संदर्भ:
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की जाँच करने की शक्ति केवल अनुसूचित अपराधों की जाँच तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अनुसूचित अपराधों से जुड़े होने पर गैर-अनुसूचित अपराधों की भी जाँच कर सकती है।
मामले की पृष्ठभूमि
NIA अधिनियम की अनुसूची के अनुसार, आठ कानूनों के तहत अपराधों का उल्लेख किया गया है।
NIA द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी वांछित आरोपी का मुख्य सहयोगी है, जिसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए थे।
- वर्तमान मामले में, नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS एक्ट) के तहत अपराध भी शामिल थे, जो कि अनुसूचित अपराध नहीं हैं।
NIA को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम के मामलों को संभालने के लिए कहा गया था, जबकि उसे पहले ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) 1967 के तहत अपराधों की जाँच सौंपी जा चुकी थी।
- UAPA अपराध NIA अधिनियम के अंतर्गत अनुसूचित अपराध हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
NIA अधिनियम 2008 की धारा 8 की व्याख्या करते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि NIA अधिनियम के तहत “कोई अन्य अपराध” व्यापक है, इसमें NIA अनुसूची के बाहर के अपराध भी शामिल हैं, यदि वे किसी अनुसूचित अपराध से जुड़े हों।
हालाँकि, निम्नलिखित शर्तें पूरी होनी आवश्यक हैं:
- NIA का मानना है कि जाँच में उन अन्य आरोपियों को भी शामिल किया जाना चाहिए जिन पर अनुसूचित अपराध से संबंधित अपराध करने का संदेह है।
- NIA को अपनी राय बताते हुए एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्रस्तुत करनी चाहिए।
- रिपोर्ट पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार NIA अधिनियम की धारा 5(6) और धारा 8 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए NIA को अतिरिक्त आरोपियों की जाँच करने का निर्देश दे सकती है।
- अतिरिक्त अभियुक्तों के संबंध में कोई भी जाँच , जहां तक संभव हो, अनुसूचित अपराध और अन्य अपराधों के बीच संबंध के कारण, चल रही जाँच के साथ ही की जानी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखते हुए इस कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA)
- इसकी स्थापना 26/11 मुंबई हमलों के मद्देनजर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत एक केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में की गई थी।
- एजेंसी भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले अपराधों की जाँच और मुकदमा चलाती है।
- मुख्यालय: – नई दिल्ली
- यह गृह मंत्रालय के अधीन है।
- NIA (संशोधन) अधिनियम, 2019 ने एजेंसी को भारतीय नागरिकों या भारतीय हितों से जुड़े अनुसूचित अपराधों, जो भारत के बाहर किए गए हों, की जाँच करने का अधिकार प्रदान करता है, ।
- NIA अधिनियम 2008 की धारा 8 (संबंधित अपराधों की जाँच करने की शक्ति): किसी भी अनुसूचित अपराध की जाँच करते समय, एजेंसी किसी अन्य अपराध की भी जाँच कर सकती है, जिसे अभियुक्त ने कथित तौर पर किया है, यदि अपराध अनुसूचित अपराध से जुड़ा हुआ है।