संदर्भ:
हाल ही में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SECI) को नवरत्न का दर्जा दिया गया है, जिससे यह देश का 23वां नवरत्न बन गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- कंपनी ने 13118 करोड़ का समेकित वार्षिक कारोबार और पिछले वर्ष की तुलना में 20.85% की वृद्धि दर्ज की।
- सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 34.89% की वृद्धि को दर्शाते हुए 510.92 करोड़ रुपये का कर-पश्चात लाभ प्राप्त दर्ज किया।
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य
- सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड देश के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) को पूरा करने के एक भाग के रूप में सौर, पवन और हाइब्रिड परियोजनाओं के विकास के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- यह पूरे भारत या विशिष्ट राज्यों में परियोजनाओं के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों का चयन करने हेतु निविदाएं जारी करता है।
- सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के पास देश भर में बिजली के व्यापार हेतु श्रेणी-I (उच्चतम) बिजली व्यापार लाइसेंस है।
- यह वर्तमान में 122.7 मेगावाट की कुल क्षमता वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का प्रबंधन करता है।
- सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी संस्थाओं को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्श प्रदान करता है।
सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
- यह भारत में अक्षय ऊर्जा क्षमता के विकास और विस्तार के लिए समर्पित केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख उद्यम (Central Public Sector Enterprise-CPSE) है।
- इसकी संचयी उत्पादन क्षमता 69.25 गीगावाट (GW) है और इसकी वार्षिक विद्युत व्यापार मात्रा 42 बिलियन यूनिट से अधिक है।
- सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को भारत की अक्षय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसियों (REIAs) में से एक के रूप में नामित किया गया है।
- इसको वर्ष 2011 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत एक ‘लाभ के लिए नहीं’ कंपनी के रूप में शामिल किया गया था और कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत वर्ष 2015 में एक वाणिज्यिक कंपनी में परिवर्तित कर दिया गया।
नवरत्न दर्जे का महत्व
- नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम के रूप में वर्गीकरण से सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे: –
- वित्तीय एवं परिचालन मामलों में बढ़ी हुई स्वायत्तता।
- दक्षता में वृद्धि और कर्मचारियों को सशक्त बनाकर बेहतर दक्षता के माध्यम से कंपनी के विकास गति को तेज करना।
- निवेश योजनाओं का समर्थन करके, विकास को गति देकर, बाजार पहुंच का विस्तार करके और दीर्घकालिक लाभ प्राप्त करके भौगोलिक उपस्थिति और प्रौद्योगिकी लक्ष्य में सुधार।
नवरत्न का दर्जा देने के मानदंड
- मिनीरत्न श्रेणी-I और अनुसूची ‘ए’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में से तीन वर्षों में समझौता ज्ञापन प्रणाली के तहत ‘उत्कृष्ट’ या ‘बहुत अच्छी’ रेटिंग प्राप्त की है और जिनके छह चयनित प्रदर्शन मापदंडों में 60 या उससे अधिक के समग्र अंक हैं।
- शुद्ध लाभ से शुद्ध संपत्ति
- उत्पादन/सेवाओं की कुल लागत में मानव श्रमशक्ति लागत
- मूल्यह्रास, ब्याज और नियोजित पूंजी पर कर से पहले का लाभ
- कारोबार हेतु ब्याज और करों से पहले लाभ
- प्रति शेयर आय
- अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन