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सामान्य अध्ययन-3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय।
संदर्भ:
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय रक्षा, सुरक्षा और रणनीतिक आवश्यकताओं का हवाला देते हुए परमाणु, महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों से जुड़ी खनन परियोजनाओं को सार्वजनिक परामर्श प्रक्रिया से छूट प्रदान की है।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह निर्णय राष्ट्रीय रक्षा, सुरक्षा आवश्यकताओं और रणनीतिक विचारों से प्रेरित है। इसे सितंबर 2025 में एक कार्यालय ज्ञापन (OM) के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया।
- नियामक परिवर्तनों के साथ-साथ, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के तहत 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को भी मंज़ूरी दी।
छूट की विशेषताएं
- विशेषज्ञ मूल्यांकन समितियां: सभी छूट प्राप्त परियोजनाओं (भले ही उनका आकार कितना भी हो) का मूल्यांकन सीधे केंद्रीय स्तर पर क्षेत्रीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
- छूट खंड: यह छूट पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) अधिसूचना, 2006 के प्रावधानों पर आधारित है, जो पहले से ही राष्ट्रीय रक्षा, सुरक्षा या अन्य रणनीतिक चिंताओं से संबंधित परियोजनाओं के लिए छूट प्रदान करता है।
- छूट प्राप्त खनिज: खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 के तहत छूट में परमाणु खनिजों (भाग B) और महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों (भाग D) से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं।
छूट के कारण
- खनिजों का रक्षा अनुप्रयोग: रक्षा मंत्रालय ने रडार, नेविगेशन सहायक उपकरण, संचार प्रणाली और प्रदर्शन प्रणाली, बख्तरबंद वाहन और सटीक निर्देशित हथियारों के लिए उन्नत रक्षा प्रणालियों में दुर्लभ मृदा तत्वों (REEs) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
- आपूर्ति जोखिम: भारत दुर्लभ मृदा तत्वों की सीमित वैश्विक उपलब्धता के कारण इनकी आपूर्ति के उच्च जोखिम का सामना कर रहा है, जिससे त्वरित घरेलू अन्वेषण और आपूर्ति की तत्काल आवश्यकता है।
- परमाणु संसाधन आवश्यकता: परमाणु ऊर्जा विभाग ने भारत के परमाणु कार्यक्रम में थोरियम और यूरेनियम की भूमिका पर जोर दिया और तीसरे चरण के लिए मोनाजाइट-समृद्ध समुद्र तट की रेत को महत्वपूर्ण बताया तथा नए भंडारों से उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
हालिया नियामक सुधार
- परिवेश पोर्टल: खान मंत्रालय के अनुरोध पर पर्यावरण मंत्रालय ने अपनी ऑनलाइन अनुमोदन प्रणाली पर छूट प्राप्त परियोजनाओं के लिए ‘परिवेश’ नामक एक अलग श्रेणी को जोड़ा।
- वन (संरक्षण एवं संवर्धन) नियम, 2023: इन नियमों में एक ऐसा खंड शामिल करने के लिए संशोधन किया गया है जो ऐसी खनन परियोजनाओं के लिए वन संबंधी अनुमोदन प्रक्रिया को सुचारू बनाता है।
- खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 (MMDR): इसने अन्वेषण और खनन को बढ़ावा देने के लिए परमाणु, महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों को अपनी अनुसूचियों में सम्मिलित किया।
राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM)

- राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन जनवरी 2025 में 2024-25 से 2030-31 तक सात वर्षों की अवधि के लिए शुरू किया गया था और इसका उद्देश्य उभरती हुई हरित अर्थव्यवस्था में वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत की स्थिति को सुनिश्चित करना है।
- NCMM का कानूनी और नीतिगत ढांचा MMDR अधिनियम संशोधन पर आधारित है, जो केंद्र सरकार को 30 चिन्हित महत्वपूर्ण खनिजों में से 24 की नीलामी करने का विशेष अधिकार प्रदान करता है।
- प्राथमिक उद्देश्यों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति स्रोतों को सुरक्षित करना और अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण, पुनर्चक्रण, अनुसंधान और विकास तथा मानव संसाधन विकास को कवर करने वाली खनिज मूल्य श्रृंखलाओं को सुदृढ़ करना शामिल है।
