संदर्भ:
भारत में 24 अगस्त, 2024 को राजगुरु की 113वीं जयंती मनाई गई।
शिवराम हरि राजगुरु का परिचय

- शिवराम हरि राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को महाराष्ट्र के खेड़ गाँव में पार्वती देवी और हरिनारायण राजगुरु के घर में हुआ था।
 - वह भारतीय धर्मग्रंथों के अच्छे जानकार थे।
 - वे घाटप्रभा में प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए ‘सेवा दल’ में शामिल हुए। बाद में, किशोरावस्था के अंतिम वर्षों में वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) में शामिल हो गए।
 - हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1928 में चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह और अन्य लोगों द्वारा की गई थी।
 - वे एक बेहतर निशानेबाज थे और उन्हें हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गनमैन कहा जाता था।
 - राजगुरू केवल 22 वर्ष के थे जब उन्हें वर्ष 1928 में लाहौर में जॉन सॉन्डर्स की हत्या के लिए भगत सिंह और सुखदेव के साथ 31 मार्च, 1931 को फांसी दे दी गई। स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सॉन्डर्स की हत्या कर दी गई थी।
 
राजगुरु का दर्शन
- वह उग्र राष्ट्रवाद में विश्वास करते थे और सोचते थे कि उत्पीड़न का जवाब क्रूरता और हिंसा से दिया जाना चाहिए।
 - वह लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की विचारधारा से प्रेरित थे।
 
राजगुरु की विरासत
- राजगुरु के जन्मस्थान का नाम बदलकर राजगुरुनगर कर दिया गया है।
 - हुतात्मा राजगुरु स्मारक समिति हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजगुरु वाड़ा (उनका पैतृक घर) पर राष्ट्रीय ध्वज फहराती है।
 - वर्ष 2008 में उनकी जन्म शताब्दी पर लेखक अनिल वर्मा की पुस्तक, अजेय क्रांतिकारी राजगुरु का विमोचन किया गया था।
 
