विश्व शेर दिवस
संदर्भ:
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन और पर्यावरण विभाग, गुजरात सरकार के सहयोग से, गुजरात के द्वारका स्थित बरडा वन्यजीव अभयारण्य में विश्व शेर दिवस 2025 मनाया।
विश्व शेर दिवस
- यह हर साल 10 अगस्त को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य विश्वभर में शेरों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
- इसकी शुरुआत 2013 में की गई थी, ताकि शेरों को होने वाली चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके।
- इस दिन की शुरुआत वन्यजीव संरक्षणवादियों द्वारा की गई थी, ताकि दुनिया भर के लोग शेरों और उनके आवासों की रक्षा के लिए एकजुट हो सकें।
- ‘विश्व शेर दिवस’ 2025 का भव्य आयोजन गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले स्थित बरडा वन्यजीव अभयारण्य और सौराष्ट्र के 11 जिलों में किया गया।
बरडा वन्यजीव अभयारण्य
- यह अभयारण्य पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में फैला हुआ है, जिसका क्षेत्रफल 192.31 वर्ग किलोमीटर है, और अब एशियाई शेरों के लिए एक दूसरे घर के रूप में उभर रहा है।
- वर्षों की पारिस्थितिक पुनर्स्थापना और वैज्ञानिक प्रबंधन के फलस्वरूप, अब इस अभयारण्य में 17 शेर और 25 तेंदुए हैं।
- यह अभयारण्य जैव विविधता के लिहाज़ से एक महत्वपूर्ण स्थल है और एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए एक प्रमुख क्षेत्र है। विशेष रूप से स्थानीय मालधारी चरवाहों की भागीदारी ने बरडा अभयारण्य में संरक्षण को वास्तव में समावेशी और नागरिक-केन्द्रित बना दिया है।
- भारत में शेरों की जनसंख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है — जो 2020 में 674 थी, वह अब बढ़कर 891 हो गई है।
शेर के बारे में
शेर (Panthera leo) बड़े मांसाहारी स्तनधारी होते हैं, जो फैलिडी (Felidae) परिवार से संबंध रखते हैं और दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शीर्ष शिकारी (apex predators) में गिने जाते हैं।शेर सामाजिक प्राणी होते हैं, जो “प्राइड” नामक पारिवारिक समूहों में रहते हैं। इन समूहों में
आमतौर पर आपस में संबंधित मादाएं, उनके शावक और नर शेरों का एक गठबंधन शामिल होता है।
वर्तमान में शेरों की दो प्रमुख उप-प्रजातियाँ जीवित हैं:
- एशियाई शेर (Panthera leo persica): IUCN की सूची में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Endangered) स्थिति में है।
- अफ्रीकी शेर (Panthera leo melanochaita): IUCN के अनुसार असुरक्षित (Vulnerable) स्थिति में है।
GeM का 9वां स्थापना दिवस
संदर्भ:
भारत सरकार ने 9 अगस्त को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) का 9वां स्थापना दिवस मनाया।
अन्य संबंधित जानकारी
GeM के 9वें स्थापना दिवस का विषय है: सुगमता, पहुंच और समावेशन।
समारोह में घोषित प्रमुख सुधार:
- विक्रेताओं के लिए जमानत राशि (कॉशन मनी) को समाप्त किया गया।
- विक्रेता मूल्यांकन शुल्क का तार्किक पुनर्गठन (Rationalisation) किया गया।
- लेनदेन शुल्क में कमी की गई, जिससे 97% आदेश (ऑर्डर) शुल्क से मुक्त हो गए।
स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में 6 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित GeM कार्यालय में GeM विक्रेता संवाद आयोजित किया गया।
सरकारी ई-बाजार (GeM) के बारे में जानकारी
- GeM की शुरुआत वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री के “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के विजन के अनुरूप पारदर्शी, समावेशी और कुशल सार्वजनिक खरीद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
- यह भारत का राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है, जिसे वाणिज्य मंत्रालय द्वारा पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी सरकारी खरीद को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था।
- यह प्लेटफ़ॉर्म अब एक डिजिटल खरीद प्रणाली के रूप में विकसित हो चुका है, जो देशभर के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को जोड़ता है — जिनमें महिला उद्यमी, स्टार्टअप्स, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (MSEs), कारीगर, स्वयं सहायता समूह (SHGs) और दिव्यांगजन भी शामिल हैं।
- यह एक पूर्णतः डिजिटल, कैशलेस और सिस्टम-चालित प्लेटफ़ॉर्म है, जो सभी सरकारी खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करता है।
- GeM विशेष प्रयोजन वाहन (Special Purpose Vehicle), वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत एक सेक्शन 8 (गैर-लाभकारी) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत GeM प्लेटफॉर्म के विकास, प्रबंधन और रखरखाव के लिए स्थापित किया गया है।
- वित्त वर्ष 2024–25 में, GeM ने ₹5.4 लाख करोड़ की सकल व्यापारिक मूल्य (Gross Merchandise Value – GMV) के लेनदेन दर्ज किए।
कैच ग्रांट प्रोग्राम
संदर्भ:
हाल ही में, IndiaAI इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (IBD) ने नेशनल कैंसर ग्रिड (NCG) के सहयोग से कैंसर एआई एंड टेक्नोलॉजी चैलेंज (CATCH) ग्रांट प्रोग्राम लॉन्च करने की घोषणा की है।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह पहल पूरे भारत में कैंसर की स्क्रीनिंग, निदान, उपचार सहायता और स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन को मजबूत करने के लिए नवोन्मेषी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समाधानों के विकास और तैनाती को समर्थन देने का उद्देश्य रखती है।
