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संदर्भ: हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन के प्रश्न के शांतिपूर्ण समाधान और द्वि-राष्ट्र समाधान (Two-State Solution) के कार्यान्वयन पर न्यूयॉर्क घोषणा का समर्थन करने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। उल्लेखनीय है कि भारत उन 142 देशों में शामिल था, जिन्होंने इसके समर्थन में मतदान किया।
प्रस्ताव के बारे में
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘फिलिस्तीन के प्रश्न के शांतिपूर्ण समाधान और दो-राष्ट्र समाधान के कार्यान्वयन पर न्यूयॉर्क घोषणा का समर्थन’ शीर्षक से प्रस्ताव को अपनाया, जिसका उद्देश्य दशकों से चल रहे इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करना है।
- इसे फ्रांस और सऊदी अरब की सह-अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन में अपनाया गया। इस दौरान गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया गया।
- प्रस्ताव को भारी बहुमत से पारित किया गया जिसमें 142 देशों ने इसके पक्ष में, 10 देशों ने विपक्ष में मतदान किया, जबकि 12 देश मतदान में अनुपस्थित रहे।
- भारत उन 142 देशों में शामिल था जिन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, तथा इसके विपक्ष में मतदान करने वालों में अर्जेंटीना, हंगरी, इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे।
प्रस्ताव के प्रावधान
- फिलिस्तीन से इजरायल की वापसी: प्रस्ताव में इजरायल से 1967 से अधिकृत सभी फिलिस्तीनी क्षेत्रों से हटने का आह्वान किया गया, जिसमें पूर्वी येरुशलम भी शामिल है। इसके साथ ही पश्चिम एशिया में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति बहाल करने के लक्ष्य की पुष्टि की गई।
- गाजा पट्टी फिलिस्तीन का अभिन्न अंग: प्रस्ताव में गाजा को एकीकृत फिलिस्तीनी राज्य के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने पर जोर दिया गया, जिसमें कोई कब्जा, नाकाबंदी या जबरन विस्थापन नहीं होगा।
- हिंसा की सभी गतिविधियों की समाप्ति: इसमें फिलिस्तीनियों के विरुद्ध हिंसा और उकसावे की सभी गतिविधियों की तत्काल और पूर्ण समाप्ति की आवश्यकता पर बल दिया गया।
- इजरायल द्वारा विलय पर रोक: अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्रों में सभी बस्तियों और विलय की गतिविधियों पर पूर्ण रोक, और इजरायल द्वारा किसी भी प्रकार की विलय या निपटान नीतियों का सार्वजनिक त्याग।
- द्वि-राष्ट्र प्रतिबद्धता: घोषणापत्र में इजरायली नेतृत्व से एक संप्रभु और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य सहित द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए स्पष्ट सार्वजनिक प्रतिबद्धता जारी करने का आह्वान किया गया।
भारत का रुख
- प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करके, भारत द्वि-राष्ट्र समाधान की वकालत करने वाले अधिकांश देशों में के साथ है जोकि यह उसकी दीर्घकालिक मध्य पूर्व विदेश नीति और द्वि-राष्ट्र समाधान के कार्यान्वयन से संरेखित है।
- प्रस्ताव का समर्थन करके भारत ने फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार की पुष्टि की और शांति के मार्ग के रूप में संवाद और वार्ता के अपने आह्वान को दोहराया।