ई-श्रम – वन स्टॉप सॉल्यूशन   

संदर्भ:

हाल ही में, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने असंगठित श्रमिकों के कल्याण के लिए “ई-श्रम – वन स्टॉप सॉल्यूशन” लॉन्च किया।

अन्य संबंधित जानकारी

ई-श्रम – वन स्टॉप सॉल्यूशन, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक निर्बाध पहुंच प्रदान करेगा।

यह मंच एक सेतु के रूप में कार्य करेगा, जो श्रमिकों को सरकार द्वारा प्रदान किए जाने वाले अनेक लाभों से जोड़ेगा तथा पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और अधिक पारदर्शी बनाएगा।

यह एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, राष्ट्रीय कैरियर सेवा, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन आदि जैसी प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं को समेकित और एकीकृत करता है, ताकि ई-श्रम पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को एक ही मंच से सरकार की कल्याणकारी पहलों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच मिल सके।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा ई-श्रम पोर्टल 26 अगस्त, 2021 को लॉन्च किया गया था और 3 वर्षों की अवधि में 30 करोड़ से अधिक श्रमिक अब तक ई-श्रम पर अपना पंजीकरण करा चुके हैं। 

  • विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की 12 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत/मैप किया जा चुका है।

असंगठित श्रमिक

असंगठित श्रमिक को असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 के तहत परिभाषित किया गया है।

असंगठित श्रमिक का तात्पर्य असंगठित क्षेत्र में गृह-आधारित श्रमिक, स्व-नियोजित श्रमिक या मजदूरी करने वाले श्रमिक से है तथा इसमें संगठित क्षेत्र का ऐसा श्रमिक भी शामिल है जो इस अधिनियम की अनुसूची II में उल्लिखित किसी भी अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता है।      

  • अनुसूची II में निम्नलिखित अधिनियम शामिल हैं: 
1.कर्मचारी मुआवज़ा अधिनियम 1923
2.औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947
3.कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948
4.कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952
5.मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961
6.ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972

मेजर रालेंगनाओ ‘बॉब’ खातिंग वीरता संग्रहालय

संदर्भ: 

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में मेजर रालेंगनाओ ‘बॉब’ खातिंग वीरता संग्रहालय का उद्घाटन किया।

रानेंगलाओ ‘बॉब’ खातिंग 

  • इनका जन्म 28 फरवरी, 1912 को मणिपुर के उखरुल जिले में हुआ था।
  • वह एक तांगखुल नागा थे – एक जनजाति जो मुख्यतः मणिपुर के उखरुल जिले के भारत-म्यांमार-सीमा क्षेत्र में रहती है।
  • 1939 में, द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ने के बाद, खातिंग भारतीय सेना में शामिल हो गये और उन्हें एक अधिकारी के रूप में आपातकालीन कमीशन प्राप्त हुआ।
  • बर्मा और भारत में जापानियों के विरुद्ध नागा समर्थन जुटाने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के सदस्य (MBE) का प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया।
  • उन्होंने सशस्त्र सीमा बल, नागालैंड सशस्त्र पुलिस और नागा रेजिमेंट जैसे आवश्यक सैन्य और सुरक्षा ढांचे की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • महान व्यक्ति बॉब खातिंग ने तवांग को भारत में शांतिपूर्ण ढंग से एकीकृत करने के अभियान का नेतृत्व किया था।   

बॉब खातिंग का तवांग अभियान

  • 1951 में असम के राज्यपाल जयरामदास दौलतराम ने खातिंग (तत्कालीन भारतीय सीमांत प्रशासनिक सेवा के सदस्य) से अरुणाचल प्रदेश के तवांग पर कब्जा करने को कहा, जिस पर पहले चीन दावा करता था।
  • बॉब खातिंग ने असम राइफल्स की टुकड़ियों के साथ असम के चारदुआर के निकट लोखरा कैंप से 17 जनवरी 1951 को तवांग के लिए अभियान शुरू किया था।
  • उन्होंने 14 फरवरी 1951 को भारतीय ध्वज फहराकर तवांग को आधिकारिक तौर पर भारतीय प्रशासन के अधीन ले लिया।

