• गौरतलब है कि पहली बार, किसी राज्य ने हाई-टेक नदी ड्रोन सर्वेक्षण प्रणाली का व्यापक स्तर पर और सटीक उपयोग किया है, जिससे नदियों की सफाई का कार्य आसान हो गया है।

रिवर ड्रोन सर्वे मॉडल के बारे में

  • राज्य स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा, यमुना, गोमती, वरुणा और पांडु जैसी प्रमुख नदियों के लगभग 150 किलोमीटर क्षेत्र का ड्रोन सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
  • क्षेत्रीय कवरेज: यह सर्वेक्षण लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों में किया गया था।
  • कानपुर में जीरो डिस्चार्ज‘ (शून्य विसर्जन) योजना: सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर, नदियों में ‘जीरो डिस्चार्ज’ सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
    • इस योजना के लागू होने के बाद, कानपुर की नदियों में गिरने वाले प्रदूषकों में कमी आएगी, जिससे नदियाँ अपने मूल स्वरूप में वापस आ सकेंगी।
  • गोमती नदी पुनरुद्धार: राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के संरक्षण के लिए ड्रोन-आधारित व्यापक पुनरुद्धार योजना तैयार की जा रही है।
    • ड्रोन से प्राप्त डेटा, डिजिटल मैपिंग और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग का उपयोग नालों को बंद करने और उनके पुनरुद्धार की योजना बनाने के लिए किया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं से होने वाली देरी की घटनाओं में कमी आई है और जवाबदेहिता में वृद्धि हुई है।
    • कागजी प्रक्रियाओं के बजाय डेटा-आधारित शासन की ओर उन्मुखीकरण से कार्यान्वयन की दक्षता और विभागों के बीच समन्वय बेहतर हुआ है।
  • महत्त्व: सर्वेक्षण से नदियों की वास्तविक स्थिति, प्रदूषण के सटीक स्रोतों और नदियों में मिलने वाले अनाधिकृत नालों का पता लगाना आसान हो गया है।
    • इसने प्रत्येक गाँव में स्वच्छता, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण के नए अवसरों का भी सृजन किया है।
    • उत्तर प्रदेश की जनकल्याणकारी नीतियों और अत्याधुनिक तकनीक के सफल एकीकरण के फलस्वरूप, उत्तर प्रदेश आज जल संरक्षण के मामले में देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
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