संदर्भ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 19 दिसंबर 2024 तक केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर 8.22 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का पंजीकरण कराया है, जो सभी श्रमिक-प्रधान राज्यों से अधिक है।

  • सबसे अधिक पंजीकरण वाले शीर्ष पांच राज्य हैं:
    • उत्तर प्रदेश: 8.37 करोड़
    • बिहार: 2.96 करोड़
    • पश्चिम बंगाल: 2.64 करोड़
    • मध्य प्रदेश: 1.84 करोड़
    • महाराष्ट्र: 1.73 करोड़

ई-श्रम  पोर्टल के बारे में:

  • ई-श्रम  पोर्टल भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों का समर्थन और सशक्तिकरण करना है, जो राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
  • शुभारंभ: 26 अगस्त 2021 (श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा)
  • ई-श्रम  को उमंग मोबाइल ऐप से एकीकृत गया है, जिससे असंगठित श्रमिक पंजीकरण कर सकते हैं और सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं।
  • विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की बारह प्रमुख योजनाओं, जिनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM-SVANidhi), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) आदि शामिल हैं, जिनको ई-श्रम पोर्टल से एकीकृत किया गया है।
  • यह अन्य पोर्टलों जैसे राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM), स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल और myScheme पोर्टल के साथ एकीकृत है, जो श्रमिक सेवाओं का एकल समाधान प्रदान करता है।

ई-श्रम  पोर्टल के उद्देश्य:

  • बेहतर नीति क्रियान्वयन के लिए असंगठित श्रमिकों का केंद्रीकृत डेटा बेस बनाना।
  • कृषि, निर्माण, घरेलू काम और सड़क विक्रेताओं जैसे क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और लाभों तक पहुंच में सुधार करना।
  • नौकरी मिलान और कौशल विकास के अवसर प्रदान करना।
  • असंगठित श्रमिकों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करके श्रम बाजार की स्थिरता को मजबूत करना।
  • प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और डिजिटल भुगतान के माध्यम से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।

ई-श्रम  पोर्टल की विशेषताएँ:

  • यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN): पंजीकृत श्रमिकों को उनके आधार से जुड़े UAN के माध्यम से लाभों तक आसान पहुंच मिलती है।
  • सिंगल रजिस्ट्रेशन प्रोसेस: आधार और बैंक विवरण जैसे न्यूनतम दस्तावेजों के साथ सरल पंजीकरण, जिसमें लाभार्थियों के लिए स्वयं पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।
  • बहुभाषी समर्थन: यह कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे सभी क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए इसे सुलभ बनाया गया है।
  • शिकायत निवारण तंत्र: श्रमिकों की प्रश्नों और समस्याओं को शीघ्र समाधान देने के लिए एक हेल्पलाइन और समर्थन प्रणाली।
  • रोजगार और कौशल अवसरों के साथ एकीकरण: श्रमिक नौकरी के अवसरों, कौशल प्रशिक्षण, प्रशिक्षु कार्यक्रमों, पेंशन योजनाओं और राज्य-विशिष्ट योजनाओं तक पहुंच सकते हैं।
  • मूल निवासी श्रमिकों के लिए पारिवारिक विवरण: यह परिवार के विवरण को कैप्चर करता है, ताकि प्रवासी श्रमिकों के लिए बाल शिक्षा और महिलाओं से संबंधित योजनाएं प्रदान की जा सकें।
  • BOCW कल्याण बोर्डों के साथ डेटा साझा करना: निर्माण श्रमिकों का डेटा BOCW कल्याण बोर्डों के साथ साझा किया जाता है, ताकि उन्हें कल्याण योजनाओं का लाभ मिल सके।
  • डेटा शेयरिंग पोर्टल (DSP): यह पोर्टल राज्य और संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों के साथ ई-श्रम  लाभार्थी डेटा को सुरक्षित रूप से साझा करने की सुविधा प्रदान करता है, ताकि सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं को प्रभावी तरीके से लक्षित किया जा सके।
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