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सामान्य अध्ययन 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

संदर्भ: हाल ही में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट से एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया।

अन्य संबंधित जानकारी

• यह 2035 तक मिशन सुदर्शन चक्र के तहत बहुक्षेत्रीय शत्रु हमलों के खिलाफ एक घरेलू राष्ट्रव्यापी सुरक्षा कवच विकसित करने की दिशा में एक कदम है।

• वर्तमान में, भारत के पास रूस द्वारा विकसित तीन S-400 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियाँ हैं।

एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) 

• IADWS एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें मिशन सुदर्शन चक्र के तहत डीआरडीओ द्वारा विकसित सभी स्वदेशी घटक शामिल हैं।

• सभी हथियार प्रणाली घटकों का एकीकृत संचालन डीआरडीओ द्वारा विकसित एक केंद्रीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है। डीआरडीओ, कार्यक्रम की नोडल प्रयोगशाला है।

• मिसाइल और ड्रोन रक्षा प्रणाली, कमांड और नियंत्रण, संचार और रडार सहित हथियार प्रणाली के सभी घटकों ने त्रुटिरहित प्रदर्शन किया, जैसा कि एकीकृत परीक्षण रेंज उपकरणों द्वारा पुष्टि की गई है।

IADWS के घटक

• त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (QRSAM): यह एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जिसे चलती बख्तरबंद टुकड़ियों (एक फॉर्मेशन में एक साथ चलते हुए सैन्य वाहनों के समूह, जैसे टैंक और बख्तरबंद कार्मिक वाहक) को हवाई हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  • अत्यधिक गतिशील प्लेटफार्मों पर स्थापित यह हथियार प्रणाली 3 से 30 किलोमीटर की परिचालन सीमा के साथ गतिशील वायु रक्षा प्रदान करती है।

• अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS): यह चौथी पीढ़ी की, तकनीकी रूप से उन्नत लघु मानव पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली (MANPAD) है, जिसे अनुसंधान केंद्र इमारत द्वारा विकसित किया गया है।

  • यह हथियार प्रणाली 300 मीटर से 6 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्यों को निष्क्रिय कर सकती है, जिसमें ड्रोन और अन्य प्रकार के हवाई खतरे भी शामिल हैं।
  • यह मिसाइल प्रणाली सशस्त्र बलों की सभी तीन शाखाओं की जरूरतों को पूरा कर सकती है।

• निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW): उच्च ऊर्जा प्रणाली एवं विज्ञान केंद्र (CHESS) द्वारा विकसित इस सैन्य प्रणाली की मारक क्षमता 3 किमी. से कम है, जिसमें प्रकाश की चाल से ड्रोन और मिसाइल जैसे लक्ष्यों को निष्क्रिय करने के लिए केंद्रित प्रकाश पुंज का उपयोग करती है।

  • ये निर्देशित ऊर्जा हथियार ड्रोनों के झुंड जैसे खतरों के खिलाफ लागत प्रभावी, तीव्र रक्षा प्रदान करते हैं, महंगे गोला-बारूद पर निर्भरता कम करते हैं और संपार्श्विक क्षति को न्यूनतम करते हैं।

स्रोत:

The Hindu
The Economic Times
The Indian Express

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