संबंधित पाठ्यक्रम:

सामान्य अध्ययन 3: विज्ञान और प्रौद्योगिकी- विकास और उनके अनुप्रयोग और दैनिक जीवन पर प्रभाव।

संदर्भ: 

बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (JNCASR) की टीम ने उन्नत सामग्री इंजीनियरिंग का उपयोग करके उच्च प्रदर्शन करने वाली NASICON-प्रकार की सोडियम-आयन बैटरी विकसित की है।

अन्य संबंधित जानकारी

• चूंकि लिथियम-आयन बैटरियां कोबाल्ट, निकल, तांबा और लिथियम जैसे दुर्लभ और महंगे तत्वों पर निर्भर करती हैं, इसलिए विश्व भर की प्रौद्योगिकी कंपनियां सोडियम-आयन बैटरी सहित वैकल्पिक समाधानों की सक्रियता से खोज कर रही हैं।

• सामान्य सोडियम-आयन बैटरियों के विपरीत, NASICON-प्रकार की सोडियम-आयन बैटरी तेजी से चार्ज होने और लंबी अवधि के लिए उन्नत रसायन और नैनो तकनीक का उपयोग करती है।

  • यह केवल छह मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज हो सकती है तथा 3,000 चार्ज चक्रों तक चलने वाली  क्षमता  से युक्त है 

• JNCASR टीम ने कणों को  नैनो आकार मे तोड़कर  तथा , कार्बन कोटिंग  को जोड़कर, एल्युमीनियम के साथ मिश्रण करके एनोड को विकसित  किया है , जिससे सोडियम-आयन की गति, सुरक्षा और स्थायित्व में वृद्धि हुई।

सोडियम-आयन बैटरियां

  • सोडियम-आयन बैटरियां एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी हैं जो चार्ज वाहक के रूप में सोडियम आयनों (Na+) का उपयोग करती हैं, तथा लिथियम-आयन बैटरियों का एक संभावित विकल्प प्रस्तुत करती हैं।
  • वे लिथियम-आयन बैटरियों के समान ही कार्य करते हैं, जिसमें सोडियम आयन चार्जिंग और डिस्चार्जिंग के दौरान धनात्मक और ऋणात्मक इलेक्ट्रोडों के बीच घूर्णन करते  रहते हैं।

सोडियम-आयन बैटरी के लाभ

  • उपलब्धता: सोडियम लिथियम की तुलना में कहीं अधिक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और इसे समुद्री जल से कम लागत पर निष्कर्षण किया  जा सकता है, जबकि लिथियम का भंडारण कुछ ही देशों तक सीमित है और इसके लिए गहन खनन की आवश्यकता होती है।
  • पर्यावरण अनुकूल: सोडियम अधिक पर्यावरण अनुकूल है और इसे शून्य वोल्टेज के स्तर पर सुरक्षित रूप से ले जाया जा सकता है, जिससे आग लगने का जोखिम कम हो जाता है। लिथियम को भंडारीत करते समय  न्यूनतम चार्ज की आवश्यकता होती है, जिससे यह कम सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हो जाता है।
  • परिचालन तापमान: सोडियम-आयन बैटरियों का परिचालन तापमान रेंज अधिक होता है और इसलिए ये अधिक सुरक्षित होती हैं। इनका उपयोग तापमान अनियंत्रण  के जोखिम के बिना अधिक चरम तापमान पर किया जा सकता है।
  • लागत प्रभावी: सोडियम-आयन बैटरी में एल्युमीनियम का उपयोग होता है, जो लिथियम-आयन बैटरी तकनीक में प्रयुक्त तांबे की तुलना में सस्ता है।

सोडियम-आयन बैटरियों से जुड़ी चुनौतियां ; 

  • यह बैटरी तकनीक अभी भी उभर रही है, जिसमें उद्योग की भागीदारी सीमित है। इससे लागत अपेक्षाकृत अधिक हो सकती  है।
  • सोडियम-आयन-आधारित बैटरियों में लचीलेपन की सीमाएँ होती हैं क्योंकि उन्हें प्रिज्मीय या बेलनाकार जैसे विभिन्न आकारों में नहीं बदला जा सकता है। वे लिथियम-आधारित बैटरियों की तुलना में कम ऊर्जा-घनत्व वाली होती हैं और उनकी भंडारण क्षमता भी कम होती है।
  • सोडियम-आयन बैटरियों का जीवन चक्र  आमतौर पर लिथियम आयरन फॉस्फेट बैटरियों की तुलना में कम होता है, जो 8,000 चक्रों से अधिक हो सकता है।
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