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सामान्य अध्ययन 3: बुनियादी ढाँचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे, आदि।

संदर्भ: 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय चालू वित्त वर्ष के दौरान 25 राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजाओं पर मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग प्रणाली शुरू करने की योजना बना रहा है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • भारत की पहली मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग प्रणाली राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर गुजरात के चोर्यासी शुल्क प्लाजा में स्थापित की जाएगी।
  • इसके लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अंतर्गत भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी (IHMCL) ने आईसीआईसीआई  बैंक के साथ एक समझौता किया है।
  • इसके अतिरिक्त, हरियाणा में NH-44पर घरौंदा शुल्क प्लाजा में मल्टी-लेन फ्री फ्लो के कार्यान्वयन के लिए आईसीआईसीआई बैंक के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।
  • यह उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 25 राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क प्लाजाओं पर मल्टी-लेन फ्री फ्लो -आधारित टोलिंग शुरू करने की योजना बना रहा है।

मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग प्रणाली

  • मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोलिंग एक निर्बाध टोलिंग प्रणाली है।
  • यह हाई-परफॉरमेंस रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) रीडर्स और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों द्वारा फास्टैग और वाहन पंजीकरण संख्या (VRN) को पढ़कर लेनदेन करने में सक्षम बनाती है।
  • इसका उद्देश्य टोल राजस्व संग्रह में सुधार करना और देश भर में एक स्मार्ट, तेज और अधिक कुशल राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क का निर्माण करना है।

MLFF टोलिंग प्रणाली के लाभ

• निर्बाध और तेज यात्रा: वाहन राजमार्ग की गति से टोल नाकों से गुजर सकते हैं, जिससे गति धीमी करने या रुकने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। इससे यात्रा करने में लगने वाले उनके समय की बचत होती है।

  • लॉजिस्टिक्स और माल परिवहन के लिए, इससे तेजी से बदलाव का समय मिलता है और आपूर्ति श्रृंखलाओं में बेहतर दक्षता प्राप्त होती है।

• ईंधन की खपत और उत्सर्जन में कमी: टोल प्लाज़ा पर ब्रेक लगाने और गतिवृद्धि को न्यूनतम करके, MLFF प्रणालियाँ ईंधन की खपत कम करने और वायु प्रदूषण में कमी लाने में योगदान देती हैं।

• परिचालन लागत में कमी: भौतिक टोल नाकों और संबंधित बुनियादी ढाँचे को हटाने से टोल प्लाज़ा के निर्माण, संचालन और रखरखाव की लागत कम हो जाती है।

• सड़क सुरक्षा में वृद्धि: टोल प्लाजा पर रुक-रुक कर होने वाले यातायात और संभावित रुकावटों को दूर करके, यह प्रणाली सड़क को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने में योगदान देगी।

• टोल राजस्व में वृद्धि: प्रणाली की कुशल इलेक्ट्रॉनिक संग्रह प्रणाली सटीकता में सुधार करती है और संभावित लीकेज को कम करती है, जिससे सरकार के टोल राजस्व में वृद्धि होती है।

भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग 

• वर्तमान में, देश में 63 लाख किलोमीटर से अधिक लंबा सड़क नेटवर्क है। इसमें से राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) की कुल लंबाई 1,46,342 किलोमीटर है।

  • कुल सड़क लंबाई के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है, लेकिन प्रति क्षेत्र और प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय राजमार्ग घनत्व अभी भी विकसित देशों की तुलना में कम है।

• यह मार्च 2014 में रहे 91,287 किलोमीटर के नेटवर्क से उल्लेखनीय विस्तार को दर्शाता है क्योंकि इससे पिछले एक दशक में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 55,055 किलोमीटर की वृद्धि हुई है।

• नवंबर 2023 तक, भारत में कुल 599 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं।

• सड़क परिवहन क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 4% का योगदान देता है।

स्रोत:
Indian Express
PIB
India Times

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