संदर्भ:

हाल ही में इंडिया शुगर एंड बायो-एनर्जी सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें इस बात को स्पष्ट किया  गया कि भारत वैश्विक स्तर पर इथेनॉल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश बन गया है।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • इसके अतिरिक्त, यह भी देखा गया कि किसान ” अन्नदाता ” (भोजन प्रदाता) से ” ऊर्जादाता ” (ऊर्जा प्रदाता) बन रहे हैं, जो नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
  • इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के अंतर्गत, इथेनॉल की बिक्री से चीनी मिलों के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी आई है। 

भारत की इथेनॉल सम्मिश्रण में उल्लेखनीय प्रगति

  • भारत के इथेनॉल मिश्रित कार्यक्रम ने वर्ष 2014 से अब तक 11.80 बिलियन अमेरिकी डॉलर (99000 करोड़ रुपये) की विदेशी मुद्रा की बचत की है।
  • भारत ईंधन में इथेनॉल मिश्रण करके वर्ष 2014 से अब तक 17.3 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल के आयात का विकल्प चुनने में सक्षम रहा है।
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: ईंधन में इथेनॉल के उपयोग से पिछले दशक में कार्बन उत्सर्जन में 51.9 मिलियन मीट्रिक टन की कमी आई है।
  • इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य: सरकार ने इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2025-26 तक 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • इथेनॉल ईंधन के किस्म: सरकार ने E20 पेट्रोल, जिसमें 20% इथेनॉल मिश्रित  होता है और ई100 (E100) ईंधन, जिसमें 93-93.5% इथेनॉल होता है को बाजार में उतारा है।
  • इथेनॉल उत्पादन सहायता: सरकार ने इसके लिए वर्ष 2014 से अब तक डिस्टिलर्स को 1.45 ट्रिलियन रुपये और किसानों को 87,558 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

इथेनॉल

  • इथेनॉल या एथिल अल्कोहल (C2H5OH) का उत्पादन गन्ना, मक्का और गेहूं से होता  है, जिनमें स्टार्च की मात्रा अधिक होती है।
  • इथेनॉल को ऑक्सीजन की मात्रा के कारण दहन दक्षता बढ़ाने के लिए गैसोलीन के साथ मिश्रित किया जा सकता है, जिससे उत्सर्जन कम होता है।
  • इससे पर्यावरण प्रदूषण कम होता है और वाहनों के लिए एक स्वच्छ ईंधन विकल्प मिलता है।
  • इथेनॉल का उत्पादन ऐसे पौधों से होता है जो सौर ऊर्जा  का उपयोग करते हैं, इसलिए इथेनॉल को एक नवीकरणीय ईंधन भी माना जाता है।

इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम: 

  • वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने तथा ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के लिए जनवरी 2003 में इस कार्यक्रम को शुरू किया गया था।
  • इस पहल का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और उत्सर्जन में कटौती करने के लिए पेट्रोल के साथ इथेनॉल को मिश्रित करना है।
  • वर्ष 2006 में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) विनिर्देशों के अनुसार वाणिज्यिक व्यवहार्यता के तहत 5% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचने का निर्देश दिया।
  • सरकार ने वर्ष 2021-22 तक पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण के लिए 10% मिश्रण लक्ष्य (ई10)  और वर्ष 2025-26 तक 20% मिश्रण लक्ष्य (ई20) रखा है।।

किसान-केंद्रित नीतियां

  • पिछले 10 वर्षों में गन्ने की खेती का क्षेत्रफल लगभग 18% बढ़ा है जबकि गन्ना उत्पादन में 40% की वृद्धि हुई है।
  • चीनी के लिए न्यूनतम विक्रय मूल्य (जिसे वर्ष 2018 में लागू किया गया था) जैसी नीतियों के माध्यम से किसानों को निरंतर सहायता दी जा रही है।
  • न्यूनतम विक्रय मूल्य लागू होने से किसानों को भुगतान किए जा रहे 1.14 लाख करोड़ रुपये में से लगभग 99% गन्ना बकाया समाप्त करने में मदद मिली है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित हुई है और गन्ना खेती में और अधिक निवेश को बढ़ावा मिला है। 

ब्राज़ील के साथ सहयोग

  • विश्व स्तर पर गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक होने के कारण भारत के लिए जैव ईंधन उत्पादन में ब्राजील (गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक) के साथ सहयोग के रास्ते खुल गए हैं।
  • यह सुझाव दिया गया है कि दोनों देश इथेनॉल और बायोडीजल जैसे जैव ईंधनों के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास पर मिलकर काम कर सकते हैं, जिससे ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता बढ़ेगी।
  • जैव-ऊर्जा, 2जी और 3जी इथेनॉल, ग्रीन हाइड्रोजन और जैव-प्लास्टिक के क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं हैं। 

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