संदर्भ: उत्तर प्रदेश की प्रमुख पहल, मिशन शक्ति, अक्टूबर 2020 में लॉन्च होने के बाद से 9 करोड़ से अधिक महिलाओं तक सफलतापूर्वक पहुँच चुकी है।

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  • अभियान ने विभिन्न विभागों और संस्थानों में समन्वित प्रयासों द्वारा समर्थित महिलाओं की सुरक्षा, कल्याण और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर उपायों को लागू करते हुए पाँच चरण पूरे कर लिए हैं।
  • सरकारी आँकड़ों से पता चला:
    • अभियान ने 1,707 संभावित बाल विवाहों को सफलतापूर्वक रोका।
    • महिला हेल्पलाइन (1090) ने 7.78 लाख मामलों को संबोधित किया।
    • वन स्टॉप सेंटरों ने हिंसा और दुर्व्यवहार के 2.10 लाख मामलों में सहायता प्रदान की।
  • बुनियादी ढाँचे में:
    • अभियान ने 100 गुलाबी पुलिस बूथ स्थापित किए और 80 अतिरिक्त टर्मिनलों के साथ 1090 कॉल सेंटर का विस्तार किया।
    • महिलाओं की स्वच्छता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए, राज्य भर में 189 शहरी स्थानीय निकायों में 1,100 से अधिक गुलाबी शौचालयों का निर्माण किया गया।
  • सरकार ने महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों के 27,425 मामलों में मुकदमा चलाया, जिसमें POCSO अधिनियम के तहत 11,254 मामले और3,700 से अधिक दहेज हत्या के मामले शामिल हैं।
  • आकांक्षी जिलों में, 2 लाख से अधिक लड़कियों की पहचान की गई और उनके समग्र विकास के लिए सहायता प्रदान की गई।
  • राज्य ने संस्थागत प्रसव की84% दर हासिल की, जो मातृ स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुँच को दर्शाता है।
  • मिशन शक्ति की पहुँच को गाँवों, स्कूलों, कॉलेजों और शहरी वार्डों में विशेष आयोजनों, जागरूकता अभियानों और प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से बढ़ाया गया।
  • पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन और पंचायती राज जैसे विभागों द्वारा साइबर अपराध, घरेलू हिंसा, कानूनी अधिकार, मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय साक्षरता पर कार्यशालाएँ आयोजित की गईं।
  • इस अभियान में स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय सहित 30 से अधिक विभागों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों का भी सहयोग लिया गया है।
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