संदर्भ:
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने 10 लाख रुपये से अधिक के साइबर वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए नई ई-जीरो एफआईआर पहल शुरू की है।
अन्य संबंधित जानकारी:
इस पहल का परीक्षण दिल्ली में किया जा रहा है और शीघ्र ही इसे देश भर में लागू किया जाएगा।
यदि धोखाधड़ी की राशि 10 लाख रुपये से अधिक है तो 1930 हेल्पलाइन या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से की गई साइबर शिकायतें स्वचालित रूप से जीरो एफआईआर में परिवर्तित हो जाएंगी।

यह प्रणाली गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा विकसित की गई है।
इसका उद्देश्य है:
- साइबर अपराधों के पंजीकरण और जांच में तेजी लाना ।
- पीड़ितों को समय पर धन वसूली सुनिश्चित करना।
- साइबर अपराधियों के विरुद्ध त्वरित दंडात्मक कार्रवाई की सुविधा प्रदान करना।
यह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, विशेष रूप से धारा 173 (1) और 1(ii) के तहत नए प्रावधानों का उपयोग करता है ।
दिल्ली के ई-क्राइम पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की जाएगी, चाहे शिकायतकर्ता कहीं भी हो।
इसके बाद इन एफआईआर को संबंधित साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जिससे पूरे देश में कार्रवाई संभव हो सकेगी।
शिकायतकर्ता को जीरो एफआईआर को नियमित एफआईआर में परिवर्तित कराने के लिए तीन दिनों के भीतर अपने स्थानीय साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में जाना होगा।