- इस पहल को NCG (नेशनल कैंसर ग्रिड) अस्पताल नेटवर्क के भीतर AI समाधानों की पायलट तैनाती को प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसे भविष्य में प्रदर्शित नैदानिक प्रभाव और परिचालन तत्परता के आधार पर बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।
- इस पहल के तहत प्रति परियोजना अधिकतम ₹50 लाख तक का सह-वित्त पोषण IndiaAI और NCG द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- सफल पायलट परियोजनाएं व्यापक स्तर पर कार्यान्वयन के लिए ₹1 करोड़ तक की अतिरिक्त स्केल-अप ग्रांट के लिए पात्र होंगी।
- तकनीकी परिपक्वता, व्यवहार्यता और स्वास्थ्य सेवा से संरेखण के आधार पर अधिकतम 10 प्रस्तावों का चयन किया जाएगा।
- पात्र आवेदक: स्टार्टअप्स, हेल्थ टेक्नोलॉजी कंपनियां, शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक या निजी अस्पताल।
IndiaAI इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (IBD)
- IndiaAI, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) का एक स्वतंत्र व्यवसाय विभाग (IBD) है।
- यह IndiaAI मिशन को लागू करने वाली एजेंसी है, जिसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों में AI के लाभों को समान रूप से पहुँचाना, भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को मजबूत करना, तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और AI के नैतिक एवं जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करना है।
नेशनल कैंसर ग्रिड (NCG)
- नेशनल कैंसर ग्रिड की स्थापना अगस्त 2012 में भारत के कैंसर केंद्रों के एक संघ को बनाने के लिए की गई थी, जो समान और उच्च मानकों की कैंसर देखभाल प्रदान कर सके।
- NCG भारत सरकार की एक पहल है, जिसे परमाणु ऊर्जा विभाग और टाटा मेमोरियल सेंटर के माध्यम से संचालित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य प्रमाण-आधारित दिशानिर्देशों और सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देकर समान और उच्च गुणवत्ता वाली कैंसर उपचार सेवा सुनिश्चित करना है।
भारत का पहला ‘एनिमल स्टेम सेल बायोबैंक’
संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग के जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान नवाचार परिषद (BRIC) के अंतर्गत राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (NIAB) में भारत के पहले ‘पशु स्टेम सेल बायोबैंक’ का उद्घाटन किया।
अन्य संबंधित जानकारी
एनिमल स्टेम सेल बायोबैंक एक अत्याधुनिक सुविधा है जो विभिन्न पशु प्रजातियों से उच्च गुणवत्ता वाले स्टेम सेल्स को संग्रहित और संरक्षित करेगा। यह सुविधा राष्ट्रीय पशु जैवप्रौद्योगिकी संस्थान में स्थापित की गई है।
इस बायोबैंक में स्टेम सेल कल्चर यूनिट, 3D बायोप्रिंटर, बैक्टीरियल कल्चर लैब, क्रायोस्टोरेज, ऑटोक्लेव रूम, उन्नत एयर हैंडलिंग सिस्टम और बिना बाधा के पावर बैकअप जैसी सुविधाएं हैं। यह प्रयोगशाला रोग मॉडलिंग, टिशू इंजीनियरिंग और प्रजनन जैवप्रौद्योगिकी में अनुसंधान को आगे बढ़ाएगी।
एनिमल स्टेम सेल बायोबैंक को HiMedia Laboratories के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है और यह गुणवत्ता नियंत्रित पशु स्टेम सेल्स तथा देशी और किफायती सेल कल्चर मीडिया पशु चिकित्सा क्लीनिकों, अनुसंधान संस्थानों, अस्पतालों और उद्योगों को प्रदान करेगा।
इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने पशु स्वास्थ्य प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाने और ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए पांच नवोन्मेषी पशु निदान उपकरण भी लॉन्च किए:
- ब्रुसेलोसिस का त्वरित पता लगाना – DIVA क्षमता के साथ एक पोर्टेबल, डायग्नोस्टिक किट, जिसे ब्रुसेला प्रजातियों की प्रारंभिक और सटीक पहचान के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- मैस्टाइटिस डिटेक्शन टेक्नोलॉजी – डेयरी मवेशियों में सबक्लिनिकल और क्लिनिकल मैस्टाइटिस के लिए एक लागत प्रभावी ऑन-साइट डायग्नोस्टिक परख।
- रोगाणुरोधी संवेदनशीलता परीक्षण उपकरण – एक पोर्टेबल उपकरण जो जिम्मेदार एंटीबायोटिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए दो घंटे के भीतर परिणाम प्रदान करता है।
- टोक्सोप्लाज़मोसिस डिटेक्शन किट – पशुओं में टोक्सोप्लाज़मा गोंडी संक्रमण के लिए एक संवेदनशील और विशिष्ट परीक्षण।
- जापानी एन्सेफलाइटिस डिटेक्शन किट – पशुओं और मनुष्यों में बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए स्वदेशी रूप से विकसित तीव्र पट्टी।
एनिमल स्टेम सेल बायोबैंक का महत्व
- पशुधन स्वास्थ्य में प्रगति – पुनर्योजी चिकित्सा, कोशिकीय उपचार और रोग मॉडलिंग को सक्षम बनाकर पशु स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करता है।
- पशु चिकित्सा अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा – टिशू इंजीनियरिंग, प्रजनन जैवप्रौद्योगिकी और निदान उपकरणों के विकास के लिए अत्याधुनिक अवसंरचना प्रदान करता है।
- ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण के लिए समर्थन – पशुधन में रोगों का शीघ्र पता लगाने और रोकथाम में मदद करके मानव-प्राणी-पर्यावरण स्वास्थ्य की एकीकृत रणनीतियों को मजबूत करता है।