कम करता है और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाता है।
- आर्थिक चुनौतियों के लिए तैयारी: अब भारतीय रिजर्व बैंक के पास स्वर्ण का एक बड़ा हिस्सा घरेलू स्तर पर संग्रहित है इसलिए उसे मुद्रा अवमूल्यन, व्यापार असंतुलन या भू-राजनीतिक चुनौतियों के समय भंडार के प्रबंधन में अधिक लचीलापन प्राप्त होता है।
- डी-डॉलरीकरण और मुद्रास्फीति उपाय: वर्ष 2024 की शुरुआत में RBI ने बैंक ऑफ़ इंग्लैंड से 100 मीट्रिक टन स्वर्ण पुन: प्राप्त किया। यह कदम वैश्विक डी-डॉलरीकरण प्रवृत्ति को दर्शाता है जिसमें केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर से स्वर्ण की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं। इससे मुद्रास्फीतिक दबाव और वैश्विक अस्थिरता में वृद्धि हो सकती है।
सोने की कीमतों और ब्याज दर के बीच संबंध
- स्वर्ण कीमतों का आम तौर पर ब्याज दरों के साथ विपरीत संबंध होता है।
- जब ब्याज दर में वृद्धि होती है तो निवेशकों के लिए स्वर्ण कम आकर्षक हो जाता है क्योंकि इससे कोई लाभ नहीं होता।
- इसके विपरीत कम ब्याज दर और कमजोर डॉलर सुरक्षित परिसंपत्ति चाहने वाले निवेशकों के लिए सोने को अधिक आकर्षक विकल्प बना सकते हैं।
केंद्रीय बैंक में स्वर्ण जमा करने के कारण :
- मौद्रिक स्थिरता: स्वर्ण मूल्य के भंडार के रूप में कार्य करता है जो आर्थिक अनिश्चितता के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करता है।
- मुद्रा समर्थन: स्वर्ण भंडार देश की मुद्रा को मजबूती प्रदान करता है जिससे उसकी विश्वसनीयता बढ़ती है तथा उसके मूल्य को बढ़ाता है।
- निवेश विविधीकरण: स्वर्ण भंडारण करके केंद्रीय बैंक अपनी परिसंपत्तियों में विविधता लाते हैं जिससे उनके पोर्टफोलियो निवेश में जोखिम कम हो जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और भुगतान: स्वर्ण भंडार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और लेनदेन में सहायता करते हैं तथा सार्वभौमिक मुद्रा के रूप में कार्य करते हैं।
नोट: बड़े स्वर्ण भंडार वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, इटली और फ्रांस शामिल हैं।