प्रसंग: भारत की राष्ट्रपति 1 जुलाई, 2025 को गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का औपचारिक उद्घाटन करेंगी।
अधिक जानकारी:
- इस विश्वविद्यालय ने पूरे राज्य के सभी आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों को एक ही नियामक ढांचे के तहत एकीकृत किया है।
- विश्वविद्यालय की आधारशिला 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निमंत्रण पर रखी गई थी।
- यह विश्वविद्यालय गोरखपुर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर, पीपरी, भठाट में 52 एकड़ के परिसर में स्थित है।
- विश्वविद्यालय से पूरे राज्य के 98 आयुष कॉलेज संबद्ध हैं, जिनमें 76 आयुर्वेद, 10 यूनानी, और 12 होम्योपैथी कॉलेज शामिल हैं।
- महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से इनके नियमन को एक ही प्रणाली के अंतर्गत लाया गया है।
- यह विश्वविद्यालय 2021-22 शैक्षणिक सत्र से संचालित हो रहा है और वर्तमान में निम्नलिखित कार्यक्रमों की परीक्षा और शैक्षणिक गतिविधियों की देखरेख करता है: आयुर्वेद में बीएएमएस, एमडी और एमएस; यूनानी में बीयूएमएस, एमडी और एमएस; तथा होम्योपैथी में बीएचएमएस और एमडी।
- विश्वविद्यालय योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध और सोवा-रिगपा जैसी अतिरिक्त शाखाओं में शैक्षणिक और उपचार गतिविधियों की शुरुआत के लिए योजना बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को आयुष श्रेणी में शामिल करने के बाद राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना का विचार प्रस्तुत किया।
