संदर्भ 

भारत ने सतत जल प्रबंधन में सहयोग को मजबूत करने के लिए छठें यूरोपीय संघ-भारत जल फोरम (European Union-India Water Forum) की मेजबानी की।

फोरम के प्रमुख बिन्दु 

  • इस फोरम का आयोजन नई दिल्ली में 8वें भारत जल सप्ताह के अवसर पर आयोजित किया गया था।  
  • दोनों देशों ने सतत् निवेश को बढ़ावा देते हुए नदी बेसिन प्रबंधन में सहयोग के साथ-साथ नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की है।
  • इस फोरम में पूर्वी अफ्रीका के जल निकायों जैसे विक्टोरिया झील, मलावी झील और तांगानिका झील (पूर्वी अफ्रीका की ग्रेट लेक्स) में आने वाली समस्याओं का समाधान हेतु पूर्वी अफ्रीका, भारत और यूरोपीय संघ के बीच त्रिपक्षीय सहयोग की संभावना पर चर्चा की गई, जिससे भारत और यूरोपीय संघ की संयुक्त सामर्थ्य का लाभ उठाया जा सके।
  • पहला भारत-यूरोपीय जल फोरम 23-24 नवंबर, 2015 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसने भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी अर्थात् इंडो-यूरोपियन वॉटर पार्टनरशिप (Indo-European Water Partnership-IEWP) के गठन हेतु प्रेरित किया।

भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी (IEWP)

  • वर्ष 2016 में ब्रुसेल्स में 13वें यूरोपीय संघ-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और यूरोपीय संघ द्वारा अपनाए गए ‘जल पर संयुक्त घोषणा’ के परिणामस्वरूप भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी (IEWP) का गठन हुआ।
  • भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी (IEWP) का उद्देश्य जल प्रबंधन में तकनीकी, वैज्ञानिक और नीतिगत ढाँचे को बढ़ाना है।
  • वर्तमान में, तीसरे चरण के तहत भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी (IEWP) नदी बेसिन प्रबंधन, जलवायु लचीलापन, शहरी बाढ़ और जल प्रशासन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समुचित और धारणीय समाधान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • तीसरा चरण, भारत के राष्ट्रीय 2030 एजेंडा और यूरोपीय संघ की हरित, डिजिटल और समावेशी विकास पर केंद्रित सतत् निवेश, कनेक्टिविटी और अवसंरचना के विकास को बढ़ावा देने वाली वैश्विक गेटवे रणनीति (Global Gateway Strategy) के अनुरूप है।   
  • भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी (IEWP) के अंतर्गत यूरोपीय संघ और भारत तापी और रामगंगा नदी बेसिन में नदी के प्रबंधन पर सहयोग कर रहे हैं।    
  • दोनों देशों ने संयुक्त रूप से 37.4 मिलियन यूरो (यूरोपीय संघ 23.4 मिलियन यूरो और भारत 14 मिलियन यूरो) से 7 अनुसंधान एवं नवाचार जल परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, जिसके परिणामस्वरूप यूरोपीय संघ और भारत के 743 प्रतिभागी एक-साथ आए हैं।   
  • ये परियोजनाएँ पेयजल शुद्धिकरण, अपशिष्ट जल उपचार तथा वास्तविक समय निगरानी और नियंत्रण प्रणालियों पर केंद्रित हैं।
  • भारत-यूरोपीय संघ जल साझेदारी संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) लगभग समान है।
  • यह साझेदारी सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता) और सतत विकास लक्ष्य (SDG) 13 (जलवायु कार्रवाई) में योगदान देने के अतिरिक्त सतत्, हरित और जलवायु-अनुकूल अवसंरचना को बढ़ावा देकर सतत विकास लक्ष्य (SDG) 15 (भूमि पर जीवन) और सतत विकास लक्ष्य (SDG) 11 (समावेशी एवं टिकाऊ शहरीकरण) को भी आगे बढ़ाती है।

भारत जल सप्ताह (India Water Week)

  • पहली बार वर्ष 2012 में, इसका आयोजन किया गया था। जल शक्ति मंत्रालय प्रत्येक दो वर्ष पर भारत जल सप्ताह का आयोजन करता है।
  • इस वर्ष का विषय ‘समावेशी जल विकास और प्रबंधन के लिए साझेदारी और सहयोग’ (Partnership and cooperation for inclusive water development and management) है।
  • इस कार्यक्रम के सातवें संस्करण का आयोजन वर्ष 2022 में किया गया था।

फोरम का महत्व

  • यह गंभीर जल चुनौतियों से निपटता है और नवीन तकनीकी समाधान प्रस्तुत करता है।
  • यह जल क्षेत्र की चुनौतियों पर चर्चा करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा व्यापार एवं अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है।
  • यह मंच तकनीकी सहयोग, नीतिगत आदान-प्रदान और सतत निवेश रणनीतियों के माध्यम से वैश्विक जल समस्याओं के समाधान हेतु यूरोपीय संघ और भारत के बीच साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।  

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