संदर्भ:

हाल ही में भारत ने 6 जून 2024 को सिंगापुर में  समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (IPEF) की तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने 13 अन्य आईपीईएफ  मंत्रियों के साथ आईपीईएफ  स्तंभ II ( आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन ), स्तंभ III ( स्वच्छ अर्थव्यवस्था ) और स्तंभ IV ( निष्पक्ष अर्थव्यवस्था ) पर केंद्रित तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
  • बैठक में सदस्यों ने आपूर्ति श्रृंखला समझौते के तीन निकायों द्वारा की गई प्रगति पर चर्चा की, जो नेतृत्व का चुनाव करने के लिए जुलाई 2024 में मिले थे: 
  • आपूर्ति श्रृंखला परिषद : भारत को परिषद का उपाध्यक्ष तथा अमेरिका को अध्यक्ष चुना गया।
  • संकट प्रतिक्रिया नेटवर्क : कोरिया अध्यक्ष और जापान उपाध्यक्ष।
  • श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (LRAB) : संयुक्त राज्य अमेरिका अध्यक्ष तथा फिजी उपाध्यक्ष।
  • बैठक में सेमीकंडक्टर, बैटरी पर ध्यान देने वाले महत्वपूर्ण खनिज और रसायन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो अत्यधिक प्रासंगिक हैं।
  • बैठक में कृषि -रसायनों के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के महत्व को रेखांकित किया गया।
  • एक अनुमान के अनुसार, वैश्विक कृषि रसायन बाजार ( उर्वरक , कीटनाशक, सहायक पदार्थ और पौध विनियामक) 3.7% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) पर 2023 तक 235.2 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 2028 तक 282.2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है ।
  • आईपीईएफ  का लॉजिस्टिक्स पर ध्यान केंद्रित करना गतिशक्ति पहल के साथ पूरी तरह मेल खाता है जिसका उद्देश्य  भारत में लॉजिस्टिक्स और परिवहन अवसंरचना में सुधार करना है।
  • आईपीईएफ साझेदारों ने स्तंभ III के अंतर्गत आठ “कोआपरेटिव वर्क प्रोग्राम”  (CWPs) पर हुई प्रगति का स्वागत किया, जो स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौते के अंतर्गत प्राथमिक तंत्रों में से एक के रूप में कार्य करते हैं।

आठ “कोआपरेटिव वर्क प्रोग्राम” (CWP) निम्नलिखित क्षेत्रों में हैं:

  • क्षेत्रीय हाइड्रोजन पहल 
  • कार्बन बाज़ार
  • स्वच्छ विद्युत
  • टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF)
  • कार्यबल विकास
  • उत्सर्जन तीव्रता लेखांकन
  • ई-कचरा शहरी खनन
  • लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR)।

इंडो-पैसिफिक आर्थिक ढांचे (IPEF) के बारे में

  • मई 2022 में लॉन्च किया गया आईपीईएफ (IPEF), संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाली पहल है और वर्तमान में इसके 14 भागीदार हैं ।
  • 14 साझेदार देश – ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
  • यह ढांचा चार स्तंभों पर आधारित है:
  • स्तंभ I – निष्पक्ष एवं लचीला व्यापार
  • स्तंभ II – आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन
  • स्तंभ III – स्वच्छ अर्थव्यवस्था
  • स्तंभ IV – निष्पक्ष अर्थव्यवस्था  
  • इस पहल के माध्यम से, आईपीईएफ (IPEF) साझेदारों का लक्ष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, स्थिरता, समृद्धि, विकास और शांति में योगदान करना है।
  • भारत आईपीईएफ( IPEF) के स्तंभ II से IV में शामिल हो गया है, जबकि स्तंभ I में उसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
  • भारत नवंबर 2023 में  स्तंभ II में शामिल हुआ था, जो फरवरी 2024 से लागू होगा।
  • हाल ही में प्रधानमंत्री की अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत स्तंभ  III, स्तंभ  IV और आईपीईएफ (IPEF) व्यापक समझौते में शामिल हुआ। ये समझौते अक्टूबर 2024 में लागू होंगे।
  • आईपीईएफ (IPEF) के 14 साझेदार वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 40 प्रतिशत तथा वैश्विक वस्तु एवं सेवा व्यापार का 28 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं।

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