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सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा समझौते।

संदर्भ : 

हाल ही में, भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया, जिससे 1961 के राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन सुर्खियों में है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है ।
  • दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया।

राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन (1961) 

  • यह एक संयुक्त राष्ट्र संधि है जो कुछ सामान्य सिद्धांत और शर्तें निर्धारित करती है कि देशों को एक-दूसरे के राजनयिक प्रतिनिधियों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, ताकि मैत्रीपूर्ण संबंध सुनिश्चित हो सकें और देशों के बीच उचित संचार चैनल बनाए रखा जा सके।
  • इसे 14 अप्रैल 1961 को ऑस्ट्रिया के विएना में न्यु हॉफबर्ग में आयोजित राजनयिक संपर्क और प्रतिरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अपनाया गया था।
  • वर्तमान में 193 देशों ने इस कन्वेंशन का अनुसमर्थन किया है, जिससे यह कन्वेंशन उन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी हो गया है।
  • भारत ने 1972 में राजनयिक संबंध (वियना कन्वेंशन) अधिनियम, 1972 के माध्यम से इस कन्वेंशन का अनुसमर्थन किया।

वियना कन्वेंशन के प्रावधान

  • अनुच्छेद 9: मेज़बान देश किसी भी राजनयिक को बिना कोई कारण बताए किसी भी समय “अवांछित व्यक्ति” (Persona Non Grata) घोषित कर सकता है । इसके बाद भेजने वाले देश को या तो राजनयिक को वापस बुलाना होगा या फिर उनके कर्तव्यों को समाप्त करना होगा।
  • अनुच्छेद 11: यदि कोई विशिष्ट समझौता नहीं है, तो मेजबान देश अपनी शर्तों और मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर, जो उचित समझे, उसके आधार पर राजनयिक मिशन के आकार को सीमित कर सकता है।
  • अनुच्छेद 22: मिशन के परिसर (मेजबान देश में राजनयिक और कर्मचारी) अलंघनीय होंगे , मेजबान राज्य के एजेंट मिशन के प्रमुख की सहमति के बिना उनमें प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
  • “प्राप्तकर्ता राज्य”(Receiving State) से तात्पर्य उस मेजबान राष्ट्र से है जहां राजनयिक मिशन स्थित है।
  • अनुच्छेद 26: मिशन के सभी सदस्यों की आवाजाही की स्वतंत्रता से संबंधित है। इसके अनुसार “राष्ट्रीय सुरक्षा के कारणों से जिन क्षेत्रों में प्रवेश निषिद्ध या विनियमित है, उनसे संबंधित अपने कानूनों और विनियमों के अधीन, मेजबान राज्य मिशन के सभी सदस्यों को अपने क्षेत्र में आवाजाही और यात्रा की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगा ।”
  • अनुच्छेद 27 में प्रावधान है कि “प्राप्तकर्ता राज्य सभी आधिकारिक प्रयोजनों के लिए मिशन की ओर से मुक्त संचार की अनुमति देगा और उसकी रक्षा करेगा ।”
  • अनुच्छेद 29 राजनयिक प्रतिरक्षा के बारे में बात करता है , इसमें कहा गया है कि “राजनयिक एजेंट का व्यक्तित्व अनुल्लंघनीय होगा । उसे किसी भी तरह की गिरफ़्तारी या हिरासत में नहीं रखा जा सकता। मेजबान देश उसके साथ उचित सम्मान से पेश आएगा और उसके व्यक्तित्व, स्वतंत्रता या सम्मान पर किसी भी हमले को रोकने के लिए सभी उचित कदम उठाएगा।”
  • राजनयिक प्रतिरक्षा दो कन्वेंशन से रक्षित होता है, जिन्हें लोकप्रिय रूप से वियना कन्वेंशन, 1961 और कांसुलर संबंधों पर कन्वेंशन, 1963  कहा जाता है| 

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न

प्रश्न: राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन (1961) अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक मानदंडों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, मुख्य रूप से द्विपक्षीय तनाव के समय में।” भारत-पाकिस्तान संबंधों में हाल के घटनाक्रमों के संदर्भ में, वियना कन्वेंशन की प्रासंगिकता और प्रमुख प्रावधानों पर चर्चा करें।

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