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सामान्य अध्ययन-2: विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और जिम्मेदारियां।
संदर्भ: हाल ही में, भारत के निर्वाचन आयोग (ECI) ने ईवीएम मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता बढ़ाने के लिए उनके डिजाइन और मुद्रण के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49B के तहत मौजूदा दिशानिर्देशों को संशोधित किया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह पहल, चुनाव प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और बेहतर बनाने तथा मतदाताओं के लिए सुविधा बढ़ाने के लिए पिछले 6 महीनों में भारत के चुनाव आयोग द्वारा पहले ही की जा चुकी 28 पहलों के अनुरूप है।
- आगामी चुनावों में उन्नत ईवीएम मतपत्रों का उपयोग किया जाएगा, जिसकी शुरुआत बिहार से होगी।
संशोधित दिशानिर्देशों
- उम्मीदवारों के फोटोग्राफ : अब से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों के फोटोग्राफ रंगीन (कलर) में मुद्रित किए जाएंगे। बेहतर दृश्यता सुनिश्चित करने हेतु फोटोग्राफ में उम्मीदवारों का चेहरा कुल स्थान का तीन-चौथाई भाग में होगा।
- उम्मीदवारों /नोटा के क्रमांक : क्रम संख्या अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप की भारतीय संख्याओं में मुद्रित की जाएगी। स्पष्टता हेतु इसका फ़ॉन्ट आकार 30 और बोल्ड रहेगा।
- सभी उम्मीदवारों/नोटा के नाम : एकरूपता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, सभी उम्मीदवारों एवं “उपलब्ध नहीं” (NOTA) विकल्प के नाम एक ही प्रकार के फ़ॉन्ट व एक ही आकार में मुद्रित किए जाएंगे, जो पढ़ने में सुगम हो।
- ईवीएम बैलेट पेपर : बैलेट पेपर 70 GSM के कागज पर मुद्रित किया जाएगा। विधानसभा चुनावों के लिए निर्दिष्ट RGB मानों के अनुरूप गुलाबी रंग के कागज का उपयोग किया जाएगा।
- एक शीट पर अधिकतम 15 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए जा सकेंगे।
- “नोटा” (NOTA) विकल्प अंतिम अभ्यर्थी के नाम के बाद रखा जाएगा।
- यदि उम्मीदवारों की संख्या (नोटा सहित) 16 से कम हो, तो शेष स्थान खाली छोड़ा जाएगा।
निर्वाचन आचरण नियम, 1961
- निर्वाचन रूपरेखा : यह नियम “जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951” के अंतर्गत नामांकन, परीक्षण (स्क्रूटिनी), नाम वापसी, मतदान, मतगणना एवं परिणामों की घोषणा की विस्तृत प्रक्रिया निर्धारित करता है।
- पारदर्शिता एवं अभिलेख : यह नियम विभिन्न प्रपत्रों, सूचनाओं एवं निर्वाचन संबंधी अभिलेखों के संधारण का प्रावधान करता है, तथा कुछ अभिलेखों का सार्वजनिक निरीक्षण सुनिश्चित करता है।
- मतदान की विधियाँ : मतदान की प्रक्रिया बैलेट पेपर, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), वीवीपैट (VVPAT), डाक मतपत्र तथा सेवा मतदाताओं हेतु प्रॉक्सी वोटिंग के माध्यम से संचालित की जाती है, जिसकी रूपरेखा इन नियमों में दी गई है।
- मतदाता की गोपनीयता : मतदाता की पहचान एवं मत की गोपनीयता सुनिश्चित करने हेतु मतदान केंद्रों, गोपनीय कक्षों (कम्पार्टमेंट्स) तथा मतपत्रों के प्रबंधन से संबंधित विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।
- अधिकारियों की भूमिका : इन नियमों में निर्वाचन प्रक्रिया के निष्पक्ष एवं स्वतंत्र संचालन हेतु रिटर्निंग ऑफिसर, पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) एवं मतदान अधिकारियों (Polling Officers) के कर्तव्यों एवं अधिकारों का उल्लेख किया गया है।
- विवाद निवारण : यदि कहीं किसी प्रकार की अनियमितता या तकनीकी विफलता होती है, तो इन नियमों में शिकायतों के समाधान, पुनर्मतदान (Re-polling) एवं निर्वाचन प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने की व्यवस्था की गई है।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)
- यह मतों को रिकॉर्ड करने हेतु प्रयुक्त एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है।
- यह दो इकाइयों से मिलकर बनी होती है — नियंत्रण इकाई (Control Unit) तथा मतदान इकाई (Balloting Unit), जिन्हें पाँच मीटर लंबी केबल द्वारा जोड़ा जाता है।
- नियंत्रण इकाई पीठासीन अधिकारी (Presiding Officer) या किसी मतदान अधिकारी के पास रहती है, जबकि मतदान इकाई गोपनीय मतदान कक्ष में स्थापित की जाती है।
- मतपत्र जारी करने के स्थान पर, नियंत्रण इकाई के प्रभारी मतदान अधिकारी ‘बैलेट बटन‘ दबाकर मतदाता को मतदान करने की अनुमति देता है।
- इसके पश्चात मतदाता मतदान इकाई में अपने पसंदीदा उम्मीदवारों एवं उसके चुनाव चिन्ह के सामने स्थित नीला बटन दबाकर अपना मत देता है।
- वर्ष 1982 में केरल के परावूर नगर में विधानसभा चुनावों के दौरान 50 मतदान केंद्रों पर कागजी मतपत्रों के स्थान पर ईवीएम का प्रयोग परीक्षण रूप में किया गया था। यद्यपि यह प्रयोग नवाचारपूर्ण था, किन्तु इससे विवाद उत्पन्न हुआ, पुनर्मतदान कराया गया और परिणामों को पलट दिया गया।
- दिसंबर 1988 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के एक प्रावधान में संशोधन कर धारा 61A जोड़ी गई, जिसके अंतर्गत निर्वाचन आयोग को ईवीएम के उपयोग हेतु अधिकृत किया गया।
मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT)
- VVPAT एक ऐसी प्रणाली है जो मतदाताओं को उनके मतदान की पुष्टि करने की सुविधा प्रदान करती है। यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़ी एक स्वतंत्र सत्यापन प्रिंटर मशीन होती है।
- यह प्रणाली मतदाता को यह सत्यापित करने की सुविधा देती है कि उसका मत उसी अभ्यर्थी को पड़ा है जिसे वह देना चाहता था।
- VVPAT को 2014 के आम चुनावों से छह माह पूर्व प्रयोग में लाया गया।
- EVM से जुड़ी VVPAT मशीन एक कागजी पर्ची (पेपर स्लिप) निकालती है, जिसे मतदाता कुछ क्षणों के लिए देख सकता है और यह सत्यापित कर सकता है कि उसका मत सही उम्मीदवार को गया है या नहीं।
- निर्वाचन आचरण नियम, 1961 में वर्ष 2013 में संशोधन कर VVPAT मशीनों के उपयोग की अनुमति दी गई थी। उसी वर्ष, इसका प्रारंभिक परीक्षण (पायलट प्रोजेक्ट) नागालैंड के नोकसेन विधानसभा उपचुनाव में किया गया।