संदर्भ:
हाल ही में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने “कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम” के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
अन्य संबंधित जानकारी
- केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों को ऐसे भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें प्रस्तावित कोर्सों , उनकी अवधि, शिक्षकों की योग्यता, शुल्क और धन वापसी नीतियों के बारे में झूठे दावे किए जाते हैं।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 18 के अनुसार केंद्रीय प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी वस्तु या सेवा के संबंध में ऐसे कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए जो अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो।
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने स्वतः संज्ञान लेते हुए विभिन्न कोचिंग संस्थानों को भ्रामक विज्ञापनों के लिए 45 नोटिस जारी किए थे।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (Central Consumer Protection Authority-CCPA ) एक नियामक निकाय है जिसकी स्थापना वर्ष 2020 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के आधार पर की गई है।
- यह उपभोक्ता मामले मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में उपभोक्ता अधिकारों के ऐसे उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार नियमों से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए काम करता है, जो कि वर्ग विशेष के रूप में उपभोक्ताओं और आम जनता के हितों के लिए हानिकारक हैं।
दिशानिर्देशों की मुख्य विशेषताएं
- कोचिंग का विस्तार : “कोचिंग” शब्द में शैक्षणिक सहायता, शिक्षा, मार्गदर्शन, अध्ययन कार्यक्रम और ट्यूशन शामिल हैं।
- गलत चयन और नौकरी की गारंटी: कोचिंग संस्थानों को निम्नलिखित के बारे में झूठे दावे करने से प्रतिबंधित किया गया है:
कोर्स की अवधि शिक्षकों की साख
शुल्क संरचना और वापसी नीतियां
चयन दरें और परीक्षा रैंकिंग
नौकरी की सुरक्षा या वेतन वृद्धि की गारंटी - कोर्स की जानकारी: कोर्स की अवधि, शिक्षकों की योग्यता, शुल्क संरचना और धन वापसी नीतियों के बारे में भ्रामक जानकारी देने पर कठोर प्रावधान किया गया है।
विज्ञापन मानक:
शैक्षणिक सहायता, मार्गदर्शन और ट्यूशन से संबंधित सभी प्रकार के विज्ञापन इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत आते हैं।
गैर-शैक्षणिक गतिविधियाँ, जैसे- खेल और रचनात्मक गतिविधियाँ इसमें शामिल नहीं हैं।
- सरकार का दृष्टिकोण : विज्ञापनों की गुणवत्ता “उपभोक्ता अधिकारों” को बनाए रखने वाली होनी चाहिए और भ्रामक जानकारी से बचना चाहिए।
- सहमति आवश्यक: कोचिंग संस्थानों को प्रचार सामग्री में सफल अभ्यर्थियों के नाम, फोटो या प्रशंसापत्र का उपयोग करने से पहले उनसे लिखित सहमति प्राप्त करनी होगी।
- पारदर्शिता: विज्ञापन में में स्पष्ट प्रकटीकरण शामिल होना चाहिए और कोर्स के बारे में सटीक जानकारी प्रदान की जानी चाहिए।
- निष्पक्ष अनुबंध : कोचिंग संस्थानों को अनुमोदन मानकों (जैसे- एआईसीटीई, यूजीसी) के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए अपने संसाधनों, सुविधाओं और कोर्स को सटीक रूप से प्रस्तुत करना होगा।
अनुपालन आवश्यकताएं:
- कोर्स मान्यता: सभी कोर्स को एआईसीटीई या यूजीसी जैसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा मान्यता और अनुमोदन प्राप्त होना चाहिए।
- दंड: किसी भी उल्लंघन के परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत दंड लगाया जाएगा।