संदर्भ:
हाल ही में, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY) ने वर्ष 2019 में अपनी शुरुआत के बाद से पांच सफल वर्ष पूरे किए।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना क्या है?
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना को देश भर के सभी पात्र लघु एवं सीमांत किसानों (SMFs) को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद 3000 रुपये की निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करके सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
- सीमांत किसान वे होते हैं जिनके पास 1.0 हेक्टेयर से कम कृषि योग्य भूमि होती है तथा 1.0 से 2.0 हेक्टेयर भूमि रखने वाले किसानों को लघु किसान कहा जाता है।
- यह एक केन्द्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका प्रशासन कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के साथ साझेदारी में किया जाता है।
- यह वृद्धावस्था पेंशन योजना एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है।
- योजना में नामांकन: लधु एवं सीमांत किसान पेंशन फंड में मासिक सदस्यता शुल्क देकर सूचीबद्ध हो सकते हैं। 18 से 40 वर्ष की आयु के किसानों को 60 वर्ष की आयु तक 55 से 200 रुपये प्रति माह का अंशदान करना होगा।
- भारतीय जीवन बीमा निगम इस पेंशन निधि का प्रबंधन करता है तथा सामान्य सेवा केन्द्रों (Common Service Centres-CSCs) और राज्य सरकारों के माध्यम से लाभार्थी पंजीकरण किया जाता है।
- सामान्य सेवा केंद्र, भौतिक सेवा वितरण सूचना और संचार प्रौद्योगिकी अवसंरचना का निर्माण करके नागरिकों की पहुंच के भीतर सरकार-से-नागरिक (G2C) ई-सेवाओं की प्रदायगी हेतु पहुंच बिंदु हैं।
- 6 अगस्त, 2024 तक कुल 23.38 लाख किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं। 3.4 लाख से अधिक पंजीकरण के साथ बिहार अग्रणी राज्य है, जिसके बाद झारखंड 2.5 लाख से अधिक पंजीकरण के साथ दूसरे स्थान पर है।
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों के पास व्यक्तिगत लघु एवं सीमांत किसान लाभार्थी के अंशदान का भार साझा करने का विकल्प है।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के अंतर्गत प्रमुख लाभ
- पारिवारिक पेंशन: यदि कोई अभिदाता अपनी पेंशन प्राप्त करते समय मर जाता है, तो उसके जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन के रूप में ग्राहक को मिलने वाली राशि के 50% के बराबर यानी 1500 रुपये प्रति माह पारिवारिक पेंशन मिलेगी। यह तभी लागू होगा जब जीवनसाथी पहले से ही योजना का लाभार्थी न हो। पारिवारिक पेंशन लाभ केवल जीवनसाथी के लिए है।
- पीएम-किसान लाभ: लघु एवं सीमांत किसान अपने पीएम-किसान लाभों का उपयोग योजना में स्वैच्छिक योगदान करने के लिए कर सकते हैं। इससे उनके योगदान का स्वचालित कटौती उस बैंक खाते से हो जाएगी जिसमें उनके पीएम-किसान लाभ जमा किए गए हैं।
- सरकार द्वारा समान अंशदान: केन्द्र सरकार भी कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से पेंशन निधि में पात्र ग्राहक द्वारा दिए जाने वाले अंशदान के बराबर राशि का अंशदान करती है।
पेंशन योजना छोड़ना
- यदि कोई पात्र ग्राहक योजना में शामिल होने के दस वर्ष से कम समय के भीतर योजना से बाहर निकलता है, तो अंशदान का हिस्सा उस पर देय बचत बैंक ब्याज दर के साथ वापस कर दिया जाएगा।
- यदि अभिदाता दस वर्ष के बाद लेकिन साठ वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले जीवित रहता है, तो उसे अपना अंशदान और संचित ब्याज, या तो पेंशन फंड द्वारा अर्जित या बचत बैंक दर पर, जो भी अधिक हो, प्राप्त होगा।
योजना का महत्व
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना ने मौसमी कृषि की अनिश्चितताओं और आय में उतार-चढ़ाव के बीच वित्तीय स्थिरता प्रदान करके लघु एवं सीमांत किसानों को महत्वपूर्ण रूप से सशक्त बनाया है।
योजना की खामियां
- पात्रता: यह योजना दो हेक्टेयर तक कृषि योग्य भूमि के मालिक किसानों के लिए है, जिसमें काश्तकार, बटाईदार और बड़े भूस्वामी शामिल नहीं हैं।
- अंशदान: किसानों को मासिक अंशदान देना होगा, जो अनियमित आय वाले किसानों के लिए बोझ हो सकता है।
- कार्यान्वयन: रिपोर्टों से पता चलता है कि नामांकन में देरी होती है तथा अंशदान के लिए ऑटो-डेबिट प्रणाली में समस्याएं हैं।