आराधना  

संदर्भ:

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) ने हाल ही में मेगा सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘आराधना’ की मेजबानी की।  

अन्य संबंधित जानकारी

  • इस कार्यक्रम की थीम है, ‘ सेलिब्रेटिंग ग्रेशफुल एजिंग – लाइफ बेगिन्स एट 60’  
  • यह कार्यक्रम 24 अक्टूबर 2024 को डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (DAIC), नई दिल्ली में आयोजित किया गया। 
  • यह कार्यक्रम देश की समृद्ध कलात्मक विरासत को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने में बुजुर्गों की भूमिका पर प्रकाश डालता है। 
  • ‘आराधना’ में गुरु शिष्य परम्परा, अंतर-पीढ़ीगत एकजुटता तथा भारतीय समाज में वरिष्ठ नागरिकों को प्राप्त सम्मान और देखभाल जैसे पारंपरिक भारतीय मूल्यों पर बल दिया गया।
  • इस उत्सव के माध्यम से मंत्रालय का उद्देश्य गरिमापूर्ण ढंग से वृद्धावस्था जीने के सांस्कृतिक महत्व तथा कला एवं संस्कृति की परंपराओं को संरक्षित करने में वृद्धों द्वारा दिए जाने वाले महत्वपूर्ण योगदान के बारे में समझ को बढ़ावा देना है।     

सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) मोबाइल एप्लीकेशन  

संदर्भ:

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने जन्म और मृत्यु के निर्बाध और परेशानी मुक्त पंजीकरण के लिए सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह एप्लीकेशन भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा तैयार किया गया है ।
  • यह एप्लीकेशन नागरिकों को किसी भी समय, किसी भी स्थान से, और अपने राज्य की आधिकारिक भाषा में पंजीकरण की सुविधा देकर जन्म और मृत्यु के पंजीकरण को सहज और परेशानी मुक्त बना देगा।
  • इस प्रकार, इससे जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए आवश्यक समय में काफी कमी आएगी।
  • जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के  अनुसार , 1 अक्टूबर, 2023 से देश में होने वाले सभी जन्म और मृत्यु को केंद्र के पोर्टल dc.crsorgi.gov.in के माध्यम से डिजिटल रूप से पंजीकृत किया जाना है। 
  • डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र विभिन्न सेवाओं जैसे शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, सरकारी नौकरियों और विवाह पंजीकरण के लिए जन्म तिथि को प्रमाणित करने के लिए एकमात्र दस्तावेज होगा।
  • केंद्रीकृत डेटाबेस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), राशन कार्ड, संपत्ति पंजीकरण और मतदाता सूची को अद्यतन करने में भी मदद करेगा।   

सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) 

  • CRS जन्म और मृत्यु पंजीकरण (RBD) अधिनियम, 1969 के अंतर्गत जन्म और मृत्यु की एक सतत, स्थायी और व्यवस्थित दस्तावेजीकरण है ।    
  • RBD अधिनियम, 1969 में देश के सभी भागों में जन्म, मृत्यु और मृत जन्मों का 21 दिनों के भीतर (घटना की तिथि से) अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान है।     
  • 21 दिनों के भीतर पंजीकरण निःशुल्क है। हालाँकि, निर्धारित शुल्क का भुगतान करने और निर्धारित प्राधिकारी से अनुमोदन के बाद आवश्यक अवधि से के बाद भी पंजीकरण कराया जा सकता है। 
  • इस अधिनियम के अंतर्गत अपराध सिविल प्रकृति के हैं।           

Also Read:

प्रथम ‘ब्लैक होल ट्रिपल’ प्रणाली की खोज

Shares: