संबंधित पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और करार।

संदर्भ: हाल ही में, भारत और अमेरिका ने टैरिफ तनाव के बीच एक वर्चुअल 2+2 अंतर-सत्रीय वार्ता संपन्न की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • 25 अगस्त 2025 को, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के अमेरिकी वरिष्ठ ब्यूरो अधिकारी और हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के कार्यवाहक सहायक रक्षा सचिव के साथ वर्चुअल भारत-अमेरिका 2+2 अंतर-सत्रीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की।
  • यह अंतर-सत्रीय बैठक व्यापक 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता की मध्य-चक्र समीक्षा के रूप में कार्य करती है, जिसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं।

वार्ता के मुख्य बिंदु

  • अधिकारियों ने द्विपक्षीय पहलों को आगे बढ़ाया, क्षेत्रीय सुरक्षा की समीक्षा की और प्रमुख प्राथमिकताओं पर अपने विचार साझा किए।
  • चर्चाओं में व्यापार, निवेश, असैन्य परमाणु सहयोग सहित ऊर्जा सुरक्षा, महत्वपूर्ण खनिज और मादक पदार्थ/आतंकवाद-रोधी सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
  • दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए 10-वर्षीय ढाँचे के माध्यम से रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें रक्षा प्रौद्योगिकी, उद्योग, संचालन, क्षेत्रीय सहयोग और सूचना-साझाकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • प्रतिभागियों ने 21वीं सदी और उसके बाद के लिए भारत-अमेरिका कॉम्पैक्ट (सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए अवसरों को उत्प्रेरित करना) के तत्वावधान में इन क्षेत्रों में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
  • अध्यक्षों ने क्वाड के माध्यम से एक सुरक्षित, मजबूत और अधिक समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
    भारत इस वर्ष क्वाड लीडर्स समिट की मेजबानी करेगा। इस समिट में अमेरिका के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया भी भाग लेंगे।

2+2 वार्ता के बारे में  

  • 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता एक उच्च स्तरीय राजनयिक बैठक है जहाँ दो रणनीतिक साझेदार देशों के विदेश और रक्षा मंत्री अपने साझा सुरक्षा और रणनीतिक हितों पर चर्चा करने और उन्हें उन्नत करने के लिए मिलते हैं।
  • यह साझेदारों को दोनों पक्षों के राजनीतिक कारकों को ध्यान में रखते हुए एक-दूसरे की रणनीतिक चिंताओं और संवेदनशीलताओं को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाती है।
  • भारत वर्तमान में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, रूस, ब्रिटेन और ब्राजील जैसे कुछ प्रमुख रणनीतिक साझेदारों के साथ 2+2 वार्ता कर रहा है।

2+2 वार्ता का महत्त्व 

  • रणनीतिक संरेखण: यह मंच विदेश और रक्षा मंत्रियों को सुरक्षा, रक्षा एवं क्षेत्रीय स्थिरता पर नीतिगत समन्वय हेतु एक संस्थागत संरचना प्रदान करता है, जिससे दीर्घकालिक रणनीतिक अभिसरण को बढ़ावा मिलता है।
  • रक्षा सहयोग को गहरा करना: भारत और अमेरिका के बीच LEMOA, COMCASA और BECA जैसे प्रमुख रक्षा समझौतों को संपन्न किया गया है, जो सशस्त्र बलों के बीच परिचालन समन्वय को सुगम बनाते हैं और सैन्य अंतर-संचालन क्षमता (interoperability) को सुदृढ़ करते हैं।
  • हिंद-प्रशांत और उससे परे साझेदार: यह बढ़ती चुनौतियों (विशेष रूप से मुखर चीन से)  के बीच एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता को मजबूती प्रदान करती है।
  • एकीकृत साझेदारी: यह साझेदारों को राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का एक साथ समाधान करने में सक्षम बनाती है, जिससे एक मजबूत, अधिक व्यापक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रणनीतिक संबंध को बढ़ावा मिलता है।
स्रोत:

Times Of India
Indian Express
MEA
State

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