दो नए रामसर स्थल
संदर्भ: हाल ही में, भारत ने राजस्थान की सिलीसेढ़ झील और छत्तीसगढ़ के कोपरा जलाशय को ‘रामसर स्थल’ के रूप में नामित किया है, जिससे भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या 96 हो गई है।
सिलीसेढ़ झील (राजस्थान)
- यह झील राजस्थान के अलवर जिले में, सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास स्थित है, जो इसके पारिस्थितिक और पर्यटन मूल्य को और बढ़ाती है।
- यह एक मानव निर्मित मीठे पानी की झील है, जिसका निर्माण 1845 में अलवर के महाराजा विनय सिंह द्वारा करवाया गया था।
- मूल रूप से, इस झील का निर्माण अलवर शहर को पेयजल की आपूर्ति करने के लिए किया गया था और इसके ऐतिहासिक जलसेतु आज भी दिखाई देते हैं।
कोपरा जलाशय (छत्तीसगढ़)
- यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पास स्थित है।
- इसे छत्तीसगढ़ का पहला रामसर स्थल घोषित किया गया है, जो राज्य की आर्द्रभूमियों के संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- यह महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में स्थित एक मीठे पानी का जलाशय है।
रामसर कन्वेंशन
- रामसर कन्वेंशन 1971 में हुई एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।
- इसका उद्देश्य जैव-विविधता की रक्षा और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण और उनका सतत उपयोग सुनिश्चित करना है।
- इन्हें ‘अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि’ के रूप में भी जाना जाता है।
- रामसर कन्वेंशन के अनुसार, आर्द्रभूमि (Wetland) से तात्पर्य उन प्राकृतिक या कृत्रिम क्षेत्रों से है जहाँ जल का जमाव हो, जैसे दलदल, फेन या पीटभूमि। ये क्षेत्र स्थायी या अस्थायी हो सकते हैं और इनमें पानी स्थिर या बहता हुआ और मीठा, खारा या नमकीन हो सकता है। इसके अंतर्गत वे समुद्री क्षेत्र भी आते हैं जिनकी गहराई निम्न ज्वार के समय 6 मीटर से अधिक नहीं होती।
- 1997 से हर साल 2 फरवरी को ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ (World Wetlands Day) मनाया जाता है।
भारत में रामसर स्थल
- भारत 1 फरवरी, 1982 को आर्द्रभूमियों पर रामसर कन्वेंशन में शामिल हुआ।
- एशिया में सबसे अधिक (हाल ही में घोषित स्थलों सहित 96 स्थल) रामसर स्थल भारत में हैं। विश्व भर में, रामसर स्थलों की संख्या के मामले में यूनाइटेड किंगडम (176) और मेक्सिको (144) के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।
- भारत में सबसे अधिक रामसर स्थल तमिलनाडु में हैं, जहाँ 20 नामित आर्द्रभूमियाँ हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है, जहाँ 10 स्थल हैं।
- इन आर्द्रभूमियों को विभिन्न राष्ट्रीय कानूनों जैसे- भारतीय वन अधिनियम (1927), वन (संरक्षण) अधिनियम (1980), पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (1986) और भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम (1972) के तहत संरक्षित किया गया है।
पेरुम्बिडिगु मुथरैयार II
संदर्भ: हाल ही में, भारत के उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में सम्राट पेरुम्बिडिगु मुथरैयार II (सुवरन मारन) के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
अन्य संबंधित जानकारी
- डाक टिकट का जारी किया जाना केंद्र सरकार के उन व्यापक प्रयासों का हिस्सा है, जिसके तहत प्राचीन भारत के गुमनाम क्षेत्रीय शासकों और सांस्कृतिक प्रतीकों को पहचान दी जा रही है।
- यह निर्णय तमिलनाडु की मांगों और राज्य सरकार के औपचारिक अनुरोध के बाद लिया गया है और यह डाक टिकट उनकी 1,350वीं जयंती के उपलक्ष्य में जारी गया।
पेरुम्बिडिगु मुथरैयार II (सुवरन मारन)
- पेरुम्बिडिगु मुथरैयार II ने लगभग 705 ईस्वी और 745 ईस्वी के बीच शासन किया। वे मुथराय्यर राजवंश से संबंधित थे, जिसने पल्लव साम्राज्य के एक शक्तिशाली सामंत (feudatory) के रूप में कार्य किया।
