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सामान्य अध्ययन 2: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना,संगठन और कार्य; सरकार के मंत्रालय और विभाग; प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका|
संदर्भ: हाल ही में, लोकसभा अध्यक्ष ने नकदी मामले में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जाँच के लिए तीन सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया।
अन्य संबंधित जानकारी
• 14 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास पर जले हुए नोट मिलने के बाद उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय वापस भेज दिया गया था। इसके बाद, सर्वोच्च न्यायालय की आंतरिक जाँच में न्यायमूर्ति वर्मा को दोषी ठहराया गया।
• न्यायाधीश (जाँच) अधिनियम, 1968 की धारा 3(2) के अनुसार न्यायमूर्ति वर्मा को उनके पद से मुक्त करने के लिए प्रस्ताव रखा गया और एक तीन-सदस्यीय समिति गठित की गई।
न्यायाधीशों की पदमुक्ति
• संविधान में न्यायाधीशों को पद से मुक्ति के लिए एक कठोर ढाँचा सुझाया गया है, जिसका उद्देश्य राजनीतिक रूप से प्रेरित पद से मुक्ति से बचाव करते हुए न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
• संविधान के अनुच्छेद 124(4) और 217 में प्रावधान है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा ‘सिद्ध कदाचार’ या ‘अक्षमता’ के आधार पर ही पद से मुक्त किया जा सकता है।
• संविधान में ‘सिद्ध कदाचार’ या ‘अक्षमता’ शब्दों को परिभाषित नहीं किया गया है।
• सर्वोच्च न्यायालय ने विभिन्न मामलों में यह राय दी है कि पद पर रहते हुए जानबूझकर किया गया कदाचार, भ्रष्टाचार, सत्यनिष्ठा की कमी या नैतिक पतन से जुड़ा कोई अन्य अपराध कदाचार की श्रेणी में आएगा।
- यहाँ अक्षमता का तात्पर्य ऐसी चिकित्सीय स्थिति से है जिसमें शारीरिक या मानसिक अक्षमता शामिल हो सकती है।
न्यायाधीश जाँच अधिनियम 1968
यह सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पद से मुक्त करने की प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत प्रक्रिया प्रदान करता है:
• पद से मुक्त करने के प्रस्ताव पर लोकसभा में कम से कम 100 सदस्यों और राज्यसभा में कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए।
• अध्यक्ष/सभापति प्रस्ताव को स्वीकार कर सकते हैं या अस्वीकार कर सकते हैं।
• यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो अध्यक्ष/सभापति आरोपों की जाँच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेंगे।
• समिति में निम्नलिखित शामिल होने चाहिए:
- भारत का मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश
- उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश।
- अध्यक्ष/सभापति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता।
• आरोप और उनकी जाँच के आधार न्यायाधीश को सूचित किए जाएँगे, जिन्हें समिति द्वारा लिखित बचाव प्रस्तुत करने के लिए उचित समय दिया जाएगा।
• यदि समिति न्यायाधीश को कदाचार का दोषी या अक्षमता से ग्रस्त पाती है, तो रिपोर्ट दोनों सदनों में प्रस्तुत की जाती है, जो प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं।
• संसद के प्रत्येक सदन द्वारा विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद, न्यायाधीश को पद से हटाने के लिए अनुरोध करते हुए संसद के प्रत्येक सदन द्वारा राष्ट्रपति को एक अभिभाषण प्रस्तुत किया जाएगा।
• अंततः, भारत का राष्ट्रपति न्यायाधीश को पद से मुक्त करने का आदेश पारित करता है।
स्रोत:
https://ddnews.gov.in/en/om-birla-constitutes-panel-to-probe-justice-yashwant-varma-in-cash-row