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सामान्य अध्ययन-3: विकास और उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध; आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां पैदा करने में बाहरी राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं की भूमिका।

संदर्भ: हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की कि भारत भर में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटाकर 11 कर दी गई है।

अन्य संबंधित जानकारी 

• यह घोषणा उस समय आई जब माओवादी संगठन भाकपा (माओवादी) के वरिष्ठ लीडर मल्लोजुला वेणुगोपाल राव, जिन्हें भूपति के नाम से भी जाना जाता है, ने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले में 60 कैडरों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया।

• वर्तमान में केवल तीन ज़िलों—छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर—को माओवादी गतिविधियों से ‘सबसे अधिक प्रभावित’ श्रेणी में रखा गया है।

• वर्ष 2013 में देश के कई राज्यों के कुल 126 ज़िले नक्सलवाद से प्रभावित थे। निरंतर सुरक्षा अभियानों के चलते यह संख्या अब घटकर केवल 11 रह गई है।

• केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद की समस्या को पूरी तरह समाप्त करना है।

• गृह मंत्रालय ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक माओवादियों के खिलाफ रिकॉर्ड स्तर की सफलताएँ दर्ज की गई हैं, जिनमें बड़ी संख्या में उग्रवादी या तो मारे गए, गिरफ्तार किए गए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

वामपंथी उग्रवाद के बारे में:

• वामपंथी उग्रवाद एक खतरनाक विचारधारा पर आधारित है, जो हिंसा और प्रचार तंत्र का उपयोग करके सत्ता में मौजूद सरकार को उखाड़ फेंकने और एक वर्गहीन समाज की स्थापना करने का लक्ष्य रखती है।

• वामपंथी उग्रवाद की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग ज़िले के नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा और खोरीबाड़ी क्षेत्रों से हुई थी।

  • ‘नक्सल’ शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गांव से हुई है।
  • ‘नक्सल’, ‘नक्सलाइट’ और ‘नक्सलवादी’ जैसे शब्द भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय विभिन्न उग्रवादी कम्युनिस्ट समूहों के लिए सामूहिक रूप से प्रयोग किए जाते हैं, जो अलग-अलग संगठनात्मक ढांचों के तहत काम करते हैं।

वामपंथी उग्रवाद (Left Wing Extremism – LWE) का उन्मूलन:

• वर्ष 2015 में “राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना” (National Policy and Action Plan) को स्वीकृति दी गई थी, जिसका उद्देश्य एक बहुआयामी रणनीति अपनाना था। इसमें सुरक्षा से संबंधित उपाय, विकासात्मक हस्तक्षेप, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और अधिकार-प्राप्तियों को सुनिश्चित करना आदि शामिल हैं।

• SAMADHAN सिद्धांत वामपंथी उग्रवाद के लिए एक समग्र समाधान है। इसे गृह मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017 में प्रस्तुत किया गया था। यह निम्नलिखित घटकों पर आधारित है:

  • S – Smart Leadership (स्मार्ट नेतृत्व)
  • A – Aggressive Strategy (आक्रामक रणनीति)
  • M – Motivation and Training (प्रेरणा और प्रशिक्षण)
  • A – Actionable Intelligence (क्रियाशील खुफिया जानकारी)
  • D – Dashboard-Based KPIs और KRAs (मुख्य प्रदर्शन संकेतक और प्रमुख परिणाम क्षेत्र)
  • H – Harnessing Technology (तकनीक का उपयोग)
  • A – Action Plan for Each Theatre (प्रत्येक क्षेत्र के लिए कार्य योजना)
  • N – No Access to Financing (आर्थिक संसाधनों तक पहुंच समाप्त करना)

• सुरक्षा संबंधी व्यय (Security Related Expenditure – SRE) योजना: यह योजना ‘पुलिस बलों के आधुनिकीकरण’ (Modernization of Police Forces) नामक व्यापक योजना की एक उप-योजना के रूप में लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित ज़िलों और निगरानी हेतु चिह्नित ज़िलों में सुरक्षा से संबंधित व्यय की प्रतिपूर्ति करती है।

• वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (Special Central Assistance – SCA): यह योजना वर्ष 2017 में स्वीकृत की गई थी और इसे भी ‘पुलिस बलों के आधुनिकीकरण’ योजना के अंतर्गत एक उप-योजना के रूप में लागू किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में महत्वपूर्ण व तात्कालिक कमी को दूर करना है।

Source:
PIB
THE ECONOMIC TIMES
THE HINDU
PIB

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