संदर्भ:

 हाल ही मे भारत के प्रधान मंत्री ने ‘ज्ञान भारतम मिशन’ के नाम से पुनर्निर्मित राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन का शुभारंभ किया।

अन्य सम्बन्धित जानकारी

  • इसका उद्देश्य संस्थानों, पुस्तकालयों, संग्रहालयों और निजी संग्रहों में एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों का सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण करना है।
  • संस्कृति मंत्रालय के नेतृत्व में पुनर्गठित मिशन संभवतः पहले की संरचना से अलग एक नए स्वायत्त संगठन के रूप में कार्य करेगा।
  • राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन को पुनः डिजाइन करने के लिए विशेषज्ञ परामर्श अक्टूबर 2024 में शुरू होगा।
  • ‘ज्ञान भारतम मिशन’ को समायोजित करने के लिए, राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM) के लिए बजट आवंटन ₹3.5 करोड़ से बढ़ाकर ₹60 करोड़ कर दिया गया है।

राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM)

  •   NMM को मूलतः इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के तत्वावधान में 2003 में लॉन्च किया गया था। ।
  • इसने अब तक विभिन्न संग्रहों में तीन लाख पचास हजार पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया है।
  • मिशन अपने पांडुलिपि संरक्षण केंद्रों की सहायता से देश भर में विभिन्न सामग्रियों पर अंकित सभी प्रकार की पांडुलिपियों को संरक्षित कर रहा है।
  • एनएमएम ने अब तक 52 लाख पांडुलिपियों का मेटाडेटा तैयार किया है और लगभग तीन लाख से ज़्यादा शीर्षकों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है। हालाँकि, उनमें से केवल एक तिहाई यानी 1,36,490 पांडुलिपियों में से 77,152 पांडुलिपियाँ ही सार्वजनिक पहुँच के लिए उपलब्ध हैं।
  • ज्ञान भारतम मिशन के तत्वावधान में संस्कृति मंत्रालय सार्वजनिक प्रदर्शनियों या डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से एनएमएम की पहुंच का व्यापक रूप से विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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