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सामान्य अध्ययन-3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास और अनुप्रयोग तथा रोजमर्रा के जीवन पर उनके प्रभाव; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास तथा नई प्रौद्योगिकी का विकास।

संदर्भ: हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिकों ने एक एल्युमीनियम आधारित बैटरी विकसित की है जो इतनी लचीली है कि इसे कागज की तरह मोड़ा जा सकता है और यह छूने में भी सुरक्षित है। उल्लेखनीय है कि यह पारंपरिक लिथियम-आयन प्रौद्योगिकी का एक व्यवहार्य विकल्प प्रस्तुत करती है।

बैटरी प्रौद्योगिकी के बारे में

• नई बैटरी में एल्युमीनियम और जल-आधारित इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग किया गया है, जिससे यह अधिक सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण अनुकूल बन गई है।

• इसमें कॉपर हेक्सासायनोफेरेट (CuHCFe) का कैथोड है, जो पहले से ही एल्युमीनियम आयनों से भरा होता है। यह कैथोड मोलिब्डेनम ट्राइऑक्साइड (MoO₃) वाले एनोड के साथ युग्मित होता है, जिससे एक शक्तिशाली, लचीली बैटरी बनती है, जो बिना टूटे मुड़ सकती है।

• वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप और स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों सहित उन्नत सूक्ष्म उपकरणों का उपयोग किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बैटरी के घटक उच्च प्रदर्शन के लिए पूरी तरह से संतुलित हैं।

• यह प्रौद्योगिकी भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में नैनो विज्ञान और इंजीनियरिंग केंद्र (CeNSE) के सहयोग से नैनो एवं मृदु पदार्थ विज्ञान केंद्र (CeNS) द्वारा विकसित की गई है।

बैटरी की विशेषताएँ

• ऊर्जा कुशल: यह बैटरी ऊर्जा को कुशलतापूर्वक संग्रहीत करती है, 150 चक्रों के बाद भी 96.77% क्षमता बची रहती है, जिससे दैनिक उपयोग होने पर भी इसका जीवनकाल लंबा होता है।

• लचीलापन: यह थोड़ी मुड़ी हुई होने या पूरी तरह से आधी मोड़े जाने पर भी कार्य कर सकती है।

• स्थायित्व: यह बैटरी प्रचुर मात्रा में कच्चे पदार्थों से बनी है और कम विषाक्त है तथा अपने सुरक्षित संचालन के कारण यह पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल है।

• जोखिम में कमी: यह बैटरी लिथियम-आयन सेल से जुड़े अति ताप और विस्फोट के जोखिमों को दूर करती है।

• अनुप्रयोग: पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स, रोल करने योग्य स्मार्टफोन, और इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य उपकरणों के लिए सुरक्षित ऊर्जा भंडारण।

स्रोत:

PIB
IBEF
EnergyWorld

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