संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
संदर्भ:
आयुर्वेद दिवस अब प्रतिवर्ष 23 सितंबर को मनाया जाएगा जबकि पहले यह धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) पर मनाया जाता था।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस परिवर्तन का उद्देश्य विश्व स्तर पर आयुर्वेद को पहचान दिलाना और उसका निरंतर अनुपालन सुनिश्चित करना है।
- आयुर्वेद दिवस वर्ष 2016 से प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद को एक वैज्ञानिक, साक्ष्य-आधारित और समग्र चिकित्सा प्रणाली के रूप में बढ़ावा देना है। आयुर्वेद निवारक स्वास्थ्य सेवा और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- वर्ष 2025 का विषय “लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद” है, जो वैश्विक कल्याण और एक स्वस्थ ग्रह के लिए आयुर्वेद की क्षमता का दोहन करने के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।
आयुर्वेद
- यह भारत की एक प्राचीन समग्र चिकित्सा प्रणाली है, जिसका अर्थ है “जीवन का विज्ञान”।
- यह जीवनशैली में परिवर्तन, पोषण और जड़ी-बूटियों जैसे प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारी को रोकने के लिए मन, शरीर और आत्मा को प्रकृति के साथ संरेखित करने पर केंद्रित है।
23 सितंबर को चुनने के प्रमुख कारण

- 23 सितंबर, शरद विषुव से सुमेलित है। शरद विषुव में दिन और रात लगभग बराबर होते हैं, जो ब्रह्मांडीय सामंजस्य का प्रतिनिधित्व करता है, प्रकृति के साथ संतुलन में रहने वाले आयुर्वेद के सार को रेखांकित करता है।
- यह निर्णय व्यावहारिक और प्रतीकात्मक दोनों विचारों द्वारा निर्देशित था।
- आयुर्वेद दिवस, 2016 में अपनी स्थापना के बाद से धनतेरस पर मनाया जाता रहा है। धनतेरस चंद्र कैलेंडर पर आधारित एक त्यौहार है। चूँकि यह कैलेंडर प्रत्येक वर्ष बदलता रहता है (मध्य अक्टूबर और मध्य नवंबर के बीच) जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन के लिए तार्किक चुनौतियां उत्पन्न होती हैं।
- आयुर्वेद दिवस को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने, योजना में एकरूपता सुनिश्चित करने और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी को सुगम बनाने के लिए एक स्थिर और सार्वभौमिक तिथि की आवश्यकता थी।
- आयुष मंत्रालय इस बदलाव को आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य परिदृश्य में शामिल करने और एक निवारक एवं स्थायी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के रूप में इसकी स्थायी भूमिका को उजागर करने के अवसर के रूप में देखता है।
आयुर्वेद दिवस का महत्व
- आयुर्वेद दिवस रोगों की रोकथाम, शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बढ़ावा देने और वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अनुरूप एक समग्र कल्याण दृष्टिकोण की दिशा में आगे बढ़ने में आयुर्वेद के महत्त्व पर प्रकाश डालता है।
- यह दिवस जीवनशैली संबंधी विकारों, जलवायु से जुड़ी बीमारियों और पारिस्थितिक संतुलन को संबोधित करने तथा स्वास्थ्य को पर्यावरणीय स्थिरता के साथ संरेखित करने में आयुर्वेद की भूमिका पर ज़ोर देता है।
- 2016 से आयुर्वेद दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है, जिसे संस्थागत समर्थन के साथ 150 देशों में मनाया जाता है। इस प्रकार यह भारत की सबसे व्यापक रूप से प्रचलित स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और वैश्विक कल्याण में एक उभरती हुई शक्ति बन गया है।
