संदर्भ: 

हाल ही में, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पीएम-सूर्य घर:  मुफ्त बिजली योजना घटक के तहत ‘नवाचार परियोजनाओं’ के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश अधिसूचित किए हैं। 

पीएम-सूर्य घर योजना के अंतर्गत ‘अभिनव परियोजना’ घटक

  • इस घटक का उद्देश्य छत पर सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, व्यवसाय मॉडलों और एकीकरण तकनीकों में प्रगति की पहचान करना और उसे वित्तपोषित करना है। 
  • यह स्टार्टअप्स, संस्थानों और उद्योगों के  उभरते समाधानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नई अवधारणाएँ विकसित करने में सहायता प्रदान करेगा। 

अभिनव परियोजनाओं के अंतर्गत उभरते समाधानों के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:  

  • ब्लॉकचेन-आधारित पीयर-टू-पीयर रूफटॉप सोलर (RTS), छत पर सौर ऊर्जा प्रबंधन को कारगर बनाने के लिए डिजिटल समाधान, स्मार्ट निर्माण सामग्री,  , बैटरी भंडारण समाधान के साथ ग्रिड रिस्पॉन्सिव RTS,  RTS प्रबंधन के लिए डिस्कॉम आईटी सिस्टम आदि।    

• अवधि: परियोजना की अधिकतम अवधि 18 महीने होगी। 

• वित्तपोषण: इस योजना के तहत नवाचार परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।वित्तीय सहायता कुल परियोजना लागत का 60% तक कवर करेगी ,जिसमे प्रति परियोजना अधिकतम  30 करोड़ रुपए की सीमा होगी। 

  • इसके अतिरिक्त, नवाचार की प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए वार्षिक पुरस्कार दिए जाएंगे, जिनमें 1 करोड़ रुपए तक के पुरस्कार होंगे। 

 राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (NISE) नवाचार परियोजना घटक के लिए योजना कार्यान्वयन एजेंसी (SIA) के रूप में कार्य करेगा।     

  • NISE, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है, जो अनुसंधान एवं विकास, सौर घटक परीक्षण और प्रमाणन, क्षमता निर्माण और सौर उत्पादों एवं अनुप्रयोगों के विकास के लिए समर्पित है।      

पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना

  • भारत सरकार ने 29 फरवरी 2024 को ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य सोलर रूफ़टॉप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय घरों को अपने लिए बिजली उत्पादन में सशक्त बनाना है।      
  • इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपये है और इसे वित्तीय वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाना है। 

कार्यान्वयन संस्था:

  • राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसी (NPIA) 
  • राज्य स्तर पर राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां ( SIAs)।  
  • वितरण उपयोगिता (डिस्कॉम या संबंधित विद्युत/ऊर्जा विभाग, जो भी प्रासंगिक हो) राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर राज्य कार्यान्वयन एजेंसियां ( SIA) होंगी।    

 केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय इस योजना का नोडल मंत्रालय है। 

• इस योजना के तहत 2 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए सौर इकाई लागत का 60% और 2 से 3 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए अतिरिक्त प्रणाली लागत का 40% सब्सिडी प्रदान की जाती है। सब्सिडी की सीमा 3 किलोवाट क्षमता तक सीमित रखी गई है। 

योजना की अन्य विशेषताएँ 

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर को अपनाने के लिए देश के प्रत्येक जिले में एक आदर्श सौर गांव विकसित किया जाएगा। 
  • शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाएँ RTS प्रतिष्ठानों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करेंगी।  
  • यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (RESCO) आधारित मॉडलों के लिए भुगतान सुरक्षा का प्रावधान करती है और साथ ही RTS में नवाचार परियोजनाओं के लिए एक कोष भी उपलब्ध कराती है।  

योजना का महत्व  

  • मुफ्त बिजली: परिवारों के लिए मुफ्त बिजली से घरों को बिजली बिलों में बचत करने में मदद मिलेगी, और वे डिस्कॉम को अधिशेष बिजली बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे।  
  • कम कार्बन उत्सर्जन: यह रूफ़टॉप प्रणालियों के 25 साल के जीवनकाल में 720 मिलियन टन CO2 के समतुल्य उत्सर्जन को कम करेगा।
  • रोजगार के अवसर: इस योजना से विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री, इन्स्टॉलेशन और अन्य सेवाओं में लगभग 17 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।

Also Read:

नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6

Shares: