अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • इस केंद्र की स्थापना राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा रेडिंगटन फाउंडेशन के सहयोग से की गई है।
  • इस साझेदारी की प्राथमिकता है:
    • उद्योग के नेतृत्व वाले पाठ्यक्रम डिजाइन
    • प्लेसमेंट से संबंधित कौशल विकास
    • नियोक्ता नेटवर्क तक पहुँच
    • स्थानीय समुदाय लामबंदी
    • महिलाओं और हाशिए पर स्थित युवाओं पर विशेष ध्यान
  • उद्देश्य: बागपत जिले के बड़ौत और छपरौली ब्लॉक के लगभग 600 उम्मीदवारों, मुख्य रूप से वंचित युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षित करना।
    • बड़ौत केंद्र मुख्य प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेगा, जो स्थानीय पहुँच को व्यापक बनाने के लिए छपरौली में एक स्पोक सेंटर द्वारा समर्थित है।
  • एक समावेशी कौशल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण: यह उत्तर प्रदेश के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है:
    • वित्तीय आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए युवाओं को सशक्त बनाना।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल अंतराल को पाटना।
    • उभरती हुई राष्ट्रीय डिजिटल प्राथमिकताओं के अनुरूप कार्यबल विकसित करना।
    • उन्नत कौशल तैयारियों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करना।
      • यह पहल भारत सरकार के स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के व्यापक मिशन की पूरक है, जो ग्रामीण और अर्ध-शहरी जिलों को कुशल प्रतिभा के नए केंद्रों के रूप में विकसित करने में सक्षम बनाती है।

उत्तर प्रदेश में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल

  • उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन: वर्ष2013 में स्थापित यह मिशन 14-35 आयु वर्ग के युवाओं को उनके पसंदीदा क्षेत्रों में प्रशिक्षित करके अकुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों के कौशल का विकास करता है।
  • कमजोर वर्ग के लिए प्रावधान: 30% महिलाओं और 20% अल्पसंख्यकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • योजना एकीकरण: यह मिशन छह योजनाओं का एक मिश्रण है जैसे:
  • प्रोजेक्ट प्रवीण: छात्रों के बीच कौशल विकास को बढ़ाने और उन्हें नौकरी के लिए तैयार करने हेतु यह परियोजना 2022-23 शैक्षणिक सत्र में लॉन्च की गई।
  • फरवरी 2025 तक इस योजना के तहत 62,500 छात्रों ने मुफ्त कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
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