संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन-1: सामाजिक सशक्तिकरण
सामान्य अध्ययन -2: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
संदर्भ:
जेंडर स्नैपशॉट रिपोर्ट, 2025 में चेतावनी दी गई है कि वैश्विक लैंगिक समानता में अचानक ठहराव आ गया है| यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो लाखों महिलाएं और लड़कियां गरीबी से जूझेगी, हिंसा का सामना करेंगी और निर्णय लेने से वंचित रहेंगी।
रिपोर्ट के बारे में
- यह संयुक्त राष्ट्र महिला और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UN DESA) द्वारा तैयार की जाने वाली वार्षिक श्रृंखला का नवीनतम संस्करण है।
- यह रिपोर्ट लैंगिक समानता पर नवीनतम आंकड़ों और साक्ष्यों पर प्रकाश डालती है, और सभी 17 लक्ष्यों को कवर करती है।
मुख्य निष्कर्ष
गरीबी और खाद्य असुरक्षा:
- 2020 से महिलाओं की चरम गरीबी दर लगभग 10% पर ठहरी हुई है। यदि यही रुझान रहे, तो 2030 तक 351 मिलियन से अधिक महिलाएं और लड़कियां भी चरम गरीबी का सामना करेंगी।
- 2024 में पुरुषों की तुलना में 64 मिलियन अधिक महिलाओं ने खाद्य असुरक्षा का सामना किया।
स्वास्थ्य और शिक्षा में वृद्धि, परन्तु आवश्यकता से कम:
- वर्ष 2000 के बाद से मातृ मृत्यु दर में लगभग 40% की गिरावट आई है, फिर भी स्वास्थ्य अच्छा न रहने के कारण महिलाएँ पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक बीमार रहती हैं।
- वैश्विक स्तर पर स्कूल नामांकन में लड़कियाँ अब लड़कों से आगे निकल गई हैं, लेकिन अफ्रीका और एशिया में यह अंतर अभी भी बना हुआ है।
अवैतनिक कार्य और श्रम भागीदारी:
- महिलाएं पुरुषों की तुलना में अवैतनिक घरेलू देखभाल कार्यों में 2.5 गुना अधिक घंटे खर्च करती हैं।
- 2024 में रोजगार का अंतराल अधिक बना रहेगा, लगभग 69.5% पुरुषों की तुलना में 46.4% कामकाजी आयु की महिलाएं कार्यरत होंगी।
हिंसा और कम आयु में विवाह:
- 15-49 वर्ष की आयु की 8 में से 1 महिला ने पिछले वर्ष शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया।
- युवा महिलाओं में कम आयु में विवाह की दर 2014 में 22% से घटकर 2024 में 18.6% हो गई।
निर्णय लेना और प्रतिनिधित्व:
- विश्व स्तर पर लगभग 27.2% संसदीय सीटें महिलाओं के पास हैं।
- 102 देशों में कभी भी कोई महिला, राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख नहीं रही हैं।
डिजिटल विभाजन और प्रौद्योगिकी:
- वैश्विक स्तर पर 70% पुरुष इंटरनेट का उपयोग करते हैं, जबकि 65% महिलाएं इंटरनेट का उपयोग करती हैं।
- संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अकेले इस अंतर को पाटने से 2050 तक 343 मिलियन महिलाओं और लड़कियों को लाभ मिल सकता है, 30 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकता है और 2030 तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1.5 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हो सकती है।
उभरते खतरे:
- सबसे खराब जलवायु परिदृश्य के तहत, 2050 तक 158 मिलियन से अधिक महिलाएं और लड़कियां अत्यधिक गरीबी में रह सकती हैं।
- जनरेटिव एआई के प्रसार के कारण रोजगार क्षेत्र में महिलाओं के लिए पुरुषों की तुलना में अधिक व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका है — जहाँ पुरुषों के 21.1% की तुलना में महिलाओं के 27.6% रोजगार प्रभावित हो सकते हैं।
आगे की राह
- संरचनात्मक बाधाएँ: महिलाओं और लड़कियों को गरीबी से निकालने के लिए संरचनात्मक बाधाओं को दूर करना होगा, विशेष रूप से उन सामाजिक मानदंडों को जो उन पर अवैतनिक देखभाल और घरेलू काम का बोझ डालते हैं।
नियामक ढाँचा:
- महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने और 2030 तक परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए मजबूत कानून, बजट, उत्तरजीवी (survivor) सहायता और नागरिक समाज के साथ समन्वय महत्वपूर्ण हैं।
- संरचनात्मक सुधार, जिसमें महिलाओं, विशेष रूप से किशोरियों और युवा महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाए, साथ ही नागरिक स्थानों की सुरक्षा और लैंगिक समानता संस्थानों को मजबूत किया जाए, आज उनके अल्प प्रतिनिधित्व की स्थिति को बदल सकते हैं।
जलवायु न्याय सुधार: सरकारों को भूमि और संसाधनों पर महिलाओं के समान अधिकार सुनिश्चित करके और सभी स्तरों पर निर्णय लेने में उनकी भागीदारी को बढ़ाकर जलवायु न्याय सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए।
स्रोत:
Downto Earth
Unstats