- उन्होंने वर्तमान मध्य तमिलनाडु के बड़े हिस्सों पर शासन किया, जिसमें तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, पुदुक्कोट्टई और कावेरी बेसिन के आसपास के क्षेत्र शामिल थे।
- वे पल्लव शासक नंदीवर्मन के निकट सैन्य सहयोगी थे। जैसे-जैसे पल्लव सत्ता कमजोर हुई, वे एक स्वतंत्र और सम्मानित शासक के रूप में उभरे और अपनी अलग पहचान बनाई।
- उनका शासनकाल सशक्त प्रशासन, क्षेत्रीय स्थिरता और सैन्य क्षमता के लिए जाना जाता है। इसी कारण उन्हें ‘शत्रुभयंकर’ की उपाधि दी गई थी।
- मुथरैयार शासक प्रमुख मंदिर निर्माता थे। उन्होंने जैन और बौद्ध प्रभाव के काल में हिंदू धार्मिक परंपराओं के पुनरुद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्य चुनाव आयुक्त
संदर्भ: हाल ही में, राज कुमार गोयल ने भारत के राष्ट्रपति के समक्ष केंद्रीय सूचना आयोग के 13वें मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में शपथ ली।
अन्य संबंधित जानकारी

- उन्होंने निवर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया के स्तन पर 15 दिसंबर से अपना पदभार ग्रहण किया।
- प्रशासनिक सेवा: राज कुमार गोयल 1990 बैच के एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं।”
- वे विधि और न्याय मंत्रालय के तहत न्याय विभाग में सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
- उन्होंने गृह मंत्रालय में सीमा प्रबंधन सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी हैं।
- राष्ट्रपति द्वारा उनकी नियुक्ति सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 की धारा 12 के तहत गठित चयन समिति की सिफारिश पर की गई थी।
केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के बारे में
- इसकी स्थापना केंद्र सरकार द्वारा 2005 में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी। इस प्रकार, यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है।
- संरचना : इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त और अधिकतम दस सूचना आयुक्त हो सकते हैं।
- नियुक्ति: मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है, जिसमें अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।
- मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त तीन वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करते हैं।
- आयोग के क्षेत्राधिकार में सभी केंद्रीय सार्वजनिक प्राधिकरण भी आते हैं।
एशियन यूथ पैरा गेम्स 2025
संदर्भ: भारत ने एशियन यूथ पैरा गेम्स 2025 में अब तक का सबसे सफल प्रदर्शन किया।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह एशियाई यूथ पैरा गेम्स का पांचवां संस्करण था, जिसमें 35 देशों के लगभग 1,500 एथलीटों ने भाग लिया।
- 19 स्वर्ण, 15 रजत और 22 कांस्य पदक सहित भारत ने कुल 56 पदक जीते और पदक तालिका में सातवें स्थान पर रहा।
- दुबई का यह संस्करण ऐसा पहला संस्करण था जिसमें एशियन यूथ पैरा गेम्स के संचालन के लिए पहली AI-संचालित रोबोट्स का उपयोग किया गया था।
- इस आयोजन में 11 खेलों की प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बोकिया, गोलबॉल, पावरलिफ्टिंग, तैराकी, ताइक्वांडो, टेबल टेनिस, व्हीलचेयर बास्केटबॉल और आर्म रेसलिंग (कुश्ती) शामिल थे।
- दुबई 2025 एशियन यूथ पैरा गेम्स का शुभंकर ‘फॉक्सी’ (Foxy) है, जो एक अमीराती रेगिस्तानी लोमड़ी (Emirati Desert Fox – Vulpes rueppellii) है।
- इन खेलों का पहला संस्करण 2005 में हांगकांग में आयोजित किया गया था।

एशिया पावर इंडेक्स 2025
