संदर्भ: हाल ही में, उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव को मंज़ूरी दी जिसके तहत वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थियों की पहचान ‘परिवार पहचान पत्र-एक परिवार, एक पहचान प्रणाली’ के माध्यम से स्वचालित रूप से की जाएगी और लाभ सीधे उनके खातों में हस्तांतरित किए जाएंगे।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • समाज कल्याण राज्य मंत्री ने बताया कि राज्य में 67.50 लाख वरिष्ठ नागरिक वर्तमान में राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रहे हैं, फिर भी कई पात्र वृद्धजन आवेदन प्रक्रिया पूरी न कर पाने के कारण लाभ से वंचित रह जाते हैं।
  • इस समस्या के समाधान के लिए, समाज कल्याण विभाग, परिवार पहचान पत्र पर उपलब्ध विवरणों से पात्र वृद्धजनों की स्वचालित रूप से पहचान करेगा और उनकी वृद्धावस्था पेंशन उनके 60 वर्ष की आयु पूरी करने के महीने से स्वतः शुरू हो जाएगी।

वृद्धावस्था पेंशन योजना का प्रस्तावित कार्यान्वयन

  • अनुमानित लाभार्थी और व्यय: राज्य के 8,25,000 से अधिक वृद्धजन इससे लाभान्वित होंगे और सरकार इस योजना पर ₹990 करोड़ का अतिरिक्त व्यय वहन करेगी।
  • डिजिटल और स्वचालित सहमति प्रक्रिया: समाज कल्याण विभाग पहले पात्र वरिष्ठ नागरिकों से डिजिटल माध्यमों (SMS, व्हाट्सएप, फोन कॉल आदि) से संपर्क करेगा ताकि योजना के लाभों के लिए उनकी सहमति प्राप्त की जा सके।
    • स्वचालित पहचान प्रक्रिया में, पात्र नागरिक अपनी सहमति और बायोमेट्रिक्स प्रदान करने के लिए स्वयं या सहायता के साथ पेंशन पोर्टल पर जाएंगे।
    • यह कार्य ग्राम पंचायत सहायक या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी किया जा सकता है। कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा घर-घर सेवा वितरण भी उपलब्ध होगा।

परिवार पहचान पत्र – एक परिवार, एक पहचान प्रणाली

  • शुभारंभ: जुलाई 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा।
  • उद्देश्य: यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक परिवार को रोजगार के अवसर एवं कल्याणकारी लाभ प्राप्त हों।
  • विशिष्ट परिवार पहचान पत्र: इस पहल के तहत, प्रत्येक परिवार को एक विशिष्ट 12-अंकीय परिवार पहचान पत्र प्राप्त होता है, जिससे सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लक्षित वितरण में सहायता के लिए एक वास्तविक समय, व्यापक डेटाबेस का निर्माण संभव हो पाता है।
  • वर्तमान में, राज्य में लगभग 3.6 करोड़ परिवार और 15 करोड़ आधार-सत्यापित राशन कार्ड धारक हैं।
    • इन परिवारों के लिए, राशन कार्ड संख्या उनकी पारिवारिक पहचान पत्र के रूप में कार्य करती है और इसे आधिकारिक पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
    • जिन परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, वे पोर्टल पर पंजीकरण करके और परिवार के सभी सदस्यों का विवरण जोड़कर एक नया पारिवारिक पहचान पत्र बना सकते हैं।
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