संदर्भ:
हाल ही में, आस्क कैपिटल(Ask Capital) की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत वर्ष 2028 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयार है।
रिपोर्ट के मुख्य अंश
- रिपोर्ट के अनुसार , ‘‘डिजिटल अर्थव्यवस्था 2.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही है। भारत वैश्विक स्तर पर वास्तविक समय डिजिटल भुगतान का अग्रणी देश बनकर उभरा है।
- भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (-ICRIER) के अनुसार डिजिटलीकरण के समग्र स्तर पर भारत का स्कोर जापान, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे विकसित देशों से आगे निकल गया है।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार:
- मार्च 2024 तक भारत में लगभग 120 करोड़ दूरसंचार ग्राहक है ।
- इंटरनेट उपभोक्ताओं की कुल संख्या मार्च 2023 में
- 88.1 करोड़ से बढ़कर मार्च 2024 में 95.4 करोड़ हो गई।
- पिछले एक साल में 7.3 करोड़ से अधिक इंटरनेट ग्राहक और लगभग 7.7 करोड़ ब्रॉडबैंड ग्राहक जुड़े है।
- वायरलेस डेटा उपयोग की कुल मात्रा में भी 21.69 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई।
- वर्ष 2014 में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत थी। वर्ष 2026 तक इसके सकल घरेलू उत्पाद में 20 प्रतिशत योगदान करने की उम्मीद है।
- वर्ष 2017 से 2023 के बीच खुदरा डिजिटल भुगतान में 50.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से वर्ष 2027 तक भारत में कुल खुदरा डिजिटल भुगतान में 90 प्रतिशत का योगदान होने की उम्मीद है।
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है जिसे वर्ष 2016 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से इंटर-बैंकिंग लेनदेन की सुविधा के लिए विकसित किया गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक यूनीफाईड लेंड़िग इंटरफेस (ULI) शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से छोटे और ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए ऋण प्राप्त करना आसान बनाना है।
- यूएलआई एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ग्राहक के डिजिटलीकृत वित्तीय और गैर-वित्तीय डेटा को कई डेटा सेवा प्रदाताओं से उधारदाताओं तक निर्बाध प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है। यह विभिन्न प्रकार के उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट अंडरराइटिंग और ग्राहक के अनुभव को सहज बनाता है।
ई-कॉमर्स भविष्य में विकास का प्रमुख क्षेत्र बनने की उम्मीद है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान की वृद्धि में योगदान देगा।
डिजिटल अर्थव्यवस्था का महत्व
- डिजिटल अर्थव्यवस्था बड़ी मात्रा में डेटा सृजित करती है जिसका उपयोग वित्तीय अंतर्दृष्टि, प्रवृत्तियों और डेटा-संचालित निर्णय लेने के लिए किया जा सकता है।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म दूरदराज के क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार करते हैं, कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा तथा वित्तीय समावेशन के अंतर को कम करती हैं।
- यह कई नए रुझानों और स्टार्ट-अप विचारों को जन्म दिया है।
- यह ई-कॉमर्स के क्षेत्र में सहायता प्रदान करता है, जिससे लघु एवं मध्यम उद्यमों और ग्रामीण उद्यमियों को राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में मदद मिलती है।