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सामान्य अध्ययन 2: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय; भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा करार;महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संसथान, एजेंसियाँ और मंच-उनकी संरचना, अधिदेश।
संदर्भ: हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने संयुक्त रूप से ‘पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दूसरे वैश्विक शिखर सम्मेलन‘ का आयोजन किया।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह शिखर सम्मेलन नई दिल्ली के भारत मंडपम में 17 से 19 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया गया।
- शिखर सम्मेलन का विषय “संतुलन की बहाली: स्वास्थ्य और कल्याण का विज्ञान और अभ्यास” था।
- इस शिखर सम्मेलन का लक्ष्य पारंपरिक चिकित्सा के विज्ञान और अभ्यासों के माध्यम से मानवता और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करने हेतु एक वैश्विक अभियान को गति प्रदान करना है।
- शिखर सम्मेलन ‘वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025-2034′ से प्रेरित है।
- मई 2025 में 78वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान ‘वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025–2034’ को औपचारिक तौर पर अपनाया गया।
- इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, स्वदेशी ज्ञान संरक्षकों और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के बीच समान, संधारणीय और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ावा देने पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
- पारंपरिक चिकित्सा पर WHO के दूसरे शिखर सम्मेलन के समापन पर अपनाए गए ‘दिल्ली घोषणापत्र‘ के माध्यम से WHO के सदस्य देशों ने पारंपरिक, पूरक और एकीकृत चिकित्सा (TCIM) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में एकीकृत करने की वैश्विक प्रतिबद्धता जतायी।
- भारत के प्रधानमंत्री ने ‘योग प्रशिक्षण पर WHO की तकनीकी रिपोर्ट‘ और “जड़ों से वैश्विक पहुंच तक: आयुष में परिवर्तन के 11 वर्ष” नामक पुस्तक का विमोचन किया।
- प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय मंच के रूप में पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक पुस्तकालय का भी शुभारंभ किया जिसका उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित वैज्ञानिक डेटा और नीतिगत दस्तावेजों को एक ही स्थान पर संरक्षित करना है।
- भारत की समृद्ध औषधीय विरासत की वैश्विक स्वीकार्यता के प्रतीक के रूप में प्रधानमंत्री ने अश्वगंधा पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
भारत की पारंपरिक चिकित्सा में प्रगति
- भारत शिक्षा, अनुसंधान और क्षमता निर्माण के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का निरंतर विस्तार कर रहा है।
- भारत, वर्तमान में विदेशी नागरिकों को 104 छात्रवृत्तियां देता है और दुनिया भर में भारत के 26 समझौता ज्ञापन (MoUs), 50 से अधिक वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारी, 15 आयुष चेयर और 43 आयुष सूचना प्रकोष्ठ कार्यरत हैं।
- पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक विस्तार हेतु भारत वर्तमान में विदेशी छात्रों को 104 छात्रवृत्तियां प्रदान कर रहा है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के 26 समझौता ज्ञापन (MoUs) प्रभावी हैं और 50 से अधिक वैश्विक संस्थानों के साथ सक्रिय साझेदारी के साथ-साथ दुनिया भर में 15 आयुष चेयर एवं 43 आयुष सूचना प्रकोष्ठ कार्यरत हैं।
- अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पहलों के माध्यम से साक्ष्यों का एक व्यापक आधार तैयार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ब्रिटेन में अश्वगंधा, जर्मनी में गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफ़ोलिया) और लातविया में आयुर्वेद के माध्यम से मधुमेह उपचार पर केंद्रित साझा शोध कार्य किए जा रहे हैं।
- आयुष ग्रिड जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उन्नत तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है।
- भारत समकालीन वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए पारंपरिक ज्ञान को व्यवस्थित रूप से प्रलेखित और सत्यापितकर रहा है।
- पारंपरिक चिकित्सा पर ‘WHO का पहला वैश्विक शिखर सम्मेलन‘ 2023 में गांधीनगर, गुजरात में आयोजित किया गया था।
- भारत के जामनगर, गुजरात में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (GCTM) की स्थापना की गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के बारे में
- इसकी स्थापना 1948 में की गई थी और यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष संस्था है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित है।
- WHO वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए राष्ट्रों, साझेदारों और लोगों को एक मंच पर लाता है।
- यह 6 क्षेत्रों के 194 सदस्य देशों के साथ मिलकर कार्य करता है।