संदर्भ: हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया स्थित थिंक टैंक ‘लोवी इंस्टीट्यूट’ द्वारा एशिया पावर इंडेक्स 2025 का सातवाँ संस्करण प्रकाशित किया गया।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह सूचकांक केवल एशिया तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका विस्तार उत्तर में रूस तक और प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा संयुक्त राज्य अमेरिका तक है।
- जापान को पीछे छोड़ते हुए, 40 से अधिक अंकों के व्यापक पावर स्कोर (Comprehensive Power Score) के साथ भारत 2025 में तीसरे स्थान पर रहा, जो यह दर्शाता है कि यह एक ‘प्रमुख शक्ति’ है।
- भारत की आर्थिक और सैन्य शक्ति में वृद्धि हुई है, साथ ही इसके सांस्कृतिक प्रभाव और भू-राजनीतिक स्थिति में भी मामूली बढ़त दर्ज की गई है।
- भारत आर्थिक क्षमता (+1.0 की वृद्धि) और भविष्य के संसाधनों (-0.9 की गिरावट) के मामले में तीसरे स्थान पर है।
- आर्थिक क्षमता की रैंकिंग में भारत एक स्थान आगे बढ़कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, और उसने इस मामले में जापान को पीछे छोड़ दिया है।
- बढ़ते आंतरिक निवेश ने भारत को आर्थिक संबंधों के मामले में नौवें स्थान (+2.2 की वृद्धि) पर पहुंचा दिया है। एशिया पावर इंडेक्स के इतिहास में इस माप में भारत ने पहली बढ़त दर्ज की है।
- भारत का सबसे कमजोर मापदंड रक्षा नेटवर्क (-2.6) जहाँ यह 11वें स्थान पर है।
- पिछले संस्करण की तुलना में भारत के रक्षा नेटवर्क स्कोर में गिरावट आई है, जिससे वह दो स्थान खिसककर इस श्रेणी में फिलीपींस और थाईलैंड से पिछड़ गया है।
एशिया पावर इंडेक्स
- इसे 2018 में लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा लॉन्च किया गया था। यह एशिया में देशों की सापेक्ष शक्ति को रैंक देने के लिए उनके संसाधनों और प्रभाव को मापता है।
- यह सूचकांक 27 देशों और क्षेत्रों को उनके बाहरी वातावरण को आकार देने की क्षमता के आधार पर रैंकिंग देता है।
- इसमें कई विशेषताएँ हैं — जैसे कि एक इंटरैक्टिव मानचित्र, वेटेज कैलकुलेटर, नेटवर्क विश्लेषण, देशों के बीच तुलना, और संकेतकों का कई वर्षों का विस्तृत विश्लेषण।
11वाँ संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबंधन (UNAOC)
संदर्भ: हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र सभ्यता गठबंधन (UNAOC) का 11वाँ वैश्विक मंच सऊदी अरब के रियाद में आयोजित किया गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह कार्यक्रम ‘UNAOC: ‘मानवता के लिए सम्वाद के दो दशक – एक बहुध्रुवीय दुनिया में पारस्परिक सम्मान व समझ के नए युग को आगे बढ़ाना’ के मुख्य विषय के तहत आयोजित किया गया था।
- जैसे ही UNAOC ने अपने तीसरे दशक में प्रवेश किया, इस फोरम ने इसकी 20वीं वर्षगांठ मनाने और स्थायी शांति की खोज में इसके भविष्य के मार्ग को निर्धारित करने के लिए एक उचित अवसर के रूप में कार्य किया।
- भारत ने इस कार्यक्रम में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) और ‘सर्वधर्म समभाव’ (सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान) के अपने सभ्यतागत सिद्धांतों की पुष्टि की।
UNAOC के बारे में
- इसकी स्थापना 2005 में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव श्री कोफी अन्नान की राजनीतिक पहल के रूप में की गई थी और इसे स्पेन और तुर्की की सरकारों द्वारा सह-प्रायोजित किया गया था।
- आज के समाजों और संस्कृतियों के बीच ध्रुवीकरण की जड़ों का पता लगाने और इस समस्या के समाधान के लिए एक व्यावहारिक कार्ययोजना की सिफारिश करने हेतु विशेषज्ञों के एक उच्च-स्तरीय समूह का गठन किया गया था।
- 2006 की हाई-लेवल ग्रुप रिपोर्ट में पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई थी: शिक्षा, युवा, प्रवासन (माइग्रेशन), मीडिया और शांति मध्यस्थ के रूप में महिलाएँ।
- मुख्यालय: न्यूयॉर्क सिटी
