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सामान्य अध्ययन 1: विश्व भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप सहित)

संदर्भ : 

हाल ही में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों ने ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को संयुक्त रूप से क्रियान्वित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

अन्य संबंधित जानकारी

  • हाल ही मे मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की भोपाल में हुई बैठक के बाद  इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया।
  • यह परियोजना पिछले वर्ष मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई तीसरी ऐसी पहल है, इससे पहले उत्तर प्रदेश के साथ केन-बेतवा लिंक और राजस्थान के साथ पार्वती -कालीसिंध -चंबल परियोजना शुरू की गई थी ।
  • इस परियोजना को विश्व की सबसे बड़ी भूजल पुनर्भरण परियोजना के रूप मे माना गया  है।

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना

  • इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर दोनों राज्यों में सिंचाई के लिए ताप्ती नदी की तीन धाराओं का विकास करेगी। 
  • इस परियोजना का उद्देश्य नागपुर सहित महाराष्ट्र के पूर्वोत्तर भागों में पेयजल की आवश्यकताओं को पूरा करने तथा सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ताप्ती नदी के पानी को मोड़ना है।
  • इसका उद्देश्य मध्य प्रदेश के दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी जिलों जैसे बुरहानपुर और खंडवा को सिंचाई सहायता प्रदान करना है।
  • सिंचाई एवं भूमि लाभ :
  • लाभान्वित होने वाली कुल भूमि: 5.78 लाख एकड़
  • मध्य प्रदेश : 1,23,082 हेक्टेयर के लिए स्थायी सिंचाई
  • महाराष्ट्र : 2,34,706 हेक्टेयर के लिए स्थायी सिंचाई
  • कुल नियोजित जल आवंटन एवं उपयोग : 31.13 TMC (हजार मिलियन घन फीट)
  • मध्य प्रदेश : 11.76 TMC
  • महाराष्ट्र : 19.36 TMC
  • भूमि उपयोग एवं पुनर्वास :
  • मध्य प्रदेश में कुल आवश्यक भूमि : 3,362 हेक्टेयर
  • विस्थापन/पुनर्वास : गांवों का कोई विस्थापन नहीं; पुनर्वास की आवश्यकता नहीं
  • लाभार्थी जिले :
  • महाराष्ट्र : जलगांव, अकोला, बुलढाणा , अमरावती
  • मध्य प्रदेश : बुरहानपुर , खंडवा
  • वित्तीय पहलू :
  • केंद्र सरकार का योगदान : परियोजना लागत का 90% वित्तपोषित होने की अपेक्षा
  • इसे राष्ट्रीय जल परियोजना के रूप में नामित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ परामर्श की योजना बनाई गई है |

भूजल पुनर्भरण में परियोजना की भूमिका:

  • परियोजना के अंतर्गत निर्मित नहरों और बांधों के नेटवर्क का उपयोग करते हुए, ताप्ती नदी के समानांतर चलने वाली एक लाइन को पानी प्राप्त होगा, जिससे सम्बन्धित  क्षेत्र में भूजल का पुनर्भरण होगा।
  • ताप्ती घाटी के किनारे वाली रेखीय क्षेत्र  जहां पुनर्भरण होना है, एक बजदा क्षेत्र है, या एक हल्का ढलान वाला निक्षेपण तल है जो नदियों के प्रवाह से निर्मित शुष्क या अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है ।
  • इस प्राकृतिक विशेषता का दोहन मुख्यतः  पुनर्भरण पहल के केंद्र का मुख्य विषय है।

ताप्ती नदी की मुख्य विशेषताएं:

  • मूलतः बैतूल के पास, मध्य प्रदेश ।
  • प्रवाह: पश्चिम की ओर, अरब सागर तक।
  • बेसिन: तापी बेसिन पश्चिम की ओर प्रवाहित  वाला दूसरा सबसे बड़ा बेसिन है ।
  • लंबाई: 724 किमी.
  • क्षेत्रफल: बेसिन का क्षेत्रफल 65,145 वर्ग किमी है।
  • राज्य: यह नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर गुजरती है।
  • सहायक नदियाँ: महत्वपूर्ण सहायक नदियों में बाएं तट पर पूर्णा, वाघुर, गिरना, बोडी और पंजरा तथा दाहिने तट पर गोमई, अरुणावती, आनेर और सुकी शामिल हैं।
  • प्रमुख बांध: उकाई बांध और काकरापार बांध तापी नदी पर स्थित हैं ।
  • कवर किए गए राज्य :
  • महाराष्ट्र (नागपुर सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र)
  • मध्य प्रदेश ( बुरहानपुर और खंडवा सहित दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी जिले )

संबंधित विगत वर्ष के प्रश्न 

नदियों को आपस में जोड़ने से सूखा, बाढ़ और बाधित नौवहन जैसी बहुआयामी अंतर-संबंधित समस्याओं का व्यवहार्य समाधान मिल सकता है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (2020)

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