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सामान्य अध्ययन 2: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली-सरकार के मंत्रालय और विभाग; दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका।
संदर्भ:
भारत के चुनाव आयोग ने एक संशोधित SOP(मानक संचालन प्रक्रिया ) जारी किया है जिसमें दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवारों से ईवीएम की जांच और सत्यापन का अनुरोध किया गया।
अन्य संबंधित जानकारी
- भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पिछले साल ईवीएम जांच और सत्यापन प्रणाली शुरू की थी।
- ADR और अन्य की नई याचिका पर अदालत के फैसले के बाद संशोधित एसओपी जारी किया गया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने बदलावों पर सहमति जताई।
जाँच और सत्यापन प्रक्रिया
- जून और जुलाई 2024 में, भरतीय चुनाव आयोग ने प्रशासनिक और तकनीकी एसओपी जारी किए, जिसके तहत दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवारों को इस्तेमाल की गई 5% तक ईवीएम में जली हुई मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर के सत्यापन का अनुरोध करने की अनुमति दी गई।
- SOP(मानक संचालन प्रक्रिया )के अनुसार, इस सुविधा का विकल्प चुनने वाले उम्मीदवार प्रति मशीन 1,400 वोट तक का मॉक पोल आयोजित कर सकेंगे।
- यदि ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों के परिणाम मेल खाते हैं, तो मशीन को परीक्षण में उत्तीर्ण माना जाएगा।
संशोधित SOP के मुख्य प्रावधान:
- 2024 SOP के अनुसार, उम्मीदवारों को ईवीएम के प्रत्येक सेट (बीयू, सीयू और वीवीपीएटी सहित) की जांच के लिए 47,200 रुपये का भुगतान करना होगा।
- नए SOP के तहत, उम्मीदवार के पास अधिक विकल्प हैं – यदि वे केवल स्व-निदान परीक्षण चाहते हैं तो उन्हें प्रति ईवीएम 23,600 रुपये का भुगतान करना होगा, तथा यदि वे मॉक पोल के लिए भी जाने का निर्णय लेते हैं तो उन्हें प्रति ईवीएम 47,200 रुपये का भुगतान करना होगा।
- नई SOP में उम्मीदवार को वीवीपैट पर चुनाव चिन्ह लोड करने का विकल्प भी दिया गया है।
- पात्र उम्मीदवार मॉक पोल में इस्तेमाल किए गए एसएलयू पर लोड किए गए डेटा को अपलोड करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। हालांकि, वी वीपीएटी में पहले से ही वास्तविक उम्मीदवारों के प्रतीकों का डेटा लोड होता है।
- आवेदक पहले से लोड किए गए वी.वी.पी.ए.टी. के प्रतीकों के उपयोग का विकल्प चुन सकता है अथवा मॉक पोल के लिए वी.वी.पी.ए.टी. में प्रतीक लोडिंग इकाइयों पर लोड किए गए प्रतीकों को पुनः लोड करने का अनुरोध कर सकता है।
- नए एसओपी में वीवीपैट पर्चियों और वीडियो फुटेज सहित जांच और सत्यापन प्रक्रिया के रिकॉर्ड को संग्रहीत करने का समय भी बढ़ा दिया गया है।
- प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक महीने से तीन महीने तक डेटा जिला निर्वाचन अधिकारी के पास संग्रहीत रहेगा।
भारत निर्वाचन आयोग
- भारत का निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है।
- यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्य सभा, राज्य विधान सभाओं तथा देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनावों का संचालन करता है।
- चुनाव आयोग एक स्थायी संवैधानिक निकाय है। चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को संविधान द्वारा की गई थी। आयोग ने 2001 में अपनी स्वर्ण जयंती मनाई।
- मूलतः आयोग में केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त होता था। वर्तमान में इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त हैं।
- भारतीय संविधान के भाग XV (अनुच्छेद 324-329) में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के लिए प्रावधान किया गया है। ये अनुच्छेद ECI की शक्तियों, कार्यों, संरचना और संबंधित मामलों को संबोधित करते हैं।