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सामान्य अध्ययन-2: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव, प्रवासी भारतीय।
संदर्भ:
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें ट्रंप के गाजा शांति प्रस्ताव का समर्थन और क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की तैनाती को स्वीकृति दी गई है।
अन्य संबंधित जानकारी
- अमेरिका द्वारा प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है और इसे 15-सदस्यीय परिषद ने पारित किया जिसमें से 13 मत इसके समर्थन में पड़े जबकि विपक्ष में कोई मत नहीं पड़ा, और चीन तथा रूस ने मतदान में भाग नहीं लिया।
- इसने ट्रंप की गाजा संघर्ष समाप्त करने की व्यापक योजना को समर्थन दिया, जो गाजा को एक “पुनःकट्टरता-मुक्त, आतंक मुक्त क्षेत्र” में बदलने का प्रस्ताव करती है, जो इसके पड़ोसियों के लिए कोई खतरा उत्पन्न नहीं करता और इसके निवासियों के पुनर्विकास का समर्थन करता है।
- इस प्रस्ताव ने बोर्ड ऑफ़ पीस (BoP) के गठन का स्वागत किया, जो एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी दर्जे वाली अस्थायी संस्था है और इसे गाजा के पुनर्निर्माण के लिए ढांचे को निर्धारित करने और वित्त को समन्वित करने का कार्य सौंपा गया है।
- इज़राइली सेनाएँ नियोजित बंधक रिहाई से पहले सहमत रेखा पर पुनर्स्थापित होंगी। सभी सैन्य अभियान, जिनमें वायु और तोपखाने की कार्रवाई शामिल हैं, रोक दिए जाएंगे, और मौजूदा युद्ध स्थितियाँ बिना बदलाव बनी रहेंगी जब तक कि पूर्ण, चरणबद्ध वापसी की शर्तें पूरी न हो जाएँ।
- युद्धों के वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव पर जोर देते हुए भारत ने गाजा शांति योजना का समर्थन किया और यूक्रेन संघर्ष के समाप्ति की कामना की।
शांति योजना के प्रमुख बिंदु
- शांति योजना गाजा में तत्काल संघर्षविराम और इज़राइल तथा हमास द्वारा सभी सैन्य अभियानों को स्थगित करने की मांग करती है।
- योजना में गाजा में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (ISF) की नियुक्ति का प्रावधान है।
- यह ढांचा मानवतावादी सहायता, नागरिक अवसंरचना के पुनर्निर्माण, और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करता है।
- यह योजना भविष्य में मध्य पूर्व और वैश्विक शक्तियों के प्रमुख हितधारकों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय वार्ताओं का प्रस्ताव करती है।
- योजना में “ट्रंप आर्थिक विकास योजना” का खाका प्रस्तुत किया गया है, जिसका उद्देश्य मध्य पूर्व की शहरी विकास विशेषज्ञता का उपयोग करके गाजा का पुनर्निर्माण करना है।
- यह योजना विशेष आर्थिक क्षेत्र के निर्माण का भी प्रस्ताव करती है, जिसमें प्राथमिक टैरिफ और पहुँच दरें निर्धारित होंगी, और यह सुनिश्चित करती है कि किसी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा, जबकि जो लोग चले जाएँ, वे लौटने के लिए स्वतंत्र होंगे।
शांति योजना की प्रमुख चुनौतियाँ
- हमास ने यह कहते हुए इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, कि शांति योजना फिलिस्तीनियों के अधिकारों और मांगों को पूरा करने में विफल रही है और यह इलाके पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी रखने का प्रयास करती है, जिसका विरोध फिलिस्तीनी और प्रतिरोध समूह करते हैं।
- इस योजना के उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, न ही यह स्पष्ट करती है कि कौन से देश ISF में सैनिक भेजेंगे, और न ही इसमें यह उल्लेख है कि कार्यान्वयन प्रक्रिया या फिलिस्तीनी प्राधिकरण के भीतर “सुधारों” की प्रगति की निगरानी कौन करेगा।
- इस योजना के तहत इजरायली सैनिकों को ‘सुरक्षा घेरे’ को बनाए रखने की अनुमति होगी, जबकि हमास को स्वयं को निष्क्रिय करना होगा।
- फिलिस्तीनियों को मुख्य निर्णय लेने वाले निकायों से तब तक बाहर रखा जाएगा जब तक ‘फिलिस्तीनी प्राधिकरण में सुधार पूरे नहीं हो जाते।
