संबंधित पाठ्यक्रम

सामान्य अध्ययन-3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन।

संदर्भ:

हाल ही में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने सितंबर 2026 तक पुरानी लैंडफिल साइटों को समाप्त करने और शहरी भूमि को बहाल करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत डंपसाइट रीमेडिएशन एक्सेलेरेटर प्रोग्राम (DRAP) की शुरूआत की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन 2025 के उद्घाटन सत्र के दौरान डंपसाइट रीमेडिएशन एक्सेलेरेटर कार्यक्रम (DRAP) का शुभारंभ किया।
  • यह पहल लक्ष्य जीरो डम्पसाइट्स’ मिशन’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विरासत में मिले कचरे को समाप्त करना और शहरी और सामुदायिक उपयोग के लिए आवश्यक भूमि को बहाल करना है।
  • यह कार्यक्रम डम्पसाइट्स के सुधार में तेजी लाने के लिए एक त्वरित और संरचित दृष्टिकोण अपनाता है।
  • इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य सितंबर 2026 तक पार्कों, सामुदायिक सुविधाओं, उपयोगिताओं और आवश्यक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए मूल्यवान शहरी भूमि को बहाल करना है।

कार्यान्वयन और DRAP के लिए वित्तीय सहायता

  • वर्तमान में, भारत भर में 1,428 डम्पसाइट्स का सुधार कार्य चल रहा है जिनमें से 80% पुराना कचरा 202 शहरी स्थानीय निकायों में स्थित 214 स्थलों पर है।
  • DRAP इन उच्च-प्रभाव वाले स्थानों को प्राथमिकता देगा, जिनमें कुल मिलाकर लगभग 8.8 करोड़ मीट्रिक टन पुराना कचरा है।
  • इस पहल का उद्देश्य उन 50% लैंडफिल क्षेत्रों का पुनर्ग्रहण करना है, जिनका पुनर्ग्रहण नहीं हुआ है और इसके अतिरिक्त 41% अप्रसंस्कृत कचरे का निपटान करना है।
  • अब तक लगभग 25 करोड़ मीट्रिक टन कचरे वाले 1,048 डंपसाइटों में पूर्णतः सुधार किया जा चुका है, जिससे लगभग 7,580 एकड़ शहरी भूमि का पुनर्ग्रहण हुआ है।
  • केन्द्र सरकार मिशन के अंतर्गत पुराने कचरे के निपटान के लिए 550 रुपये प्रति टन की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने ₹10,228 करोड़ मूल्य की परियोजनाओं के लिए ₹4,181 करोड़ की केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) को मंजूरी दी है, जिससे 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 2,484 शहरी स्थानीय निकायों को लाभ होगा।
  • सरकार ने DRAP के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए 2,716 करोड़ रुपये को मंजूरी दी है, तथा जवाबदेही और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक नेताओं को एक-एक लैंडफिल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

अन्य संबंधित पहल

  • अर्बन इन्वेस्ट विंडो (UiWIN): शुरू की गई एक अन्य प्रमुख पहल UiWIN थी, जिसे आवास और शहरी विकास निगम (HUDCO) द्वारा विकसित किया गया। इसका उद्देश्य वन-स्टॉप निवेश सुविधा मंच के रूप में कार्य करना है।
    • UiWIN प्लेटफॉर्म को निजी निवेश को आकर्षित करने और टिकाऊ शहरी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे बहुपक्षीय संस्थानों से दीर्घकालिक, रियायती और प्रतिस्पर्धी वित्तपोषण तक पहुंच बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
    • यह भारत के अनुमानित शहरी बुनियादी ढांचे के निवेश अंतराल (अनुमानित 3-5 लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष) को पूरा करता है और इसका उद्देश्य शहरों के लिए वित्तपोषण इकोसिस्टम को सरल बनाना है।
  • स्वच्छ भारत मिशन-ज्ञान प्रबंधन इकाई (SBM–KMU): इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय शहरी मामलों के संस्थान (NIUA) में SBM–KMU का भी शुभारंभ किया गया।
    • यह इकाई स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM–U) ढांचे के तहत क्षमता निर्माण, ज्ञान सृजन और संस्थागत शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में कार्य करेगी।

Source
New Indian Express
PIB
Swarajya Mag
Hindustan Times

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